बाजारों में मूर्तियों की सजने लगी दुकानें ,वहीं 10 दिवसीय गणेशोत्सव को लेकर बप्पा के दरबार को लेकर तैयारी में जुटे भक्त
गौ अमृत सेवा समिति ने इको फ्रेंडली गोबर से बनी गणेशजी मूर्ती स्थापना का किया आग्रह
सीतामऊ। प्रति वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष चतुर्थी को गणेश उत्सव मनाया जाता है इस वर्ष भी 07 सितंबर 2024 शनिवार को गणेश चतुर्थी को गणेश जी कि स्थापना के साथ दस दिवसीय गणेशोत्सव प्रारंभ हो जाएगा। बाजारों में उत्सव को लेकर चहल-पहल बढ़ने लगी, वहीं गणेश जी की मूर्तियों की दुकानों में साज सजावट देखने को मिल रही है। धर्म की नगरी छोटी काशी के नाम से विख्यात सीतामऊ में गली मोहल्ला चौक चौराहे पर आयोजक भक्त जनों द्वारा भगवान गणपति बप्पा के दस दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम को धूमधाम से मनाया जाता है।आयोजन के अवसर पर प्रतिदिन भक्त जनों द्वारा गणपति जी का आकर्षक श्रृंगार के साथ पंडालों में रंगोली एवं रंग बिरंगी रोशनी से साथ सजावट की जाती है। कहीं समिति के सदस्य तो कहीं अलग-अलग जनप्रतिनिधि गणों, समाजसेवकों,भक्त जनों के मय परिवार द्वारा भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना एवं महा आरती कि जाती है। कुछ आयोजकों द्वारा आयोजन के 10वें दिन अनंत चतुर्दशी को विभिन्न दृश्यों कि मनोरम झांकियां बना कर ढोल ढमाके ताशे के मधूर ध्वनि के भक्ति मय वातावरण में नगर भ्रमण कराया जाता है। आयोजन के ग्यारहवें दिवस विसर्जन किया जाता है। इस दौरान पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ नगर, ग्राम पंचायत के द्वारा साफ सफाई एवं बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाती है।इस वर्ष भी आयोजन को लेकर तैयारी की जा रही है।10 दिवसीय गणेश उत्सव के आयोजन को लेकर जहां भक्त जनों द्वारा दुकानों पर मूर्तियों की प्रारंभिक बुकिंग होने लगी हुई आयोजक तैयारीयों में जुट गए हैं।
गौ अमृत सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाटीदार ने गणेश उत्सव आयोजन समिति के सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा की वे इको फ्रेंडली गोबर से बनी गणेश जी की प्रतिमा का क्रय करें। यह प्रतिमा विसर्जन करने में सरल तथा कम वजन होने के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषण से भी बचाने वाली है इस प्रतिमा का विसर्जन अपने खेत बगीचे तथा घर में लगे पेड़ पौधों के गमले में विसर्जन कर सकते हैं। गोबर की प्रतिमा होने से गमले या पेड़ पौधे में विसर्जन करने से पेड़ पौधों को खाद का लाभ होकर पेड़ पौधों की संरक्षण होगा वहीं भगवान की प्रतिमा कि भी पवित्रता बनी रहेगी। गोबर से बनी प्रतिमा के विक्रय से प्राप्त आय को गौ माता के चिकित्सा व्यवस्था में संचालित एंबुलेंस के खर्चे में उपयोग में लिया जाता है। प्लास्टर का पेरिस की प्रतिमा जल में विसर्जन करने से विसर्जन स्थल का जल दूषित होकर उसमें कई जीव जंतु मर जाते हैं तथा वह पानी हमारे पशु पक्षी के पीने पर या हमारे द्वारा उपयोग में लेने पर हमें नुकसान पहुंचाते हैं। तथा इनमें कई प्रतिमाएं उक्त स्थानों का पानी सुख जाने के बाद भी पूरी विसर्जन नहीं होने के कारण अंश दिखाई देते है। जो अपूर्ण विसर्जन होता है।
इंदू बाल उद्यान स्थित श्री महाकाल विनायक ग्रुप के श्री वैभव जैन (राजा) ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार अनुसार इस वर्ष भी रिद्धि सिद्धि के दाता गणपति बप्पा मोरिया का जन्मोत्सव का जन्म धूमधाम से मनाया जाएगा इसको लेकर तैयारी की जा रही है।