ताल में 41फीट ऊंचे रावण का दहन हर्षोल्लास के साथ किया गया – आतिशबाजी अपेक्षाकृत निराशाजनक रही
ताल –ब्यूरो चीफ शिवशक्ति शर्मा
बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय के पर्व विजयादशमी पर नगर में दशहरा मैदान में 41 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया ।रावण दहन के पूर्व लंका दहन के प्रतीक के रूप में रंगारंग आतिशबाजी की गई जो आमजनों की प्रतिक्रिया नुसार अपेक्षाकृत निराशाजनक रही।
राम रावण संवाद, हनुमान रावण संवाद एवं लक्ष्मण मेघनाद के संवादों का मंचन भी रामलीला के कलाकारों ने किया ।जैसे ही राम ने रावण के पुतले की नाभि में अग्निबाण मारा वैसे ही रावण का पुतला धूं धूं करके जल उठा ।राम, लक्ष्मण बने कलाकारों का पूजन दशहरा उत्सव समिति के अनिल शुक्ला, राजेश परमार, नगर परिषद अध्यक्ष मुकेश परमार, पार्षद पवन मोदी,बंकट राठौड़, पंकज शुक्ला, तहसीलदार कुलभूषण शर्मा आदि ने की। पूजन पंडित सत्यनारायण चतुर्वेदी ने करवाया।अंबे माता मंदिर पर महा आरती हुई। यहां पर शतचंडी यज्ञ की पूर्णाहुति भी हुई। श्री बालाजी के बाग में महा आरती के बाद हलवे का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया गया ।मकनपुरा में भी बालाजी के मंदिर में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा । लोगों ने घर घर जाकर एक दूसरे को बधाई दी।शुक्रवार की रात घट स्थापना वाले पंडालों में देवी यज्ञ के साथ घट स्थापना विसर्जन हुआ। शनिवार दोपहर तक अंबे की प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर चलता रहा ।विसर्जन के पूर्व अंबे की प्रतिमाओं का नगर में भव्य जुलूस निकाला गया।