कृषि विज्ञान केन्द्र, द्वारा बगीचों/संतरा फसल के रखरखाव पर सम सामायिक सलाह
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कृषि विज्ञान केन्द्र नीमच द्वारा वर्तमान समय में जहां खरीफ फसलों की कटाई प्रारम्भ हो चुकी है एवं वर्षा का दौर समाप्ति की ओर है। ऐसी स्थिति में बाग बगीचों हेतु किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि बगीचे की जुताई कर घास-पात से मुक्त रखें। आवश्यकता अनुसार सूखी एवम अवांछित डालियों की कटाई कर दे।
पौधे के तने के सम्पर्क से निकले हुए समस्त वाटर सकर्स की कटाई छटाई कर दें एवम बोर्डो पेस्ट (नीला थोथा एवं चूना) द्वारा पौधे के तने की पुताई करें साथ ही कीट व्याधि नियंत्रण हेतु बोर्डाे का (नीला थोथा एवं चूना) स्प्रे करें। संतरा के पौधों में रस चूसक कीटों विशेषकर ब्लेक फ्लाई/ब्लेक मोल्ड के नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड/डायमिथोएट में से किसी एक दवा के साथ ब्वब् (कॉपर आक्सी क्लोराइड) दवा मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें एवं 12-15 दिन पश्चात् इसी स्प्रे को दोहराए।
दवा स्प्रे के समय किसान भाई ध्यान रखे कि दवा पत्ती की नीचली सतह पर भी पहुचना आवश्यक है। ताकि ब्लेक फ्लाई पूर्ण रुप से नष्ट हो सके। जिन किसान भाईयों द्वारा बगीचे में बहार (फलन) सेट कर ली है वह खाद एवं उर्वरक की मात्रा पौधे के थालो में डालकर अच्छे से मिट्टी में मिला दे।
अन्य फल बगीचों से जैसे अमरुद, सीताफल, पपीता, नींबू, बेर आदि में कीटों व व्याधियों के नियंत्रण हेतु कीटनाशी दवा डायमिथोएट $ कॉपर आक्सी क्लोराइड का छिड़काव करें। तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के लक्षण दिखाइ दंे तो सूक्ष्म पोषक तत्वों के घोल का छिड़काव करें । अधिक जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों एवं उद्यानीकी विभाग के अधिकारियांे से सम्पर्क करें।
डॉ. सी. पी. पचौेरी
प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख मोबाइल न. 9329468805