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जनकूपुरा: सुविधाघर की दुविधा…!-यह बेशर्मी नहीं बल्कि किसी को तो बात करनी ही होगी

 

ललित एम पटेल

बीते दिनों जनकूपुरा के लखारा चौक स्थित एक सालों पुराने सुविधाघर को नपा ने नेस्त-ओ-नाबूत कर दिया और वास्तव में देखा जाए तो यह प्रशंसनीय कार्य ही किया। क्योंकि यह सुविधाघर श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर की दीवाल से ठीक लगा हुआ था, जिससे सीधे तौर पर सनातनी आस्था को ठेंस पहुँच रह थी। इस कार्य के लिए सालों से लड़ाई लड़ रहे कांग्रेस नेता कमलेश जैन और हालही में इसमें एक और नए शिकायती बने श्री राम सेना के कुणाल श्रीवास्तव का भी धन्यवाद जो उनने सनातन भावना को समझा और लगातार शिकायतों के बाद आखिरकार यह जंग जीती।

खैर यह तो हुई आस्था की बात, लेकिन बात यदि विज्ञान और वह भी चिकित्सा विज्ञान की करें तो लगातार लघु शंका रोके रखने से किसी भी व्यक्ति को किडनी सम्बंधित गम्भीर बीमारी हो सकती है। चूंकि जनकूपुरा में अशोक टॉकीज एरिये से लेकर धानमंडी कुलदीप ट्रांसपोर्ट के गोदाम के सामने तक एक मात्र यह सुविधाघर था अब वह भी नहीं रहा। ऐसे में जनकूपुरा के व्यवसायियों, क्षेत्र में दिनभर किसी न किसी काम से आवाजाही करने वाले लोगों, समीप स्थित बड़ा चौक से लगी धानमंडी में आने वाले ग्रामीण ग्राहकों के लिए लघु शंका जाने का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अभी तीन दिन ही इस सुविधाघर को टूटे हुए हैं और क्षेत्र के व्यापारियों की परेशानी जबरदस्त बढ़ गई है। हालांकि हम यह नहीं कह रहे कि लक्ष्मीनारायण मंदिर से लगे सुविधाघर को तोड़कर नपा ने कोई गलत कदम उठाया। बल्कि यह सर्वत्र प्रशंसनीय कदम है किंतु इसके साथ ही नपा को जल्द से जल्द जनकूपुरा के धानमंडी से लेकर गणपति चौक के बीच एक नए सुविधाघर को स्थापित करने की चिंता भी करना चाहिए। अन्यथा कुछ विकृत मानसिकता के लोग इधर-उधर गली-गुंचो, कोने-कचारे में खुले में लघु शंका करने लगेंगे और यह क्षेत्र घनी आबादी क्षेत्र होकर माताओं बहनों की आवाजाही का क्षेत्र है। कल को इस चक्कर मे आए दिन विवाद पनप सकते हैं।

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