झगड़े के रूपयें के विवाद के कारण मारपीट करने वाले आरोपी को 03 माह का कारावास
जावद। श्रीमती रीना पिपल्या, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जावद के द्वारा झगड़े के रूपये लेनदेन के विवाद के कारण फरियादी के मारपीट कर चोट पँहुचाने वाले आरोपी आरोपी रामप्रसाद पिता गंगाराम कछावा, उम्र-35 वर्ष, निवासी-ग्राम माध्याखेडी, थाना-निम्बाहेडा, जिला चितौड़गढ (राजस्थान) को धारा 323/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03 माह के कारावास व 300रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं श्री आकाश यादव द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना लगभग 07 वर्ष पूर्व की होकर दिनांक 15.01.2017 को रात्रि के लगभग 10ः30 बजे थाना क्षैत्र जावद के अंतर्गत आने वाले ग्राम मेघपुरा में फरियादी शांतिलाल कछावा के खेत की हैं। घटना दिनांक को फरियादी के खेत पर आरोपी राधेश्याम कछावा व उसके साथी रामप्रसाद कछावा व देवीलाल कछावा के साथ आया व आरोपी राधेश्याम उसकी पुत्री चोमाबाई के झगड़े के रूपये मांगने लगा, तो इस पर फरियादी ने कहा की सुबह बैंक से निकालकर दे दूंगा, किंतु आरोपीगण नहीं माने और फरियादी के साथ विवाद करते हुवे लकड़ी व लट्ठ से उसके साथ मापरीट करने लगे, जिस कारण फरियादी के चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोगो ने आकर बीच-बचाव किया। फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना जावद पर की गई, जिसके पश्चात् फरियादी का मेडिकल किये जाने के पश्चात् आवश्यक विवेचना के उपरांत अभियोग-पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
विचारण के दौरान ही आरोपी देवीलाल की मृत्यु हो जाने से उसके विरूद्ध प्रकरण समाप्त घोषित किया गया था। आरोपी रामप्रसाद के विचारण के दौरान फरार हो जाने से आरोपी राधेश्याम के संबंध में दिनांक 16 फरवरी 2024 को पारित निर्णय में उसे दोषी पाकर धारा 323/34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अंतर्गत 03 माह के कारावास व 300रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था। आरोपी रामप्रसाद के गिरफ्तार हो जाने पर उसके संबंध में माननीय न्यायालय द्वारा यह निर्णय विचारण उपरांत पारित किया गया हैं।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में फरियादी, चश्मदीद साक्षी सहित सभी महत्वपूर्ण गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित कराते हुवे आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिस पर से माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री आकाश यादव, एडीपीओ द्वारा की गई।