भानपुरा एवं छपकौली में परम्परानुसार मनाई जाएगी गुरूपूर्णिमा

शंकराचार्य छपकौली व युवाचार्य करेंगे भानपुरा में गुरूपाद पूजा, वर्शावास भानपुरा में
नीमच। ज्योतिर्मठ अवान्तर भानपुरा पीठ (म.प्र.) एवं ब्रम्हलीन स्वामी दिव्यानंदजी तीर्थ की तपःस्थली छपकौली, तह.बाबूगढ छावनी, जि.हापुड (उ.प्र.) में गुरूपूर्णिमा पर्व (10 जुलाई 2025) परम्परानुसार मनाया जाएगा। शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंदजी तीर्थ छपकौली (उ.प्र.) में एवं युवाचार्य वरूणेन्द्र जी तीर्थ शंकराचार्य मठ, भानपुरा में वैदिक परम्परानुसार गुरूपादपूजा करेंगे।
उक्त जानकारी देते हुए ज्योतिर्मठ अवान्तर भानपुरा पीठ से प्रकाशित मासिक पत्रिका अवान्तर ज्योति के सम्पादक रूद्र पाराशर ने बताया कि भगवान् श्री चन्द्रमौलीश्वर की अहैतुकी कृपा प्रसाद एवं अनंतश्रीविभूषित ज्योतिर्मठ अवांतर भानपुरा पीठधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य ब्रह्मलीन स्वामिश्री दिव्यानंद जी तीर्थ के अमोघ शुभाशीर्वाद स्वरूप अनन्तश्रीविभूषित ज्योतिर्मठ अवांतर भानपुरा पीठ (म.प्र.) जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री ज्ञानानंद जी तीर्थ एवं युवाचार्य स्वामी वरुणेन्द्र जी तीर्थ का वि. सं. 2082 का चातुर्मास्य (वर्षावास)-व्रत-अनुष्ठान रेवा तट अर्थात भानपुरा, जिला मंदसौर (म.प्र.) स्थित ज्योतिर्मठ अवांतर भानपुरा पीठ में होने जा रहा हैं। चातुर्मास्य (वर्षावास)-व्रत-अनुष्ठान से पूर्व गुरु पूर्णिमा पर्व पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री ज्ञानानन्द जी तीर्थ छपकौली, जिला हापुड़ (उ.प्र.) में एवं युवाचार्य स्वामी वरुणेन्द्र जी तीर्थ ज्योतिर्मठ अवांतर भानपुरा पीठ, भानपुरा (म.प्र.) पर गुरु पाद पूजन करेंगे.
श्री पाराशर ने गुरु पूर्णिमा एवं चातुर्मासान्तर्गत इस पुनीत पावन अवसर पर अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर पूज्यपाद महाराजश्री के दिव्य दर्शन, कल्याणकारी सत्संग श्रवण एवं पावन सान्निध्य प्राप्त करने का आग्रह किया है।


