
23 जुलाई 2024 को चलो कुछ न्यारा करते है फाउंडेशन के शिक्षा विभाग के निर्देशक प्रित्तेश तिवारी ने , 15 दिनों की निःशुल्क संस्कृत क्लासेस की शूभाराभं किया।
एक बयान में विभाग के निर्देशक प्रित्तेश तिवारी ने बताया की , संस्कृत भाषा में भारत की सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित है और इसलिए इस पर ध्यान देना स्वाभाविक है। संस्कृत भाषा हमें प्राचीन विरासत की याद दिलाती है। शाब्दिक रूप से ‘संस्कृत’ का अर्थ है तैयार, शुद्ध, परिष्कृत, श्रेष्ठ आदि। इसे ‘देववाणी’ भी कहा जाता है। उन्होंने बताया की हमें संस्कृत भाषा का अध्ययन इसलिए करना चाहिए, क्योंकि संस्कृत हमारी सांस्कृतिक भाषा है। संस्कृत हमारी प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक ऐसी भाषा है जो संसार की सबसे पुरानी भाषा है। सारी भारतीय भाषाओं की उत्पत्ति संस्कृत से ही हुई है।
भारत के यूबा जिस दौर पर हिंदी, और अंग्रेजी पर ध्यान दे रहे है ठीक उसी प्रकार संस्कृत का ज्ञान होना भी उतना ही आब्यशक है।
इसी के साथ उन्होंने ट्रेनर श्री अरविंद घरुई जी का धन्यवाद किया की उन्होंने अपने कीमती वक्त से कुछ पल निकल कर इस योजना को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
उन्होंने प्रोग्राम मैनेजमेंट समिति का भी धन्यवाद किया और कहा की 24 जुलाई 2024 से लगातार 15 दिन शाम को 7 बज कर 30 मिनट से गूगल मीट के माध्यम से यह क्लासेस की जायेंगी।
उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया इस क्लास को ज्वइन करे और 15 दिनों के क्लासेस की लाभ उठाए।
इसी के साथ उन्होंने घोषणा किया की क्लासेस के दौरान अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस देने वाले 2 सफल विद्यार्थियों को सीकेएनकेएच बोर्ड ऑफ स्किल एजुकेशन के द्वारा 1 वॉर्स का मुफ्त कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।