मंदसौरमध्यप्रदेश

स्क्रीन टाइम से बच्चों में भी बढ़ रहा दृष्टि दोष


मंदसौर में ऑप्टोमेट्री मीट का हुआ आयोजन

 
मंदसौर। मालवा मेवाड़ ऑप्टोमेट्रिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन एवं रोहित आई हॉस्पिटल  इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में ऑप्टोमेट्री मीट का आयोजन  हुआ। एसोसिएशन के संरक्षक ऑप्टम कमलेश सेठिया एवं अध्यक्ष सुनील मालवीय ने बताया कि बच्चों में बढ़ रहे दृष्टि दोषों एवं मधुमेह  से होने वाले नेत्र रोगों  के बारे मे मार्गदर्शन और जागरूकता बढाने के लिए मंदसौर में ऑप्टोमेट्री मीट  का आयोजन किया गया।   जिसमें अंचल  के 50 से अधिक दृष्टि दोष विशेषज्ञ (ऑप्टोमेट्रिस्ट) शामिल हुए।
रोहित आई हॉस्पिटल इंदौर की डॉ. पलक अग्रवाल’ ने कहा.कि “छोटी उम्र और किशोरावस्था में ही आंखों का कमजोर हो जाना आज के टाइम पर एक बड़ी समस्या है। एक वक्त पर जब आंखों की रोशनी सिर्फ बुजुर्गों में कम होती थी, लेकिन अब छोटे-छोटे बच्चे भी चश्मा लगाए हुए दिख जाते हैं। आज के वक्त में ज्यादा स्क्रीन टाइम बिताना बच्चों में कमजोर दृष्टि का मुख्य कारण बन रहा है। उम्र 5 साल हो या 22 साल हर कोई अपने दिन के आधे से ज्यादा वक्त स्क्रीन पर बिता रहा है, फिर चाहे वो टीवी हो मोबाइल हो या फिर लैपटॉप। आंखों के लिए विटामिन और मिनरल्स  बहुत जरूरी है। डाइट में इनकी कमी आंखों की समस्याएं उत्पन्न करती है।आंखों की सेहत के लिए बच्चों को आउटडोर खेल  के अलावा प्रतिदिन एक घंटा धूप में अवश्य बिताना चाहिए। संतुलित आहार आंखों को लंबी उम्र तक स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है।
रेटिना  विशेषज्ञ डॉ. रोहित अग्रवाल ने बताया’,की “मधुमेह का भी आँखों पर गंभीर एवं नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैस मरीजों को प्रत्येक छः माह में रेटिना की जांच अवश्य करवानी चाहिए। बदलती लाइफ स्टाइल से टाइप टू डायबिटिज़ के ज्यादा मामले सामने आ रहे है , उन्हें वर्ष में एक  डायबिटिक रेटिनोपैथी की स्क्रीनिंग करवान चाहिए  ताकि डायबिटिक रेटिनोपेथी से होने वाले अंधेपन रोका जा सके।
सुप्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ  ओ पी अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान परिवेश में अपनी प्रैक्टिस को आधुनिक संसाधनों के साथ अपग्रेड करने  जरूरत है  ताकि मरीजों को इसका लाभ मिल सके।” उन्होंने मोतियाबिन्द की रोबॉटिक सर्जरी और मल्टी फोकल लेंस  के बारे मे भी जानकारी दी।
दृष्टि दोष से जुड़े रोग, सावधानियां एवं उपचार को लेकर जागरूकता फैलाने बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई। ऑप्टोमेट्रिस्ट कमलेश सेठिया ने बताया कि सभी को अपनी आंखों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ या दृष्टि दोष विशेषज्ञ (ऑप्टोमेट्रिस्ट) से ही करवाना चाहिए क्योंकि चश्मे के नंबर निकलते समय विशेषज्ञ आपकी पूरी आंख की जांच करता है जिसमें नेत्र रोगों की जांच भी होती है और उसी हिसाब से तालमेल बिठाकर आपका सही चश्मा बनता है लेकिन किसी चश्मे की दुकान पर अयोग्य व्यक्ति द्वारा जांच करवाने पर आंखों को नुकसान होता है और नंबर ज्यादा बढ़ने लगते हैं। कार्यक्रम के अंत में आभार ओमेश गहलोत ने व्यक्त किया।

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