उत्तराखंड नहीं भोपाल की हैं महाकुंभ की ‘सुंदर साध्वी’, पिता प्राइवेट बस कंडक्टर, मां चलाती हैं बुटीक

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उत्तराखंड नहीं भोपाल की हैं महाकुंभ की ‘सुंदर साध्वी’, पिता प्राइवेट बस कंडक्टर, मां चलाती हैं बुटीक
भोपाल। प्रयागराज में महाकुंभ के मेले में शामिल होकर भोपाल की हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया की नई सनसनी बन गई हैं। दो दिन पहले उनका एक वीडिया सामने आया है, जिसमें वह रथ पर साधु-संतों के साथ बैठी दिखाई दे रही हैं। कई लोगों ने उन्हें साध्वी की संज्ञा दे दी। फोटो-वीडियो को सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्मों पर पोस्ट करना शुरू कर दिया। हर्षा ने बाद में स्पष्ट किया कि वह साध्वी नहीं हैं, लेकिन आध्यात्म से जुड़ी हैं। हर्षा भोपाल की रहने वाली हैं। हर्षा ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग और एंकरिंग से की थी। करीब पांच वर्षों तक उन्होंने अपना प्रोफेशन जारी रखा।
हर्षा की मां चलाती हैं बुटीक
हर्षा रिछारिया की मां किरण रिछारिया परिवार के साथ भोपाल में रहती हैं। उन्होंने बताया कि हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया प्राइवेट बस में कंडक्टर हैं। मेरा हर्षा से छोटा एक बेटा कपिल है, जो प्राइवेट कंपनी में काम करता है।
हर्षा नहीं बनेगी साध्वी- मां
मां किरण रिछारिया ने हर्षा के साध्वी बनने की बात पर कहा कि वह कभी साध्वी नहीं बनेगी। उसका सनातन की ओर रुझान है। वह उसके लिए काम करती रहेगी। वह अभी भोपाल से ज्यादा हरिद्वार में समय बिताती है। उसने कैलाश नंद गिरी महाराज से गुरुदीक्षा ली है। वह महादेव की कृपा से फेमस हुई है।
शादी का फैसला बेटी पर छोड़ा- पिता
हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया ने कहा कि हमने बेटी का हमेशा साथ दिया है। उसके फैसलों ने हमें कभी परेशान नहीं किया है। हम उससे खुश हैं। शादी के सवाल पर कहा कि उसकी शादी की कोई प्लानिंग है। वह उसको ही तय करना है।