धर्म संस्कृतिमंदसौरमंदसौर जिला
अखिल विश्व गायत्री परिवार ने भारतीय संस्कृति का श्रावणी पर्व मनाया
मन्दसौर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शाखा मंदसौर द्वारा भारतीय संस्कृति के प्रत्येक कार्य को घर-घर पहुंचाने के साथ ही भारतीय संस्कृति को विज्ञान आधारित बनाते हुए श्रावणी महापर्व एवं पितृ तर्पण का कार्यक्रम भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के समीप मां शिवना नदी घाट पर आयोजित किया गया।
गायत्री परिवार के प्रबंध ट्रस्टी नरेश त्रिवेदी द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ स्नान करते हुए पितरों को तर्पण करवाते हुए पूरे जीवन में जो कर्म किए हैं उसमें अच्छे कर्मों को और आगे बढ़ाने के लिए धृत, मिट्टी, शहद, हल्दी, भस्म, गोमूत्र एवं गोबर के द्वारा पूरे शरीर की शुद्धि की गई। साथ ही जीवन में बड़े संकल्प कराते हुए कहा कि वेद मूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने हमें इस विद्या से जोड़कर हमारे जीवन में ब्राह्मण स्थापित किया है । ब्राह्मण जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है यह सिद्ध करके दिखा दिया है। घर-घर यज्ञ घर-घर गायत्री मंत्र पहुंचाने वाले करोड़ों साधक गायत्री परिवार के इस कार्य लगे हुए हैं। केवल कर्मकांड ही नहीं करोड़ों लोगों की नशा एवं मांसाहार से मुक्ति के साथ उनके जीवन में नई स्थापना की है। यही संकल्प लेकर पूरे भारत के शक्तिपीठ एवं प्रज्ञापीठों पर श्रावणी पर्व हिमाद्रि संकल्प दिलाया जाता है। गायत्री परिवार के साधक की पहली शर्त होती है वह मृत्यु भोज, मांसाहार, नशे से दूर होकर साधना करते हुए परम पूज्य गुरुदेव का कार्यों को आगे बढ़ाता है।
श्री त्रिवेदी ने आह्वान किया है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना जन्मदिन एवं विवाह दिवस अवश्य मानना चाहिए। गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी पवन गुप्ता इस कार्य को संभाले हुए हैं । दस सूत्री कार्यक्रम गायत्री परिवार के सतत चलाए जा रहे हैं यह कार्य आने वाले समय में परिवर्तन लाएगा। कर्मकांड के साथ व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आना चाहिए। गायत्री परिवार में जीवन परिवर्तन मनुष्य में देवत्व की स्थापना का संकल्प धरती को स्वर्ग बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। यह जानकारी गायत्री परिवार के प्रवक्ता सत्येंद्र सिंह सोम द्वारा दी गई।
गायत्री परिवार के प्रबंध ट्रस्टी नरेश त्रिवेदी द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ स्नान करते हुए पितरों को तर्पण करवाते हुए पूरे जीवन में जो कर्म किए हैं उसमें अच्छे कर्मों को और आगे बढ़ाने के लिए धृत, मिट्टी, शहद, हल्दी, भस्म, गोमूत्र एवं गोबर के द्वारा पूरे शरीर की शुद्धि की गई। साथ ही जीवन में बड़े संकल्प कराते हुए कहा कि वेद मूर्ति पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने हमें इस विद्या से जोड़कर हमारे जीवन में ब्राह्मण स्थापित किया है । ब्राह्मण जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है यह सिद्ध करके दिखा दिया है। घर-घर यज्ञ घर-घर गायत्री मंत्र पहुंचाने वाले करोड़ों साधक गायत्री परिवार के इस कार्य लगे हुए हैं। केवल कर्मकांड ही नहीं करोड़ों लोगों की नशा एवं मांसाहार से मुक्ति के साथ उनके जीवन में नई स्थापना की है। यही संकल्प लेकर पूरे भारत के शक्तिपीठ एवं प्रज्ञापीठों पर श्रावणी पर्व हिमाद्रि संकल्प दिलाया जाता है। गायत्री परिवार के साधक की पहली शर्त होती है वह मृत्यु भोज, मांसाहार, नशे से दूर होकर साधना करते हुए परम पूज्य गुरुदेव का कार्यों को आगे बढ़ाता है।
श्री त्रिवेदी ने आह्वान किया है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना जन्मदिन एवं विवाह दिवस अवश्य मानना चाहिए। गायत्री परिवार युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी पवन गुप्ता इस कार्य को संभाले हुए हैं । दस सूत्री कार्यक्रम गायत्री परिवार के सतत चलाए जा रहे हैं यह कार्य आने वाले समय में परिवर्तन लाएगा। कर्मकांड के साथ व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आना चाहिए। गायत्री परिवार में जीवन परिवर्तन मनुष्य में देवत्व की स्थापना का संकल्प धरती को स्वर्ग बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। यह जानकारी गायत्री परिवार के प्रवक्ता सत्येंद्र सिंह सोम द्वारा दी गई।