ताल ब्यूरो चीफ –शिवशक्ति शर्मा
शासकीय माध्यमिक विद्यालय आक्या कलां में 14 सितंबर हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम कमी आयोजित किए गये | विद्यालय के छात्र – छात्राओं की हिंदी हमारी शान विषय पर कविता प्रतियोगिता कराई गई एवं शिक्षको ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश आजाद हुए इतने वर्ष व्यतीत हो गये किंतु आज भी हिंदी को दोयम दर्जे की भाषा माना जाता है और अंग्रेजी भाषा पर ही जोर दिया जाता है। उदाहरण स्वरूप माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय में आज भी बहस सहित सारा कार्य अंग्रेजी में ही होता है।हम अंग्रेजी का विरोध नहीं करते ज्ञान बढ़ाना चाहिए किन्तु अपनी मातृभाषा के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। शासकीय कार्यालयों में भी सारा कार्य शासन को हिंदी में कराया जाना अनिवार्य करना चाहिए। हिंदी का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है जिसे देव भाषा कहा जाता है। हमारे वेद,पुराण ऋषि मुनियों ने संस्कृत भाषा में ही लिखे हैं जो ज्ञान का भंडार कहे जाते हैं। यहां तक की विदेशों में भी संस्कृत भाषा को अपनाया जा रहा है और हमारे हिंदुस्तान में इसके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। गांव-गांव व नगरों के गली मोहल्लों में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय कुकुरमुत्ते की तरह फैलते दिखाई देते हैं। अतः मेरी नीज मातृभाषा को पूर्णरूपेण सम्मान मिलना चाहिए और हर अधिकारी एवं कर्मचारियों को हिंदी में काम करने व हिंदी में हस्ताक्षर करना अनिवार्य करना चाहिए यह शासन की महती जवाबदेही है।
इस अवसर पर शिक्षकों ने बच्चों से कविता पाठ भी करवाया एवं उन्होंने भी हिंदी विषय पर कविता पाठ किया तथा कहा कि रसखान, तुलसी, सूरदास कौन-सी अंग्रेजी जानते थे जिनके साहित्य पर आज लोग शौध कर पी एच डी की उपाधियां प्राप्त कर रहे हैं। हिंदी वैज्ञानिक भाषा है इसके एक वाक्य के अनेक पर्यायवाची शब्द मिल जाएंगे किंतु अंग्रेजी में ऐसा नहीं होता है। बच्चों को आधुनिक परिवारों में माता-पिता को ममी-डेड सीखाया जाता है जो मृत व्यक्ति के लिए प्रयोग किए जाते हैं। अतः हम संकल्प ले कि हिंदी को अपना कर हिंदी का मान बढ़ाएंगे। हिंदी में एक बिंदी शब्द का अर्थ बदलने की क्षमता रखतीं हैं।
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाध्यापिका श्रीमती वर्षा कुशवाह,नजमा मंसुरी व संजय गुप्ता की ओर से बच्चों को भोजन कराया गया |कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रधानाध्यापिका श्रीमती वर्षा कुशवाह द्वारा व्यक्त किया गया।