भक्ति/ आस्थामंदसौरमंदसौर जिला
द्वारकाधीश मंदिर से वेवाण ठाट-बाट के साथ निकले
अखाड़ों ने दिखाये करतब, भक्ति मण्डली ने प्रस्तुत किये सुमधुर भजन
मंदसौर । जलझूलनी एकादशी ग्यारस पर श्री द्वारकाधीश मंदिर से भगवान श्री द्वारकाधीश का बाल स्वरूप वैवाण में विराजमान होकर शहर की जनता के हाल जानने ढोल धमाकों व अखाड़े के साथ बड़े ही ठाट- बाट से शोभा यात्रा के रूप में भ्रमण पर निकले। भव्य शोभायात्रा ढोल-ढमाकों के साथ शहर के विभिन्न मार्गाे से भक्त मंडली के गायक कलाकार सुमधुर भजन गाते तथा अखाड़े के खिलाड़ी करतब दिखाते, नाचते झूमते द्वारकाधीश की जय्््चारभुजानाथ की जय…….. सांवलिया सेठ की जय……, आलकी की पालकी जय कन्हैया लाल की….., हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की…… जयघोष करते हुए चल रहे थे।सभी खिलाड़ियों ने बारी-बारी से करतब दिखाए।
शोभा यात्रा श्री द्वारकाधीश मंदिर से सभी समाज बंधुओं द्वारा अधिक संख्या में उपस्थित होकर दोपहर 1.30 बजे प्रारंभ हुई खानपुरा पुलिया घंटाघर कालाखेत होती हुई गांधी चौराहा विश्वपति शिवालय से परिभ्रमण करते हुए पशुपतिनाथ शिवना नदी पहुंची।पशुपतिनाथ शिवना नदी पर स्नान हेतु ले जाया गया। जहां पर बाल स्वरूप भगवान लड्डू गोपाल को स्नान करवाने के बाद पुनः ढोल धमाकों के साथ द्वारकाधीश मंदिर लाया गया जहां पर लड्डू गोपाल को पालने झुले में विराजमान किया गया। मंदिर पर आरती की प्रसाद वितरण किया गया। उक्त जानकारी ललित भाटी ने दी।
शोभा यात्रा श्री द्वारकाधीश मंदिर से सभी समाज बंधुओं द्वारा अधिक संख्या में उपस्थित होकर दोपहर 1.30 बजे प्रारंभ हुई खानपुरा पुलिया घंटाघर कालाखेत होती हुई गांधी चौराहा विश्वपति शिवालय से परिभ्रमण करते हुए पशुपतिनाथ शिवना नदी पहुंची।पशुपतिनाथ शिवना नदी पर स्नान हेतु ले जाया गया। जहां पर बाल स्वरूप भगवान लड्डू गोपाल को स्नान करवाने के बाद पुनः ढोल धमाकों के साथ द्वारकाधीश मंदिर लाया गया जहां पर लड्डू गोपाल को पालने झुले में विराजमान किया गया। मंदिर पर आरती की प्रसाद वितरण किया गया। उक्त जानकारी ललित भाटी ने दी।