विवाह बच्चों का खेल नहीं बल्कि यह सामाजिक विकास का एक हिस्सा है
बाल विवाह नहीं करने को लेकर छात्र छात्राओं ने लिया संकल्प
पंकज बैरागी
सुवासरा- विवाह बच्चों का खेल नहीं है,बल्कि यह सामाजिक विकास का एक हिस्सा है। विवाह के लिए किशोर- किशोरियों का शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। बाल विवाह सिर्फ एक बुराई ही नहीं,बल्कि एक सामाजिक अपराध है। इसे मिटाना हम सभी की जिम्मेदारी है। यह नसीहत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यक्रम में परामर्शदात्री टीना सोनी ने छात्र- छात्राओं को दी।
बीते रोज शासकीय हाई स्कूल गुराड़िया विजय में आयोजित परामर्श सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि कम उम्र में विवाह होना किशोर- किशोरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को प्रभावित करता है। यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। बाल विवाह से जब किशोरियां कम उम्र में गर्भवती होती है,तो मातृ- शिशु मृत्यु तथा कुपोषण और एनीमिया के मामलों में बृद्धि होती है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती है।
आप लोगों को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम न कम उम्र में बाल विवाह करेंगे और न अपने आसपास किसी का होने देंगे। जिस पर सभी छात्र- छात्राओं ने हाथ उठाकर एक स्वर में इस संकल्प को दोहराया। इस दौरान किशोरावस्था में होने वाले शरीरिक बदलाव एवं मादक पदार्थो के सेवन से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जानकारी दी गई। स्कूल के प्राचार्य बालाराम राठौर और सभी शिक्षकगण इस दौरान उपस्थित रहें।
सिर्फ एक कॉल से रुकेगा- बाल विवाह
उन्होंने छात्र छात्राओं को बताया कि बाल विवाह की जानकारी मिलने पर हम उसे रोकने के लिए सिर्फ एक कॉल करने की जरूरत है। हमारा छोटा सा प्रयास किसी बच्चे के भविष्य को खुशहाल बनाने में सहायक हो सकता है। हम स्थानीय पुलिस को 100 नंबर अथवा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है।
बाल विवाह को निरस्त भी करा सकते है
यदि किसी किशोर या किशोरी के बाल विवाह हो जाता है और वह अपने बाल विवाह को रद्द (शून्य घोषित) कराना चाहता है, तो कानून में इसकी व्यवस्था है। बाल विवाह को शून्य कराने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महिला एवं बाल विकास विभाग से मदद ली जा सकती है। चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर कॉल करके भी सहायता प्राप्त की जा सकती है