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जयपुर: झालरापाटन कान्हा जी से मिलने और संन्यास लेने घर से निकली 12 साल की खुशी, मां को मिली चिट्ठी

जयपुर: झालरापाटन कान्हा जी से मिलने और संन्यास लेने घर से निकली 12 साल की खुशी, मां को मिली चिट्ठी

जयपुर:राजस्थान के झालरापाटन शहर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक 12 वर्षीय किशोरी अपने से घर से निकल गई. वहीं उसने अपनी मां को बताया है कि वह कान्हा जी से मिलने और संन्यास लेने जा रही है. बताया जाता है कि 12 वर्षीय खुशी अत्यधिक धार्मिक प्रवृत्ति की है. लेकिन उसकी यह अध्यात्म अब परिवार के लिए परेशानी का सबब बन गया है. खुशी अपनी मां को छोड़कर घर से चली गई है. उसने बताया है कि वह मथुरा जा रही है और वह वहां राधा-कृष्ण के पूजा में मगन हो जाएगी.

खुशी ने मां के लिए लिखी चिट्ठी:

झालरापाटन के सेटेलाइट अस्पताल में कार्य करने वाली हेमकंवर पर उस वक्त पहाड़ टूट पड़ा. जब उनकी 12 वर्षीय बेटी खुशी की चिट्ठी घर में रखी हुई देखी. इसमें लिखा है कि उनकी बेटी संन्यास ले रही है. हेम कंवर का पति से तलाक हो चुका है तथा वह अपनी 12 वर्षीय बेटी खुशी के साथ झालरापाटन शहर में रहती हैं, हेम कंवर ने बताया कि उनकी 12 वर्षीय बेटी अत्यधिक धार्मिक प्रवृत्ति की है तथा सोमवार का व्रत होने के कारण वह स्कूल नहीं गई थी. जिसको घर पर छोड़कर हेमकंवर अपनी ड्यूटी पर चली गई. जब वह 3:00 बजे वापस लौटकर घर आई तो उसने देखा कि उनकी बेटी घर में कहीं भी नहीं थी. ऐसे में उन्होंने उसको घर में ढूंढा तथा आसपास तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिली. बाद में उनको घर में एक चिट्ठी मिली, जिसमें उनकी बेटी ने घर छोड़कर मथुरा जाने एवं संन्यास लेने की बात लिखी है. चिट्ठी पढ़कर मां हेम कंवर के पैरों से जमीन खिसक गई और वह तुरंत अपने रिश्तेदारों को साथ लेकर झालरापाटन थाने पहुंची. जहां पर मामला दर्ज करवाया गया है. रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने किशोरी को ढूंढना शुरू कर दिया है.

घर से लिये 1000 रुपये:

झालरापाटन शहर में एक अपार्टमेंट में किराए से रहने वाली चिकित्सा कर्मी हेमकोवर ने बताया कि उनकी पुत्री खुशी अत्यधिक धार्मिक प्रवृत्ति की है तथा वह धार्मिक कार्यों में बेहद रूचि रखती है. खास तौर पर वह मथुरा जाकर राधा और कृष्णा से संबंधित सभी वस्तुएं एवं उनके बारे में जानने की जिज्ञासा मन में रखती है. दोनों मां बेटी अक्सर मथुरा जाने का प्लान भी बनाया था. लेकिन उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि उनकी 12 वर्षीय बालिका के मन मस्तिष्क पर इतना अधिक प्रभाव पड़ेगा कि वह संन्यास लेने का सोच लेगी. बालिका ने घर में छोड़ी हुई चिट्ठी में लिखा है कि वह घर से सिर्फ 1000 रुपये और अपनी जरूरत के सामान ले रही है तथा मथुरा पहुंचकर राधा और कृष्ण की मस्ती में मस्त रहेगी. बालिका ने यह भी लिखा है कि मुझे ढूंढने मत आना मैं तुम्हें वहां कहीं भी नजर नहीं आऊंगी. उसने साफ तौर पर संन्यास लेने की बात भी चिट्ठी में लिखी है।

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