आध्यात्ममंदसौरमंदसौर जिला
विवाह के सम्बंध सुनिश्चित नही हो तो यह करे उपाय-भीमाशंकर शास्त्री
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\
बाथरा परिवार द्वारा प. भीमाशंकर शास्त्री के मुखारविंद से भव्य कथा का आयोजन
मंदसौर।नरसिंहपुरा स्थित चारभुजा धर्मशाला में बाथरा परिवार द्वारा आयोजित स्व. नाथुलाल व स्व. मुरिबाई की स्म्रति में श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के आज तीसरे दिवस की कथा में धारियाखेड़ी वाले पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने कहा जो बालक व बालिका विवाह के लिये भटक रहे है।वे इस उपाय को करने के बाद जब 06 माह के भीतर विवाह हो जाये तो एक नारियल हनुमान जी को भेंट कर दीजिएगा।महेंद्र जी नामक मनासा के रहने वाले व्यक्ति के बेटे का 04-05 माह में सम्बन्ध सुनिश्चित हो गया।यह बात पूरे पांडाल में स्वयं उस व्यक्ति द्वारा बताई गई।
आगे पंडित भीमाशंकर शास्त्री द्वारा कहा गया कि बालक या बालिका के कुंडली के कैसा भी योग हो यह उपाय करने से सम्बन्ध सुनिश्चित हो जाता है। विवाह का उपाय करने हेतु खोपरे के गोले व देशी गाय का घी दो चार बूँद ले खोपरे के गोले ढक्कन जैसा काट ले।इसके अंदर शक्कर आटा घी मिलाकर खोपरे गोले को फिर से ढंककर मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व बिना हाथ,मुँह धोये बिना कुल्ला कर एक दिशा में गाड़ देवे। और फिर प्रणाम करे।अगले मंगलवार भी इसी विधि को दोहराये।ऐसा लगातार 5 मंगलवार करना है।पंडित भीमाशंकर शास्त्री द्वारा रजक सोलह साल को छोड़ने की बात बताकर यह क्यो करना उचित है केडी के लिए खोपरे के गोले को गाड़ा जाता है।सूर्योदय से पूर्व व सुर्यास्त के बाद 1 बार 21 गांव जिमाने का विधान बनता है।यह भी बताया गया कि अब इस काल मे विवाह के लिए मामला आटा साठा तक आ गया।कर्नाटक बंगलौर में प्रचलन के तौर पर उभर रहा है।
पंडित भीमाशंकर शास्त्री द्वारा कहा गया कि हरकुल में सतीमाता होती है।सतीमाता मिलने के लिए यह उपाय करें।मंगलवार के दिन एक सुपारी के उपर लच्छा बांधना व पूजा करना।सबसे बुजुर्ग को नारियल मत खिलाना।व 11 मंगलवार करवाना।01 वर्ष में सती माता मिल जाएगी ।
पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने महिलाओं से आग्रह किया कि पति को प्रणाम अवश्य करे।भरे पांडाल कथा असर दिखने लगा और तुरंत अपने आसान से उठकर महिलाओं ने कथा सुन रहे हजारो लोगो के बीच पति को प्रणाम किया।इस पर पंडित भीमाशंकर शास्त्री द्वारा अखंड सौभाग्यवती भवः का आशीर्वाद दिया।
ततपश्चात अंतिम में आरती संपन्न हुई। इस अवसर पर रूपलाल बाथरा, रमेशचंद्र बाथरा,राजमल बाथरा, मदनलाल बाथरा, कन्हैया लाल बाथरा, नटवर बाथरा, लोकेंद्र बाथरा ,सुरेंद्र बाथरा सहित समस्त बाथरा परिवार उपस्थित रहा।