4 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी परिवीक्षावधि, खत्म होने का असिस्टेंट प्रोफेसर कर रहे हैं इंतजार
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 2019 में नियुक्त किए गए 500 से अधिक सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ाधिकारी अभी तक अपनी परिवीक्षावधि पूर्ण नहीं कर पाए हैं, जबकि भर्ती नियम 1990 के तहत इनकी परिवीक्षावधि 2 वर्ष में ही समाप्त होना चाहिए थी| इससे उन्हें मानसिक अवसाद, वित्तीय समस्याओं और निराशा का सामना करना पड़ रहा है। इन सहायक प्राध्यापकों ने ज्ञापन, ट्विटर और आवेदनों के माध्यम से बार-बार अपनी माँग प्रशासन-शासन के सामने उठाई है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दूसरी ओर, उच्च शिक्षा मंत्री जी का आदेश है कि कोई भी शासकीय कर्मचारी उनसे अपनी मांगों के लिए सीधे भेंट नहीं कर सकते, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष और बढ़ गया है।
अतः हम संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि इनकी परिवीक्षा समाप्त करने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश जारी करें, जिससे इन व्यथित कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो सकें और ये पूर्ण मनोयोग से अपने कर्तव्य को निभा पाने में सक्षम हो सकें।