मध्य प्रदेश के सभी आठ हजार हायर सेकंडरी स्कूलों में शुरू किया जाएगा कृषि संकाय
मध्य प्रदेश के सभी आठ हजार हायर सेकंडरी स्कूलों में शुरू किया जाएगा कृषि संकाय
भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अगले सत्र से कृषि संकाय शुरू किया जाएगा।जिस तरह से कला, विज्ञान व कामर्स संकाय संचालित है। उसी तरह अब कृषि संकाय भी होगा।वर्तमान में प्रदेश के 18 सरकारी स्कूलों में कृषि संकाय का पाठ्यक्रम संचालित है। इसे अगले सत्र से करीब आठ हजार हायर सेकेंडरी स्कूलों में शुरू होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने संकाय को शुरू करने के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन करने के निर्देश दिए हैं। यह पाठ्यक्रम उन स्कूलों में प्रारंभ होगा, जिनके पास एक से डेढ़ बिगहा भूमि है। वहीं, जिन स्कूलों के पास कृषि के लिए भूमि नहीं होगी। वहां आसपास के किसानों से अनुबंध (एमओयू) करवाया जाएगा, ताकि विद्यार्थी वहां जाकर प्रैक्टिकल कर सकें। मप्र को कृषि प्रधान राज्य माना जाता है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि सरकारी स्कूलों में कृषि और उससे संबद्ध विषय उद्यानिकी, मत्स्य पालन, डेयरी, पशुपालन आदि विषयों की पढ़ाई आरंभ किया जाए। स्कूल स्तर पर इस संकाय को प्रारंभ करने के लिए शिक्षाविदों, शिक्षकों, स्वयंसेवी संस्था और विषय-विशेषज्ञों की टास्क फोर्स गठित की कई है।
स्कूलों से प्रपोजल मांगा गया
स्कूल शिक्षा विभाग ने आगामी शैक्षणिक सत्र से लगभग आठ हजार हायर सेकेंडरी स्कूलों में कृषि और उससे संबद्ध विषय प्रारंभ करने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलों को स्कूल चिन्हित करने के लिए कहा गया है। इसमें उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके पास एक से डेढ़ बिगहा भूमि है। यदि कोई ऐसा स्कूल है,जहां इस विषय को प्रारंभ करना है, लेकिन स्वयं की भूमि नहीं है। वहां स्कूल के आस-पास के किसानों के साथ अनुबंध किया जाएगा ।
कृषि विषय के शिक्षक भी रखे जाएंगे
जिन स्कूलों में 70 विद्यार्थी होंगे। उसी स्कूल में कृषि संकाय खोला जाएगा। साथ ही कृषि विषय को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भर्ती की जाएगी। साथ ही विशेषज्ञों को भी रखा जाएगा।
रोजगाराेन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है
सचिव,स्कूल शिक्षा विभाग डा संजय गोयल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा में रोजगाराेन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसमें कृषि पाठ्यक्रम को भी शाामिल किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के सभी स्कूलों में कृषि संकाय शुरू किया जाएगा। इसमें विद्यार्थी खेत में जाकर प्रैक्टिकल भी करेंगे।