अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया को लेकर मप्र हाई कोर्ट सख्त, सेना को चयनित उम्मीदवारों का रिजल्ट सार्वजनिक करने के निर्देश
जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अग्निवीर भर्ती से जुड़े सेना के अधिकारियों को चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतने की बात कहते हुए चयनित अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों की जानकारी भी साझा करने के निर्देश दिए। न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने कहा कि किसी भी सार्वजनिक परीक्षा में प्राप्त अंक व्यक्तिगत जानकारी के अंतर्गत नहीं आते, लिहाजा प्रत्येक अभ्यर्थी को अपने प्रतिस्पर्धियों के अंकों की जानकारी प्राप्त करने का पूरा अधिकार है। यह जानकारी देने के लिए हाई कोर्ट ने सेना के अधिकारियों को 15 दिन की मोहलत दी है।
सूचना अधिकार के तहत अभ्यर्थियों ने मांगी अपने रिजल्ट की जानकारी
दरअसल, अग्निवीर भर्ती में शामिल होने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने सूचना अधिकार के अंतर्गत सेना से चयनित अभ्यर्थियों को प्राप्त अंकों की जानकारी भी मांगी थी, जिसे न देते हुए सेना कार्यालय की ओर से सिर्फ जानकारी मांगने वाले अभ्यर्थियों और चयन प्रक्रिया की कट आफ ही उपलब्ध कराई गई। नतीजतन, अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट की शरण ली।
महज चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर दिखाए गए
याचिकाकर्ता सतना निवासी अमन द्विवेदी और रीवा, सीधी व अन्य जिलों के निवासी अभ्यर्थियों की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने सितंबर, 2022 में अग्निवीर भर्ती रैली में भाग लिया और उसके बाद नवंबर, 2022 में आयोजित लिखित परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन किया। परिणाम 26 नवंबर, 2022 को घोषित किए गए, जिसमें महज चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबर दिखाए गए। उनके नाम या प्राप्त अंकों का उल्लेख नहीं किया गया।
चयनित उम्मीदवारों के अंकों का खुलासा नहीं
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनको जानकारी है कि कई चयनित उम्मीदवारों ने उनसे कम अंक प्राप्त किए थे फिर भी उनका चयन कर लिया गया। अभ्यर्थियों ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो पूरी चयन प्रक्रिया के बजाय सिर्फ याचिकाकर्ताओं को केवल कट-आफ अंकों और उनके स्वयं के अंकों की जानकारी ही दी गई। लगभग 50 चयनित उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा नहीं किया गया। लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।