आज भी गुरु शिष्य परंपरा संजीवन है गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर विद्यार्थियों ने किया अपने गुरुजनों का अभिनंदन

ताल –शिवशक्ति शर्मा
नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में गुरु पूर्णिमा का पर्व रविवार को पारंपरिक श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। गुरु आश्रमों पर दिनभर शिष्यों और श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहा है।
अंबे माता मंदिर स्थित ब्रह्मलीन अवधूत पागल बाबा के धूने पर विशेष पूजा अर्चना की गई। पूरे धूने को आकर्षक तरीके से फूलों से सजाया गया। देवेंद्र नारायण दीक्षित, गोपीचंद देवड़ा ,राजवीर सिंह तोमर, प्रदीप शर्मा, धर्मेंद्र दीक्षित ,सोनू दीक्षित सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। ग्राम करवा खेड़ी स्थित शंभू नाथ जी की कुटिया पर भी गुरु पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यहां पर उन्होंने प्रकाश नाथ महाराज की पूजा अर्चना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया एवं शंभूनाथ जी की समाधि पर भी पूजा अर्चना की ।ग्राम कोट कराड़िया स्थित ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 श्री पूर्ण दास जी त्यागी महाराज के आश्रम पर भी दिन भर उनके शिष्य और अनुयायियों का आना-जाना लगा रहा ।श्री पूर्ण दास जी त्यागी महाराज 31 मई को ही ब्रह्मलीन हुए हैं ।उनके ब्रह्मलीन होने के बाद यह पहली गुरु पूर्णिमा थी ।उनकी स्मृति में पूरे गांव में 200 से अधिक पौधे रोपे गए ।राधा नगरी स्थित अवधूत पागल बाबा के आश्रम पर शनिवार की शाम को भजन संध्या आयोजित की गई ।रविवार को दोपहर 12 बजे महा आरती के बाद सैकड़ो श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी वितरित की गई। वहीं शासन के आदेश के चलते सरकारी स्कूलों में भी रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया, जहां सरस्वती पूजन करके सेवानिवृत प्रधानाध्यापक शिवशक्ति शर्मा एवं प्रधानाध्यापिका श्रीमती,सरोज शर्मा को सम्मानित कर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।