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मन्दसौर के अंकुश भंडारी को गूगल के द्वारा स्टार्टअप के लिए सिंगापुर में सम्मानित किया


‘‘अपएजुकेटर्स’’ के माध्यम से 25 देशों के 10 हजार से अधिक शिक्षकों को कर चुके है प्रशिक्षित 
मन्दसौर। गुगल फॉर एजुकेशन द्वारा सिंगापुर में आयोजित कार्यक्रम में मंदसौर के अंकुश भण्डारी को स्टार्टअप के लिये ‘‘गूगल चौम्पियन’ पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। अंकुश विगत 2 वर्षों में 25 देशों के लगभग 3 हजार स्कूलों व कॉलेजों के 10 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित कर चुके है। वे सीए विकास भण्डारी के अनुज है।
अंकुश का जन्म भानपुरा में हुआ है और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दशपुर विद्यालय मंदसौर से पूरी की और पुणे में वाणिज्य में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। लेकिन आज शिक्षकों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुशल बनाने का उनका काम लगभग सभी के लिए प्रेरणा है।  फिलहाल अंकुश इस स्टार्टअप को अगले स्तर पर ले जाने के लिए पुणे से काम कर रहे हैं।
कोविड में कठिनाईयों से जूझ रहे शिक्षकों को देखकर आया विचार- पूरे भारत के बड़े शहरों में बहुत सारे स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं, वही डिजिटल क्रांति के इस  समय में छोटे शहर भी स्टार्टअप की दुनिया में पीछे नहीं है । 2021 में कोविड के समय में कई शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। मंदसौर  के सी.ए. विकास भण्डारी के अनुज अंकुश भंडारी और उनकी पत्नी ने शिक्षकों को इस नई डिजिटल दुनिया को अपनाने में मदद करने के बारे में सोचा, उन्होंने अपने  स्टार्टअप ‘‘अपएजुकेटर्स’’ की शुरुआत  मन्दसौर से  की ।  इस स्टार्टअप का उद्देश्य  शिक्षकों को प्रौद्योगिकी और आधुनिक शिक्षण प्रथाओं में कुशल बनाना है ।
20 देशों के 10 हजार शिक्षक हुए प्रशिक्षित- अंकुश के इस स्टार्टअप ने पिछले 2 वर्षों में 10,000 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। इस उपलब्धि के कारण गूगल फॉर एजुकेशन ने सिंगापुर में स्टार्टअप के संस्थापक “अंकुश भंडारी “ को ‘गूगल चौंपियन’ पुरस्कार से सम्मानित किया है। इस स्टार्टअप ने लगभग 25 देशों के लगभग 3000 स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। इस स्टार्टअप ने लगभग 1000 शिक्षकों को गूगल या माइक्रोसॉफ्ट शिक्षक बनने में मदद की है। 2022 में अपएजुकेटर्स द्वारा प्रशिक्षित किए गए दो शिक्षकों को सितंबर 2023 में भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय शिक्षण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वर्तमान में यह स्टार्टअप शिक्षकों को रोबोटिक्स, कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिक्षा में प्रौद्योगिकी और नवीन शिक्षण प्रथाओं पर प्रशिक्षण दे रहा है।
ढाई लाख शिक्षक कर रहे है फॉलो- आधुनिक शिक्षण पद्धतियों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए लगभग 15 राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता शिक्षक ‘‘अपएजुकेटर’’ के साथ जुड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी इस स्टार्टअप की जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। लगभग 2.5 लाख शिक्षक, शिक्षण संबंधी टिप्स पाने के लिए अपएजुकेटर के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो कर रहे हैं। उनके गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें शिक्षकों से उत्कृष्ट प्रतिक्रिया मिलती रही है। लगभग 1300 शिक्षकों ने उन्हें गुगल रिव्यूह पर 5 में से 4.9 रेटिंग दी है।

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