मंदसौरमध्यप्रदेश

भारत विकास परिषद द्वारा नेत्रदानी श्री बंशीलाल सोलंकी के परिवार भेट किया दृष्टि दान सम्मान पत्र

 

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सुवासरा -इस सृष्टि में सबसे बड़ा दान नेत्रदान कहा गया है क्योंकि आज शरीर का हर अंग महत्वपूर्ण है और व्यक्ति अपने जीवन में पुण्य कमा लेता है तो वह जाते-जाते नेत्रदान कर भी पुण्य की इस लाइन में सबसे आगे खड़ा हो जाता है जब वह व्यक्ति अपने परिवारों को कह कर चले जाते हैं कि मरणो उपरांत मेरे नेत्र को दान कीजिए ऐसे ही नेत्र दानी सुवासरा निवासी श्री बंसीलाल जी सोलंकी रिटायर्ड शिक्षक के परिवार रमेश सोलंकी राजेंद्र (राजू) सोलंकी सेन समाज अध्यक्ष सुवासरा के पिता श्री के द्वारा भारत विकास परिषद शामगढ़ वह सुवासरा के माध्यम से अपने पिता श्री बंसीलाल जी सोलंकी के नेत्रों को दान दिया जिसका परिणाम स्वरूप आज नीमच में दो अंधेरी जिंदगी को रोशनी प्रदान की गई बता दे की श्री सोलंकी के नेत्रों को दो व्यक्ति के लिए लगा दिया गया है और दोनों व्यक्ति उनके नेत्रों से आज इस अंधेरी जिंदगी में उजाले की चमक देख रहे हैं हर व्यक्ति को नेत्रदान महादान में हिस्सा अवश्य लेना चाहिए और शामगढ़ नगर की भारत विकास परिषद निरंतर सदा सर्वदा इस कार्य में लगातार लगी रही है भारत विकास परिषद के शामगढ़ व सुवासरा के सदस्यों द्वारा श्री बंसीलाल जी सोलंकी की पगड़ी रसम में जाकर उनके परिवार को दृष्टि दान सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।

 

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