पटना मेट्रो परियोजना में बड़ा हादसा, टनल धसने से मजदूर की मौत, तीन की जान जाने का दावा
पटना मेट्रो परियोजना में बड़ा हादसा, टनल धसने से मजदूर की मौत, तीन की जान जाने का दावा
पटना-
बिहार की राजधानी पटना में चल रही मेट्रो परियोजना में सोमवार रात हुए हादसे ने कई परिवारों में कोहराम मचा दिया। निर्माणाधीन मेट्रो टनल में अचानक एक हिस्सा धसक जाने से कई मजदूर मलबे में फंस गए। अधिकारियों के अनुसार इस हादसे में एक मजदूर की जान गई है, जबकि मजदूरों का दावा है कि तीन मजदूरों की जान चली गई है। घटना से जुड़ी जानकारी के अनुसार, टनल निर्माण में सुरक्षा उपायों की कमी के चलते यह हादसा हुआ। दिवाली और छठ त्योहार के समय परिवारों के लिए मजदूरों की ये दुखद खबर अत्यंत कष्टदायक है।
हादसे का विवरण
मामला पटना के मेट्रो परियोजना स्थल का है, जहां निर्माण कार्य के दौरान सोमवार की रात लगभग 10 बजे एक टनल का हिस्सा अचानक धसक गया। इस दुर्घटना में कई मजदूर दब गए और घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया, लेकिन मलबे के बीच फंसे कुछ मजदूरों को सुरक्षित निकालने में काफी समय लग गया। अधिकारियों ने इस हादसे में एक मजदूर की मौत और कई के घायल होने की पुष्टि की है।
हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद मजदूरों और चश्मदीदों का दावा है कि हादसे में तीन मजदूरों की जान गई है और प्रशासन वास्तविक आंकड़े छुपाने की कोशिश कर रहा है।
प्रशासन और मेट्रो प्रबंधन का बयान
हादसे के बाद पटना मेट्रो परियोजना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बयान जारी कर बताया कि निर्माण स्थल पर सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है, और इसके कारणों की पूरी जांच कराई जाएगी। बिहार मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRC) के अनुसार हादसे के समय श्रमिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा था, फिर भी टनल का हिस्सा क्यों धसक गया, इसकी जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।
मेट्रो प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया कि दुर्घटना में मारे गए मजदूर के परिवार को मुआवजा और अन्य सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, सभी घायल मजदूरों का इलाज स्थानीय अस्पताल में किया जा रहा है और उनकी स्थिति की नियमित निगरानी की जा रही है।
मजदूरों के आरोप और विरोध
टनल हादसे के बाद मेट्रो निर्माण स्थल पर कार्यरत मजदूरों में आक्रोश है। मजदूरों का आरोप है कि निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है, जिसके चलते उनकी जान को जोखिम में डालकर काम कराया जा रहा है। कई मजदूरों ने आरोप लगाया कि टनल की सुरक्षा को लेकर प्रबंधन लापरवाह रहा है, जिससे यह हादसा हुआ। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है, और इस हादसे से उनके जान का खतरा और अधिक बढ़ गया है।
मजदूरों ने सरकार और प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि हादसे में जिन मजदूरों की जान गई है, उनके परिवारों को उचित मुआवजा और सहायता मिलनी चाहिए।
दिवाली और छठ से पहले परिवारों में मातम
हादसे में मारे गए मजदूरों के परिवारों के लिए यह बेहद दुखद समय है। दिवाली और छठ जैसे महापर्वों से पहले उनके घरों में खुशियों की जगह मातम छा गया है। मारे गए मजदूरों के परिवारों ने आरोप लगाया कि उनके प्रियजन परिवार के लिए त्योहार पर खुशी लाने के उद्देश्य से दिन-रात मेहनत कर रहे थे, लेकिन इस हादसे ने सबकुछ बर्बाद कर दिया।
इस दर्दनाक हादसे ने मेट्रो निर्माण परियोजना में मजदूरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा इस ओर भी इशारा करता है कि इस तरह की बड़ी परियोजनाओं में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा के प्रति ठोस उपाय किए जाने की जरूरत है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को चाहिए कि इस घटना की गहन जांच कराई जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएं।