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प्रभु की भक्ति करों लेकिन उनसे कुछ मांगों मत वो आपके ऋणि हो जायेंगे – स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती

 

मंदसौर। श्री केशव सत्संग भवन खानपुरा मंदसौर पर दिव्य चातुर्मास पूज्यपाद 1008 स्वामी आनन्दस्वरूपानंदजी सरस्वती ऋषिकेश के सानिध्य में चल रहा है। स्वामी जी द्वारा प्रतिदिन प्रात: 8.30 से 10 बजे तक श्रीमद् भागवद् महापुराण के एकादश स्कन्द का का वाचन किया जा रहा है।
मंगलवार को धर्मसभा में स्वामी श्री आनन्द स्वरूपानंदजी सरस्वती ने कहा कि व्यक्ति भगवान की भक्ति करता है उनकी पूजा करता है लेकिन भक्त सिर्फ भक्ति करें और उनसे कुछ मांगे नहीं तो भगवान स्वयं आपके ऋणि हो जायेेंगे। आप मंदिर जाओं लेकिन भगवान से कुछ मत मांगों अपने आप ही आप पर भगवान की कृपा बरसनें लगेंगी। ऐसे लोगों पर भगवान की विशेष कृपा होती है। आपने कहा कि जो व्यक्ति अनन्य भाव से एक बार भी भगवान का नाम ले लेता है तो उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है। लेकिन अनन्य भाव होना चाहिए इससे अर्थात यह है कि बिना वासना बिना कामना के प्रभु भक्ति करना भगवान के सिवाय और कोई दूसरा नजर नहीं आना चाहिए। निष्ठा भाव से प्रभु की भक्ति करना चाहिए। लेकिन आज कल तो में हम जैसे ही मंदिर जाते है अपनी मांगों की लिस्ट भगवान के सामने खोल देते है, ऐसा नहीं होना चाहिए। सच्चे मन से भक्ति करों भगवत कृपा अपने आप प्राप्त हो जायेंगी।

पूजा करते समय अन्य कोई कार्य नही करना चाहिए
धर्मसभा में स्वामी जी ने बताया कि पूजा करते समय हमें विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पूजा के समय सिर्फ भगवान की पूजा ही करें अन्य कोई कार्य नहीं करना चाहिए यह शास्त्रों में लिखा है। लेकिन आजकल उल्टा हो रहा है लोग भगवान को देने वाले समय में भी दूसरा कार्य करते रहते है मोबाईल चलाते रहते है। ऐसा नहीं होना चाहिए। आपकी पूजा में आदर भाव होना चाहिए। भगवान कहते हैं कि मेरे जो भक्त है उनका भी सम्मान करना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में भगवान की आरती उतारी गई एवं प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर बडी संख्या में महिलाएं पुरूष उपस्थित थे।

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