ढोल-ढमाकों , गणपति बप्पा मोरया के जयकारों की गूंज के बीच पांडालों में विराजें भगवान गणेश, नाचते झूमते भक्तों के किया स्वागत वंदन

शिवाजी चौराहे , इंदू बालोद्यान राधा बावड़ी, नपं प्रांगण, भोई मोहल्ला सहित 17 चौक चौराहे व मंदिरों घरों में भी हुई मंगल मूर्ति कि स्थापना

सीतामऊ। विघ्नहर्ता गणपति बप्पा के स्वागत वंदन के लिए शनिवार को धर्म कि नगरी छोटी काशी आतुर नजर आई। ढोल ढमाकों के साथ भक्तों ने झूमते नाचते हुए गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की। गणेश चतुर्थी को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सुबह से लेकर शाम तक गली मोहल्ले चौक चौराहे पर अलग-अलग शुभ मुहूर्त में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना के साथ ही 10 दिवसीय भगवान श्री गणपति बप्पा जन्मोत्सव का प्रारंभ हुआ।
नगर के गणपति मंदिरों पर बढ़ा भक्तों का आवागमन –


गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के साथ हुई स्थापना –


छत्रपति शिवाजी गणेश उत्सव समिति के श्री मनोज भार्गव ने बताया कि समिति द्वारा गणपति बप्पा का जन्म महोत्सव का आयोजन 29 वे वर्ष में आयोजित किया जा रहा है। यहां आगमन से सुकून महसूस होता है तथा गणपति जी विघ्नहर्ता के आशीर्वाद से विघ्न बाधाएं दूर हो जाती है।
पंडित कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि भगवान गणेश के दस दिवसीय जन्मोत्सव के अवसर पर गणेश जी के मंदिर या स्थापना के मंगल प्रांगण जाकर दर्शन पूजन करने का सुअवसर है। सनातन धर्म में भगवान गणेश की उपासना का विशेष महत्व है। शुभ और मांगलिक कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ और मांगलिक कार्य सफल होते हैं। अगर कोई भक्त भगवान गणेश की पूरी श्रृद्धा से अराधना करता है, तो उसके बिगड़े काम बन जाते हैं और रूके हुए काम पूरे है जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश का सिर्फ ध्यान करने से ही व्यक्ति के जीवन की सारी मुश्किलें हल हो जाती हैं।