आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन ने लंबित मांगों को लेकर दिया ज्ञापन
Anganwadi worker and assistant unity
मन्दसौर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन म.प्र. जिला इकाई मंदसौर द्वारा मुख्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं आयुक्त महिला एवं बाल विकास विभाग को ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर सौलंकी मेडम को देकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की विभिन्न लंबित मांगों के निराकरण की मांग की। इस अवसर पर अध्यक्ष सोनू यादव और महासचिव संगीता जैन, सपना राठौर, प्रमिला यादव, नजमा परवीन, सनीता शर्मा, गुड्डीबाला सोनगरा, संगीता नागर सहित बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रही।
ज्ञापन में कहा कि अखिल भारतीय आंगनवाडी वर्कर्स एण्ड हेल्पर्स फैडरेशन के द्वारा 10 जुलाई को राष्ट्रव्यापी मांग दिवस मनाये जाने के राष्ट्रीय आह्वान पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन मध्य प्रदेश (सीटू) द्वारा आयेजित प्रदर्शन के माध्यम से आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों एवं गंभीर समस्याओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित करते हुए उनके निराकरण की मांग करती है।
मांग की कि आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए तब तक न्यूनतम वेतन दिया जाए न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करते हुए सभी आंगनबाड़ी कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान तत्काल शुरू किया जाए। आईसीडीएस का किसी भी स्तर पर निजीकरण ना किया जाए । आईसीडीएस को मजबूत करो ई सी सी ई शिक्षा को मजबूत करते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों में के जी, के जी-1, के जी-2, कीशिक्षा 3 से 6 साल के बच्चों को दी जाए । ई सी सी ई शिक्षा स्कूलों में स्थानांतरित करना बंद करो। आंगनवाड़ी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ, पेंशन, ग्रेविटी, समान सेवा शर्ते लागू करो। आईसीडीएस के बजट आवंटन में वृद्धि करो। चार कली श्रम संहिताएं वापस लो।
साथ ही एक अन्य ज्ञापन में संपर्क एप बंद किए जाने, 3 से 6 वर्ष के बच्चों के सरकारी स्कूलों में प्रवेश के आदेश को निरस्त किए जाने की भी मांग की। ज्ञापन में कहा कि आईसीडीएस केंद्र सरकार की योजना है। पोषण ट्रैक्टर ऐप केंद्र सरकार का ऐप है इसमें पूरे देश में कार्य किया जा रहा है। इस एप में आईसीडीएस संबंधी सर्वे से लेकर सभी रजिस्टरों का कार्य करवाया जा रहा है। ऐसी कोई भी जानकारी नहीं है जो पोषण ट्रैकर एप में न ली जा रही हो। मध्यप्रदेश में अलग से संपर्क एप में वही काम लिया जा रहा है जो पोषण ट्रैक्टर में भी लिया जा रहा है। इस तरह आंगनबाड़ी कर्मियों को वही कार्य दो एप-पोषण ट्रैकर एप एवं संपर्क एप में करना पड़ रहा है इससे एक ही काम को पुनरावर्ती होने के साथ काम में समय डबल लग रहा है। दो एप में एक साथ काम करने में समस्या पैदा हो रही है। साथ ही कहा कि सरकार द्वारा जो मोबाइल दिए गए हैं उनमें व्हाट्सएप भी डाउनलोड नहीं होता है। जिससे फोटो भेजना भी मुश्किल होता है। मोबाइल की क्षमता कम होने के कारण लोड नहीं लेता है। ऐसी बहुत सी समस्याएं मोबाइल में है जिसके कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दो. दो एप में काम करना बड़ा मुश्किल हो रहा है। हर दो-तीन दिन में नया वर्जन आता है जिसे डाउनलोड करने में भी दिक्कतें होती हैं। अतः पोषण ट्रैकर एप को निरंतर किया जाए यदि उसमें कुछ कमी है तो उसे कमी को पोषण ट्रैकर ऐप में हो जोड़ दिया जाए एवं संपर्क एप को बंद किया जाए। पोषण ट्रैकर ऐप में ही काम करवाया जाए। किसी भो एप में मानदेय को ना जोड़ा जाए किसी भी तरह की मानदेय में कटौती बंद की जाए। मांग की कि सरकारी स्कूलों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों के प्रवेश के सरकारी आदेश पर रोक लगाई जाए। आंगनवाड़ी केन्द्रों में ही के जी.-1. के. जी. 2. की शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था की जाए। सहायिका से कार्यकर्ता पद पर पदोन्नति में उम्र का प्रावधान समाप्त किया जाने एवं पूर्व के आदेशों की तरह पदोन्नति की जावे। मिनी कार्यकर्ता को पुल कार्यकर्ता बनाए जाने के अन्य राज्यों की तरह तत्काल आदेश जारी किए जाएं। मिनी कार्यकर्ताएं केंद्र में अकेले होने के कारण बच्चों को स्वयं बुलाने जाना पड़ता है जिसके कारण केंद्र का कार्य एवं सुबह की उपस्थिति लगाना प्रभावित होता है। ग्रेच्युटी का लाभ सेवेनिवृत्त हुए सभी आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को अप्रैल 2024 से लागू मानदेय वृद्धि का तत्काल एरियर सहित भुगतान कराया जावे। आंगनबाड़ी कर्मियों के सेवानिवृत्त होने पर सेवानिवृत्ति लाभ की राशि उनके अंतिम मानदेय के साथ भुगतान व जाए सेवानिवृत्ति लाभ की राशि के लिए उन्हें कार्यालयों के चक्कर ना लगाने पड़े। आंगनबाड़ी कर्मियों की सेवा काल में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपए की राशि मृत्यु उपरांत परिवार को सहायता राशि के रूप में दी जाय। आंगनवाड़ी भवन किराया बढ़ी हुई नई दरों पर भुगतान किया जाय। आंगनबाड़ी केंद्रो में पोषण ट्रैकर में 100 प्रतिशत उपस्थित मांगी जाती है पर 100 प्रतिशत बच्चे केन्द्रों में नहीं आते। इसलिये उपस्थित बच्चों की वास्तविक संख्या को पोषण ट्रेकर में दर्ज करने की अनुमति दिया जावे। टेक होम राशन 2 वर्षों से पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्तायें गोदाम से आंगनवाड़ी केंद्र तक स्वयं के परिवहन से ले जा रही हैं लेकिन उन्हें आज तक परिवहन व्यय नहीं दिया गया है। कृपया तत्काल भुगतान कराया जाए। राशन आंगनवाड़ी केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपयोगिता से कम टेक होम राशन दिया जाता है उपयोगिता के अनुसार पर्याप्त राशन दिया जाए। पर्याप्त मात्रा में राशन केन्द्रो में नहीं होने पर हितग्राहियों को कम दिन का वितरण होता है जिसके कारण अधिकारियों द्वारा कम दिन पोषण आहार वितरण के आरोप में आंगनबाड़ी कर्मियों की मानदेय कटौती की जाती है। टेक होम राशन नहीं होने की स्थिति में भी आंगनबाड़ी कर्मियों को पूरे दिनों का टेक होम राशन वितरण दिखाने के लिए विवश किया जाता है। इस तरह हर बात पर गलती ना होने के बाद भी मानदेय कटौती किए जाने की प्रथा को बंद किया जाए। जिन आंगनबाड़ी भवनों में पानी लाइट पंखे नहीं है उन में पानी लाइट पंखे की व्यवस्था की जाए। स्कूलों में शीतकालीन अवकाश एवं ग्रीष्म कालीन अवकाश में स्कूलों से सांझा चूल्हा से प्राप्त होने वाला भोजन आंगनबाड़ियों में प्राप्त नहीं होता जिसके कारण बच्चों को भोजन नहीं मिल पाता एवं वे भोजन लाभ से वंचित रह जाते हैं जबकि रिपोर्ट में बच्चों को भोजन वितरण दिखाया जाता है। भोजन न मिलने पर भी रिपोर्ट में दिखाना यह गलत है इसे बंद किया जाना चाहिए और स्कूलों को छुट्टी होने पर भी आंगनवाड़ी के बच्चों को भोजन प्राप्त होना चाहिए यह विभाग को जिम्मेदारी है। आंगनबाड़ी कर्मियों को किसी भी मीटिंग व ट्रेनिंग में जाने आने के लिए टी ए डी ए दिया जाए। हर माह 5 बार सेक्टर बैठक एवं परियोजनाओं में बुलाया जाता है जिसका टी ए डी ए नहीं दिया जाता हैं, भुगतान कराया जावे। उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार आंगनवाड़ी कर्मियों से अन्य विभागों का कार्य न लिया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए उम्र का प्रावधान खत्म किया जाए सभी को परीक्षा देने की अनुमति दी जाए जो परीक्षा पास होगा वहीं पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्त का हकदार होगा।