मंदसौरमंदसौर जिला

भगवान ने श्री पशुपतिनाथ के रूप में अवतरित होकर मंदसौर को तीर्थ नगरी के रूप में प्रतिष्ठित किया


श्री चैतन्य आश्रम मेनपुरिया में शिवमहापुराण कथा से शुभारंभ हुआ गुरू पूर्णिमा महोत्सव

मन्दसौर। श्री चैतन्य आश्रम मेनपुरिया में गुरू पूर्णिमा कथा से हुआ श्रीपुराण का वाचन आश्रम के युुवाचार्य व्यासपीठ विराजित स्वामी श्री मणी महेश चैतन्य जी महाराज के मुखारविन्द से हो रहा है।
प्रारंभ में आश्रम स्थित संतों के समाधि मंदिरों में विराजित श्री विग्रह का पूजन अर्चन हुआ। पूजा विधि आचार्य पंडित विष्णुलाल व्यास धारियाखेड़ी ने सम्पन्न करवाई। पौथी पूजन आरती मुख्य यजमान ओमप्रकाश पारिख भीलवाड़ा, लोकन्यास अध्यक्ष प्रहलाद काबरा, कोषाध्यक्ष महेश गर्ग, वरिष्ठ ट्रस्टी भेरूलाल कुमावत भालोट, रामचन्द्र कुमावत कुलथाना, प्रद्युम्न शर्मा, बंशीलाल टांक आदि द्वारा किया गया।
तथा शुभारंभ में स्वामी महेश चैतन्यजी महाराज भगवान पशुपतिनाथ के अष्टमुखी स्वरूपों का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान भोलेनाथ ने पशुपतिनाथ के रूप में अवतरित होकर मंदसौर को एक महान तीर्थ नगरी के रूप मेें प्रतिष्ठित कर दिया है। आपने भगवान भोलेनाथ की महिमा बताते हुए कहा कि जो भगवान शिवजी पर बिलपत्र आदि से पूजा नहीं कर सकते परन्तु यदि तीन बार पूर्ण श्रद्धा विश्वास भक्ति के साथ महादेव-महादेव-महादेव इस प्रकार नाम उच्चारण कर लेता है उस पर भगवान भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते है।
कथा का समय प्रतिदिन कथा का समय प्रतिदिन दिन को 12 से 4 बजे तक का है कथा का समापन 20 जुलाई को होगा व 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जावेगा।
बंशीलाल टांक

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