मंदसौरमध्यप्रदेश
सी.पी.एस. पद्धति बंद की जाये,सलाहकार समिति की बैठक में विधायक श्री जैन ने अफीम काश्तकारों की मांगों को रखा
मन्दसौर। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा कार्यालय उप नारकोटिक्स आयुक्त नीमच के सभागार कक्ष में सलाहकार समिति की बैठक 9 जुलाई को आयोजित हुई। जिसमें मंदसौर के किसान हितैषी विधायक विपिन जैन ने उपस्थित होकर अफीम कास्तकारों की ओर से सुझाव दिये।
अफीम की फसल जो मंदसौर जिले की पहचान है इस कास्त को करने वाले किसान काफी समय से परेशान है, इन काश्तकारों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विधायक श्री जैन ने सलाहकार समिति की बैठक में अफीम काश्तकारों की समस्याओं को हल करने के सुझाव रखे।
श्री जैन ने कहा कि अफीम काश्तकारों की लम्बे समय से मांग है कि उन्हें सन् 1996- 97 के कटे हुए पट्टे किसानों को पुनः वापस दिए जाए। इस और नारकोटिक्स ब्यूरों आवश्यक कार्यवाही करे जिससे लम्बे समय से इस अफीम की खेती से जुड़े किसानों को लाभ होगा। साथ ही श्री जैन ने कहा कि अफीम की खेती करना अब काफी महंगा हो गया है। इसकी सुरक्षा हेतु भी काफी उपाय किसानों को करना पड़ते है। किसानों को अफीम का दाम सही नहीं मिल पा रहा है इसलिये अफीम के भाव में वृद्धि की जाये जिससे किसानों को इस खेती से लाभ हो।
विधायक श्री जैन ने सीपीएस पद्धति बंद करने की मांग पर भी जोर देते हुए कहा कि सीपीएस पद्धति से अफीम काश्तकारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिये इस पद्धति को बंद कर देनी चाहिए। साथ ही आपने कहा कि पुलिस व नारकोटिक्स विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी डोड़ाचूरा के नाम पर कई झूठे प्रकरण बनाकर किसानों से जेल में डाल रहे है। कई बार ऐसे मामले सामने आये है। अतः डोडाचूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर निकाला जाए जिससे किसानों के साथ हो रहा अत्याचार बंद हो सके।
साथ ही विधायक श्री जैन ने सुझाव दिया कि फसल नष्टीकरण मुखिया की उपस्थिति में किया जाए, मार्फिन 3.5 किया जाए। तथा कई बार प्राकृतिक आपदा होने से अफीम की मात्रा कम बैठती है इसलिये अफीम की मात्रा में छूट दी जाए। डोडा खुद स्वयं किसानों द्वारा तोडकर मुखिया को वजन नोट करवाए व इस वर्ष के अनुसार नियम बनाया जाए। सीपीएस पद्धति में डोडे के भाव में वृद्धि की जाए। नामांतरण प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए एवं जीवित नामांतरण की पद्धति लागू की जाएं। धारा 29 के दुरुपयोग को बंद किया जाए। अफीम की फसल को फसल बीमा में लिया जाए।
इस बैठक में जनप्रतिनिधिगण, किसान बन्धु व नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
अफीम की फसल जो मंदसौर जिले की पहचान है इस कास्त को करने वाले किसान काफी समय से परेशान है, इन काश्तकारों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विधायक श्री जैन ने सलाहकार समिति की बैठक में अफीम काश्तकारों की समस्याओं को हल करने के सुझाव रखे।
श्री जैन ने कहा कि अफीम काश्तकारों की लम्बे समय से मांग है कि उन्हें सन् 1996- 97 के कटे हुए पट्टे किसानों को पुनः वापस दिए जाए। इस और नारकोटिक्स ब्यूरों आवश्यक कार्यवाही करे जिससे लम्बे समय से इस अफीम की खेती से जुड़े किसानों को लाभ होगा। साथ ही श्री जैन ने कहा कि अफीम की खेती करना अब काफी महंगा हो गया है। इसकी सुरक्षा हेतु भी काफी उपाय किसानों को करना पड़ते है। किसानों को अफीम का दाम सही नहीं मिल पा रहा है इसलिये अफीम के भाव में वृद्धि की जाये जिससे किसानों को इस खेती से लाभ हो।
विधायक श्री जैन ने सीपीएस पद्धति बंद करने की मांग पर भी जोर देते हुए कहा कि सीपीएस पद्धति से अफीम काश्तकारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिये इस पद्धति को बंद कर देनी चाहिए। साथ ही आपने कहा कि पुलिस व नारकोटिक्स विभाग के कई अधिकारी व कर्मचारी डोड़ाचूरा के नाम पर कई झूठे प्रकरण बनाकर किसानों से जेल में डाल रहे है। कई बार ऐसे मामले सामने आये है। अतः डोडाचूरा को एनडीपीएस एक्ट से बाहर निकाला जाए जिससे किसानों के साथ हो रहा अत्याचार बंद हो सके।
साथ ही विधायक श्री जैन ने सुझाव दिया कि फसल नष्टीकरण मुखिया की उपस्थिति में किया जाए, मार्फिन 3.5 किया जाए। तथा कई बार प्राकृतिक आपदा होने से अफीम की मात्रा कम बैठती है इसलिये अफीम की मात्रा में छूट दी जाए। डोडा खुद स्वयं किसानों द्वारा तोडकर मुखिया को वजन नोट करवाए व इस वर्ष के अनुसार नियम बनाया जाए। सीपीएस पद्धति में डोडे के भाव में वृद्धि की जाए। नामांतरण प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए एवं जीवित नामांतरण की पद्धति लागू की जाएं। धारा 29 के दुरुपयोग को बंद किया जाए। अफीम की फसल को फसल बीमा में लिया जाए।
इस बैठक में जनप्रतिनिधिगण, किसान बन्धु व नारकोटिक्स विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।