नीमच

डिवाइन पब्लिक स्कूल चल रहा तानाशाहो के इशारों पर

चुनिंदा संपन्न परिवारों के अलावा गरीब परिवारों के बच्चों के लिए बंद है इस शिक्षा के मंदिर के द्वार

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चुनिंदा संपन्न परिवारों के अलावा गरीब परिवारों के बच्चों के लिए बंद है इस शिक्षा के मंदिर के द्वार

सिंगोली। नीमच के सिंगोली नगर के डिवाइन पब्लिक स्कूल के संचालकों द्वारा एडमिशन के नाम पर पहले तो बच्चों को और उनके अभिभावकों को बरगलाकर बच्चों को स्कूल बुला लिया जाता है। 8-10 दिन पढ़ने के बाद बच्चा हमारे स्कूल के योग्य नहीं है कहकर उसे स्कूल से निकाल देते हैं ना उसका एडमिशन लेते हैं और ना ही फीस की रसीद देते हैं।

उक्त आरोप लगाते हुए सिंगोली निवासी मांगीलाल जैन ने मीडिया को बताया कि उनके बच्चों के साथ डिवाइन पब्लिक स्कूल के संचालकों द्वारा मनमानी तौर पर तानाशाही पूर्वक रवैया अपनाते हुए उनके जीवन से खिलवाड़ करने का कार्य किया गया।

मांगीलाल जैन जो तिलिस्वा महादेव में पूजन सामग्री विक्रय करने का कार्य करते हैं, अपने दो बच्चे किट्टू जैन उम्र 12 वर्ष का छठी क्लास में तथा संयम जैन उम्र 8 वर्ष का चौथी क्लास में प्रवेश करवाया था। विद्यालय ने दोनों बच्चों की कुल फीस ₹17000 बतलाई थी जिसमें से 13 जुलाई को शाम 5:15 बजे ₹10000 फोन पे के माध्यम से मांगीलाल जी ने अपने अकाउंट से स्कूल के संचालक निर्मल जैन के अकाउंट में जमा कराए थे। विद्यालय ने बिना किसी कारण के बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया और ना ही उनकी जमा की गई फीस वापस की, मांगीलाल जैन पिछले 10 दिनों से जिले भर के महत्वपूर्ण कार्यालय में भटक रहे हैं न्याय की उम्मीद में उन्होंने एक आवेदन कलेक्टर महोदय को दिया है तो वहीं जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को भी आवेदन दिया है।

हमारे स्कूल में हमारी कैपेसिटी फुल हो गई थी इसलिए हमने उन बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया। अभिभावक ने मेरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया है मुझे इसकी जानकारी नहीं है वह अगर लिखित में देंगे तो मैं उन्हें पैसा रिफंड कर दूंगा।

– निर्मल जैन, संचालक डिवाइन पब्लिक स्कूल सिंगोली

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