भोपालमध्यप्रदेश

श्रधेय अटल जी मेरे प्रिय और आदर्श – राज्यपाल श्री पटेल

*******†**************************

अर्जित ज्ञान को व्यवहार में लाएं, समाज के लिए उपयोगी बनने का प्रयास करें

राज्यपाल श्री पटेल अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए

भोपाल : राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने कहा है कि समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी होने के लिए करुणा, सहानुभूति, दया, स्वीकृति, प्रेम, त्याग, समर्पण, निष्ठा आदि मानवीय गुणों का विकास करना बहुत आवश्यक है। शिक्षा के दौरान प्राप्त ज्ञान को हमेशा अपने आचरण में रखना और समाज के लिए उपयोगी होने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है।

राज्यपाल श्री पटेल कुशव ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आदरणीय अटल जी सदैव मेरे प्रिय और आदर्श रहे हैं.उनमें न केवल शिक्षा के नवीन आदर्शों को विकसित करने की दूरदृष्टि थी बल्कि हिन्दी भाषा के परचम को अनंत ऊंचाइयों तक ले जाने का साहस और संकल्प था. उनमें अपने अनमोल विचारों और पवित्र लक्ष्यों को व्यवहार में लाने की अद्भुत क्षमता थी।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि संस्कार एक विद्यार्थी की वास्तविक और सच्ची संपत्ति है, जो संपूर्ण मानवता की प्रगति का वाहक है। आज प्रबुद्ध लोगों और युवा पीढ़ी को अपने चरित्र और ज्ञान के बीच संतुलन बनाना होगा। वैश्वीकरण के युग में हम न केवल अपने लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए जिम्मेदार हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने स्नातक एवं परास्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्र, समाज और मानवता के भले और कल्याण के लिए करें।

राज्यपाल श्री पटेल, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, स्वयं भारत रत्न। श्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं भारत रत्न मदन मोहन मालवीय जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनके आदर्शों को याद किया। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय बहुत ही खास है क्योंकि इसे पूज्य अटल जी के नाम पर बनाया गया है। यहां सभी विषयों का ज्ञान न केवल हिंदी भाषा में दिया जाता है बल्कि छात्रों को ज्ञान और विज्ञान के भारतीय दृष्टिकोण से परिचित कराया जाता है। आने वाली पीढ़ी अपनी भारतीय संस्कृति और शैक्षिक परंपरा से पोषित और प्रेरित होकर आत्मविश्वासी बन सकती है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति-2020 के मूल्यों के आधार पर भारत की गौरवशाली संस्कृति, महापुरुषों के जीवन चरित्र को पाठ्यक्रम में शामिल करने का उत्कृष्ट कार्य किया है. उन्होंने इसके लिए विवि प्रबंधन को बधाई दी। हिन्दी भाषा पर आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित करने में मध्यप्रदेश अग्रणी है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों पर प्राथमिकता से कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय सचिव शिक्षा एवं संस्कृति उत्थान न्यास श्री अतुल कोठारी ने विद्यार्थियों को स्वाध्याय की भावना बनाए रखने और जीवन भर विकास की प्रक्रिया में लगे रहने के लिए प्रेरित किया। हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. खेम सिंह डहेरिया ने विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे नवाचारों और अब तक किये गये कार्यों की जानकारी दी. वह ले लियाउन्होंने छात्रों को स्वागत भाषण और दीक्षांत भाषण भी दिया। संचालन श्री यशवंत सिंह पटेल, रजिस्ट्रार ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}