केंद्र सरकार ने पेंशन योजना को लेकर आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसमें नई पेंशन स्कीम की जगह सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम का एलान किया गया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना को लेकर सहमति बनी है। इस योजना के लागू होने से देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा।
1 अप्रैल 2025 से लागू होगी UPS
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि UPS पिछले साल 1 अप्रैल से लागू होगी। इसका फायदा 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा। उन्होंने कहा, ‘कर्मचारियों को कॉन्ट्रिब्यूट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार कर्मचारी के बेसिक सैलरी का 18% कॉन्ट्रिब्यूट करेगी।’ न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को 10% अपने मूल वेतन का जमा करना होता है। सरकार 14% योगदान देती है।
दस हजार रुपये न्यूनतम पेंशन मिलेगी
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक काम किया है तो रिटायरमेंट के पहले जॉब के आखिरी 12 महीने के बेसिक का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। यदि किसी पेंशनभोगी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन का 60% मिलेगा। वहीं, अगर कोई दस साल बाद जॉब छोड़ देता है तो उसे दस हजार रुपये पेंशन मिलेगी
एनपीएस और यूपीएस चुनने का विकल्प
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कर्मचारियों के पास न्यू पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा। UPS के पांच स्तंभ है। 50% पेंशन इस स्कीम का पहला पिलर है। दूसरा सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन है।
ऐसे लागू की गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम
अश्विनी वैष्णव ने कहा, हमने जॉइंट कंसल्टेटिव मैकेनिज्म के साथ कई बैठक की। इसके बाद दूसरे देशों में किस तरह की स्कीम लागू है। इस पर विचार विमर्श किया। भारत की इकोनॉमी और केंद्र सरकार के बजट को समझने के लिए रिजर्व बैंक के साथ भी मीटिंग की गई। इसके बाद UPS को लागू किया गया।