लहसुन उत्पादक मालवा क्षेत्र में आ रही चीन की लहसुन रोकने की मांग,पूर्व विधायक श्री सिसोदिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
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मंदसौर। पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर मालवा के लहसुन उत्पादक क्षेत्र में चोरी छुपे लाई जा रही चीन की लहसुन का व्यापार व्यवसाय रोके जाने की मांग की है।
पत्र में श्री सिसोदिया ने लिखा कि वर्ष 2014 से भारत में चीन से लाई जाने वाली लहसुन पर प्रतिबंध लगा हुआ है, उसके बावजूद भी देश के दूसरे बाजारों में चोरी-छिपे यह लहसुन पहुंच रही है। लहसुन उत्पादक क्षेत्र मालवा भी इससे अछूता नहीं है, इन दिनों लगातार शिकायतें मिल रही है कि कई लोग अवैध रूप से चीन की लहसुन का व्यापार व्यवसाय कर रहे हैं, जिससे व्यापारी एवं किसानों को सीधा आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। यह अवैध व्यापार करने वाले कौन तत्व हैं, इनका पता लगाते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई की जाना नितांत आवश्यक है। श्री सिसौदिया ने पत्र में लिखा कि यह तो तय है कि किसान इस चीन की लहसुन को खरीद करके नहीं बेच रहे हैं और ना ही लहसुन के अधिकांश व्यापारी इस प्रकार की लहसुन खरीद रहे हैं। किस विभाग के माध्यम से इसकी रोकथाम करें, इसकी भी जिम्मेदारी तय होना चाहिए।
चीन की लहसुन चोरी छुपे आ रही है, यह कहां से आती है, कौन ला रहा है तथा किन गोदामों में रखकर उन्हें आगे भेजा जा रहा है, इन सबको लेकर जिम्मेदारी तय होना चाहिए। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि चीन दुनिया में लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, वहां की लहसुन की खेती में बहुत ज्यादा मात्रा में रसायन एवं कीटनाशकों का भी उपयोग किया जाता है। यह सेहत के लिए खतरनाक होते हैं, इसके उपयोग से फंगस भी हो सकता है। चीन का आने वाला लहसुन भारतीय लहसुन से सस्ता है। इसके चलते भारत के किसानों और व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।
श्री सिसोदिया ने मांग की है कि ऐसे तत्व जो इस प्रकार का व्यापार कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाना अपेक्षित है। श्री सिसोदिया ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले दिनों राज्यसभा में नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद श्री बंशीलाल गुर्जर ने भी इस विषय को उठाया था और चीन के लहसुन के रोकथाम की मांग की थी। अतः आपसे आग्रह है कि चीन से आ रही अवैध लहसुन का कारोबार करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाने का कष्ट करें। पूर्व विधायक श्री सिसोदिया ने पत्र की प्रतिलिपि केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री भारत सरकार श्री शिवराज सिंह चौहान को भी प्रेषित की है।