समस्यामंदसौरमध्यप्रदेश

उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की साख को बट्टा लगाते आबकारी डीईओ चौधरी

 

गांव-गांव में खुल गए अवैध शराब के महखाने,,महिलाये और नाबालिक बच्चे बेच रहे अवैध शराब,दिखावटी कार्यवाही करके इतिश्री कर लेता है आबकारी विभाग

जहरीली शराब कांड के बाद भी सख्ते में नही आया प्रशासन,सोनगरा के माध्यम से होती है महीन लाखो की वसूली

बलवंत भट्ट

मंदसौर :- मंदसौर जिले को आने वाले समय का उड़ता मंदसौर कहा जाए तो इसमे कोई बुराई नही होगी। अफीम,डोडाचूरा लेकर अब अन्य कई प्रकार की ड्रग्स के मामले में सुर्खियों में रहने वाला मंदसौर पिछले समय मे जहरीली शराब का दंश भी झेल चुका है जिसमे 11 लोगो की मौत हुई थी। आश्चर्य की बात तो यह है की जिले में इतने बड़े जहरीली शराब कांड के बाद भी कुछ नही बदला है,गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री हो रही है कई जगह अवैध महखाने चल रहे है यहा तक की महिलाएं और नाबालिक बच्चे भी अवैध शराब के कारोबार में लिप्त नजर आ रहे है,जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण हाल ही में आबकारी विभाग द्वारा सीतामऊ क्षेत्र में हुई कार्यवाही है जहा आबकारी विभाग ने एक महिला को किराना की दुकान पर अवैध शराब बेचते हुए पकड़ा है। खेर यह कार्यवाही कोई कार्यवाही नही कही जा सकती क्यो की जिले के सैकड़ों ऐसे गांव है जहा पर अवैध शराब का विक्रय हो रहा है। कही राजस्थान से अवैध शराब लाकर बेची जा रही है तो कही हाथ भट्टी से बनाकर अवैध शराब निकाली जा रही है। सड़को किनारे बने ढाबों पर अवैध शराब धड़ल्ले से पड़ोसी जा रही है। स्थानीय पुलिस की लगातार कार्यवाही के बावजूद भी अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश नही लग पा रहा है जिसका मुख्य कारण यह भी है की आबकारी विभाग जिनका जिम्मा शराब की दुकानों के संचालन के साथ अवैध शराब बनने और उसको विक्रय होने से रोकने का है वह सिर्फ कागजी कार्यवाही कर इतिश्री कर लेते है। आबकारी आयुक्त से लेकर कमिश्नर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को एक बार प्रदेश के आबकारी मंत्री के ग्रह जिले में आकर यहा के ग्रामीण क्षेत्रो का भौतिक सत्यापन जरूर कर लेना चाहिए ताकी उनको मंदसौर जिले के हालातों का पता चल सके। जब प्रदेश के आबकारी मंत्री के ग्रह जिले में यह हाल है तो प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिती का अंदाजा लगाया जा सकता है। अवैध शराब परोसने वाले ढाबा संचालकों से लेकर गांव-गांव में बिक रही अवैध शराब की कहानियां आबकारी विभाग से छुपी नही है लेकिन मासिक बंदी के फेर में उलझे आबकारी विभाग के अधिकारी कोई ठोस कार्यवाही नही कर पा रहे है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा जो चाहिए की वह आबकारी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करें ताकी अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी छवि को धूलित होने से बचाया जा सके।

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