रतलामताल

सर्व सुविधायुक्त जावरा को जिला बनाया जाए ,नागदा को ही क्यों?-पूर्व पार्षद अरूण सकलेचा

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   ताल — शिवशक्ति शर्मा

पूर्व पार्षद एवं सामाजिक कार्यकर्ता अरूण सकलेचा ने मांग की है कि सर्व सुविधायुक्त जावरा को जिला बनाया जाए।

उन्होंने बताया अजब विण्डम्बना है कि मुख्यमंत्री जी द्वारा नागदा को राजनैतिक दबाव में जिला बनाने का आश्वासन दे दिया जो सर्वथा अनुकूल नहीं है।जिसका ताल , आलोट , और खाचरौद तहसील द्वारा पुरजोर विरोध दर्शाता है कि घोषणा मे चुक हुई है !

जावरा आजादी पूर्व अलग नवाबी रियासत रही है, ( अनेक क्षेत्र जावरा रियासत का हिस्सा रहा है )हिन्दु – मुस्लीम एकता की अदभुत मीसाल है , सभी समाज द्वारा आपसी भाईचारा , दिल्ली मुम्बई 8 लेन , 4 लेन रोड़, रेल्वे, आदर्श मण्डी , बटालियन , हुसैन टेकरी जहां देश विदेश के लोग आते हैं,चारो और बेहतरीन रोड़ सुविधा , शानदार कोर्ट , जैन तीर्थ दादावाड़ी, जैन अष्टापद तीर्थ , मीन्डाजी त्रीवेणी संगम , संत उदासीन सम्प्रदाय आश्रम , मंगलदास जी का आश्रम, चर्च , गुरु द्वारा साहिब , रोग्यादेवी मन्दिर , सुजापुर माताजी ,सभी समाजों के मंदिर , मज्जीत , आबुसईद , टेकरी शरीफ,शा .अस्पताल , महिला अस्पताल , पोलीटेक्निक कालेज , शा. कालेज , शा. विद्यालय की पुरी श्रृंखला विद्यमान होकर,शानदार धर्मशालाएं , उद्योग एवं औद्योगिक क्षेत्र, बगीचे, बसों की पुर्ण सुविधा, सभी प्रमुख सामाजिक संस्थाएं , अन्य सभी प्रमुख सुविधाएं जनसंख्या सहीत ,शानदार नपा , सुखेड़ा , पिपलोदा , ताल ,आलोट , ढोढर ,बडावदा , और खाचरौद सभी को मिलाकर पुर्ण जावरा को जिला बनाया जा सकता है। नागदा से डबल जनसंख्या , तीन गुना क्षेत्र , मुख्यमंत्री जी पुनः विचार करे ! ये वो क्षेत्र है जहाँ मुख्यमत्री स्व . श्री कैलाशनाथ काटजू हुए , सुप्रीम कोर्ट के जज, गृह मंत्री , उद्योग मंत्री , शिक्षा मंत्री , कृषि मंत्री , मालवा के गांधी लक्ष्मीनारायण पाण्डेय, वर्तमान विधायक जी , सांसद महोदय जी जैसे महान अनुभवी नेतागणों ने प्रतिनिधित्व किया है , विगत वर्षो से क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है ।जिले की 25 वर्ष पुरानी मांगों को दरकिनार करना उचित प्रतीत नही होता है, विरोध तो होगा ही! अतः मुख्यमंत्री पुनः विचार कर अपनी भूल को सुधार कर इस क्षेत्र की आम जनता को उपकृत कर अनुगृहित करें।तभी ताल, आलोट, जावरा व खाचरोद की जनता का आक्रोश ठण्डा होगा अन्यथा आंदोलन और उग्ररूप लेगा। कृपया मांग पर निष्पक्ष एवं गंभीर रूप से विचार कर तत्काल निराकरण किया जाएं।

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