वर्षा से फसलों को हो रहा नुकसान, बरसात से खेत बनें तालाब
सीतामऊ- एक तरफ तो किसान सोयाबीन के भाव को लेकर लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से 6000 प्रति क्विंटल की मांग कर रहा है। दुसरी तरफ सोयाबीन के भाव तो नहीं बढ़े पर तेल के भाव बढ़ने से बाजार में मंहगाई जरुर आ गई है। किसानों को वर्तमान भाव से उसकी लागत भी उसको नहीं मिल पा रही है वहीं दूसरी तरफ प्रकृति ने भी अन्नदाता किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।इधर सोयाबीन कटाई चल रही वहीं बरसात से खेत तालाब बन गये। ऐसा लग रहा है कि प्रकृति एक बार फिर किसानों का निवाला छीन को लग गई है।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पाटीदार रावटी ने बताया कि लगातार 2 दिन से हो रही भारी वर्षा के कारण सोयाबीन व अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है एक तरफ तो किसान सोयाबीन के भाव को लेकर लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से₹6000 प्रति कुंतल की मांग कर रहा है वर्तमान भाव से उसकी लागत भी उसको नहीं मिल पा रही है वहीं दूसरी तरफ प्रकृति ने भी अन्नदाता किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है आक्या, रावटी, रावटा,दूधिया, मुंडला फौजी,लावरी, तंबोलिया,मुवाला, राजनगर, पतलासी, नकेड़िया, आदि सीतामऊ तहसील के कई गांवों में भारी वर्षा से सोयाबीन की कटी हुई व खड़ी फसल पूरी तरह से खेतों में जलमग्न हो चुके हैं अन्नदाता किसान न तो अब खड़ी फसल की कटाई कर पा रहा है और ना ही कटी हुई फसल को थ्रेसर में निकल पा रहा है फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है में शासन एवं प्रशासन से मांग करता हू कि अति शीघ्र फसलों की नुकसानी का सर्वे कर किसानों को मुआवजा व बीमा दिलवाये ताकि किसानों को थोड़ी राहत प्रदान हो सके।