बिहार

मुखिया और वार्ड सदस्यों के फंड में कटौती : अब बिना टेंडर पंचायतों में नहीं होंगे कोई भी विकास कार्य, नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला

मुखिया और वार्ड सदस्यों के फंड में कटौती : अब बिना टेंडर पंचायतों में नहीं होंगे कोई भी विकास कार्य, नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला

 

पटना :

बिहार में एनडीए की सरकार ने पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है। पंचायत की विकास योजनाओं में मिल रही गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सरकार ने मुखिया और वार्ड सदस्यों के अधिकारों में कटौती कर दी है। अब बिना टेंडर पंचायतों में किसी तरह के विकास कार्य नहीं किए जाएंगे।

दरअसल, बिहार में पंचायत स्तर पर कराए जाने वाले विकास कार्यों को पहले मुखिया और वार्ड सदस्य अपने स्तर से काम कराते थे। विकास कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगातार लग रहे थे। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आखिरकार नीतीश सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त मुखिया और वार्ड सदस्यों के पर कतर दिए हैं और उनके अधिकारों में बड़ी कटौती कर दी है।

Nitish Kumar ने अब पंचायतों में होने वाले किसी भी विकास कार्य के लिए टेंडर जरूरी कर दिया है। बिना टेंडर की प्रक्रिया पूरी किए मुखिया और वार्ड सदस्य कोई भी विकास का काम अपने स्तर से नहीं करा सकेंगे। सरकार ने मुखिया और वार्ड सदस्य के अधिकारों में कटौती कर दी है।

बिहार सरकार ने पंचायत निर्माण कार्य मैनुअल बनाई है, जिसे कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है। अब मुखिया या वार्ड सदस्य योजनाओं के कार्यान्वयन में मनमानी नहीं कर सकेंगे।

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