कांग्रेस नेता बाहेती ने उठाये बिजली कंपनी पर सवाल, गड़बड़ी को मानवीय भूल बता रहे एमपीईबी अधिकारी,तो क्यों नहीं कर रहे स्मार्ट मीटर की जांच
स्मार्ट मीटर के खिलाफ हुआ आंदोलन तो कम हो गए 600 से ज्यादा बिजली बिल
बिल कम कर अपनी खामियों को छुपा रहे हैं एमपीईबी के अधिकारी
नीमच। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद नीमच शहर में बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को कई गुना अधिक बिजली बिल थमा दिए थे,कई उपभोक्ताओं को 50 हजार तक के बिल भिजवा दिए,जब इस मामले के विरुद्ध आवाज़ उठी एवं स्मार्ट मीटर के विरुद्ध आंदोलन हुआ तो बिजली कंपनी ने चुपचाप करीब 600 से ज्यादा उपभोक्ताओं के बिजली बिल कम कर दिए,अब बिजली कंपनी इस बड़ी गड़बड़ी को मानवीय भूल का नाम देकर अपनी गलती छीपाना चाहती है तो अगर यह गड़बड़ी मानवीय भूल है,तो एमपीईबी के अधिकारी उपभोक्ताओं की शिकायत पर स्मार्ट मीटर की जांच करने से क्यों बच रहे है ?
कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य ने विद्युत वितरण कंपनी पर सवाल उठाते हुए कहा बिजली कंपनी ने पिछले दिनों सैकड़ो उपभोक्ताओं को जानबूझकर पचास हजार रु से अधिक के बिजली बिल दे दिए थे,जब मेरे द्वारा प्रेस वार्ता कर प्रमाण सहित इसका खुलासा किया गया तो आनन फ़ानन ने बिजली कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को कम कर 3-5 हजार तक कर दिए। बिजली कंपनी का अधिकारियों ने कहा कि मीटर रीडिंग के लिखने पढ़ने में गलती हो गई थी इस वजह से बिल ज्यादा आ गए और यह मानवीय भूल है।बाहेती ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा की अगर यह मानवीय भूल है तो ऐसी हीं मानवीय भूल अन्य जगह भी तो हो सकती है। बिजली कंपनी दूसरी जगहों पर स्मार्ट मीटर की जांच क्यों नहीं करवाना चाहती। बाहेती ने नीमच के सारे स्मार्ट मीटर की जांच होनी चाहिए।
बाहेती ने कहा की आज भी शहर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली के बढे हुए की शिकायत लगातार आ रही है,लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारी किसी भी उपभोक्ता की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। श्री बाहेती ने बताया कि स्मार्ट मीटर से परेशान लोगों की समस्याओं को जानने के बाद उन्होंने शहर के भारतमाता चौराहा पर गैर राजनीतिक आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन किया था। मौके पर बिजली कंपनी के अधिकारी भी पहुंचे थे,जिन्होंने जनता को कई बड़े-बड़े आश्वासन दिए और कहा था की हम हर शिकायत पर जांच करवाएंगे लेकिन उपभोक्ता को जांच करने का आवेदन लेकर जाते हैं और उन्हें आवेदन को रद्दी में फेंक दिया जाता है। हालात यह है कि बिजली कंपनी के अधिकारियों ने जो वादे किए थे और जो बाते कहीं थे,वे उन पर कायम नहीं रह पाए तो कोई उनपर कैसे भरोसा करें।
*10 लोगों को खड़ा कर ऐसा माहौल बनाया, जैसे सुधर गए हालात*-
श्री बाहेती ने आरोप लगाया कि आंदोलन के बाद एमपीईबी के अधिकारियों ने 10 उपभोक्ताओं को कैमरे के सामने खड़ा कर शहर में ऐसा माहौल बनाया कि स्मार्ट मीटर को लेकर जितनी भी शिकायतें और समस्याएं थी, उनका निराकरण कर दिया,जबकि हालात ये हैं कि रोजाना और लोग अपनी शिकायते लेकर एमपीईबी कार्यालय पहुंच रहे हैं, पर उनकी सुनवाई करने को कोई तैयार नहीं है। श्री बाहेती ने बताया कि एमपीईबी ने करीब स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिलों के अधिक तेजी से दौड़ने संबंधित करीब 600 गड़बड़ियों को सुधार पर बिजली कंपनी और स्मार्ट मीटर की बदनामी नहीं हो, इसलिए 10-12 ही गड़बड़िया के बारे में बताया और जिसे भी मानवीय भूल बताया है।
-पूरी स्थिति स्पष्ट नहीं होगी तो पुनः आंदोलन,तब नहीं लगाए स्मार्ट मीटर-
कांग्रेस नेता बाहेती ने कहा की स्मार्ट मीटर के विरुद्ध आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। आंदोलन के पहले चरण में 40 चौराहे पर स्मार्ट मीटर की होली जलाई थी। अगर बिजली कंपनी ने स्मार्ट मीटर के बिजली बिलों से उपभोक्ताओं को संतुष्ट नहीं किया तो आने वाले दिनों में बिजली कंपनी के कार्यालय एवं विधायक सांसद का घेराव किया जाएगा।
कांग्रेस नेता श्री बाहेती ने कहा कि उपभोक्ताओ की शिकायतों पर बिजली कंपनी द्वारा किसी प्रकार की जांच नहीं कराई जा रही और ना ही सब मीटर लगाकर गड़बड़ी को देखा जा रहा है। श्री बाहेती ने कहा कि हालात तो वैसे ही है, तो पहले थे, ऐसे में जब तक स्मार्ट मीटर को पूरी स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती है, तब तक शहर में स्मार्ट मीटर लगाने की कार्रवाई को रोका जाए और उपभोक्ताओं के संतुष्ठ होने पर ही स्मार्ट मीटर लगाने की कार्रवाई आरंभ की जाए।