
गौरी शंकर प्रिया जी ने नवरात्र पर विशेष चर्चा
बिहार.19 सितंबर।
ह्रदयेश कुमार की रिपोर्ट
बिहार के जमुई खैरा में जन्मी गौरी शंकर प्रिया ने विशेष शिक्षा श्री वृन्दावन धाम से लेकर अपने जीवन को समाज हित में समर्पित करते हुए हिंदू धर्म प्रचार प्रसार करते हुए श्री मद भागवत कथा वाचिका हैं जिनको सिंगापुर और भारत सरकार द्वारा भी सम्मान मिल चुका है
हम सभी को ये याद रखना चाहिए कि जमुई खैरा के शिव मंदिर परिसर में संगोष्ठी का आयोजन कर बताया कि नवरात्र एक हिन्दू पर्व है जिसमें नौ रातें देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा की जाती है. यह संस्कृत शब्द ‘नव’ (नौ) और ‘रात्र’ (रात) से बना है, जो देवी शक्ति और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. यह पर्व भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, जैसे गुजरात में गरबा और डांडिया, और पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा. शक्ति की पूजा: नवरात्र शक्ति की देवी, दुर्गा की उपासना का त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
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आध्यात्मिक शुद्धि: यह नौ दिन शरीर, मन और बुद्धि की शुद्धि के लिए होते हैं, जिससे थकान दूर होती है और आंतरिक ऊर्जा बढ़ती है.
प्रकृति और चेतना का उत्सव: यह त्योहार प्रकृति के साथ चेतना के तालमेल को भी दर्शाता है, जहाँ प्रत्येक दिन तीन गुणों (तम, रज, सत्व) की आराधना की जाती है.
प्रमुख उत्सव और रीति-रिवाज
शारदीय नवरात्र: यह सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध नवरात्र है, जो आश्विन (क्वार) महीने में मनाई जाती है और दशहरा के दिन इसका समापन होता है.
चैत्र नवरात्र: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल की शुरुआत चैत्र महीने में नौ दिनों के लिए चैत्र नवरात्र के रूप में होती है.
नवरात्रि उपवास का अर्थ है नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करना और कुछ खास नियमों का पालन करना, जिसमें मांसाहारी भोजन, प्याज, लहसुन, दाल और अनाज से परहेज किया जाता है. उपवास के दौरान सात्विक भोजन, फल, फलाहार, सेंधा नमक और दूध का सेवन किया जाता है. उपवास के दौरान मानसिक और शारीरिक पवित्रता, ब्रह्मचर्य का पालन करना और नकारात्मक आदतों से दूर रहना भी महत्वपूर्ण है.
फलाहार: फल, फल और सब्जियों का सेवन करें.
सात्विक भोजन: फलाहार के साथ, आप सेंधा नमक डालकर बनी खीर, हलवा, या साबूदाना की खिचड़ी खा सकते हैं.
दूध और जल: दूध और जल का सेवन भी उपवास में किया जाता है.
अन्य: नींबू का रस, मेवे, दही, और दही से बने पदार्थ भी खाए जा सकते हैं.
क्या न खाएं:
मांसाहार: मांस, मछली, अंडे और किसी भी प्रकार के नॉन-वेज आइटम का सेवन वर्जित है.
मसालेदार और तामसिक भोजन: प्याज और लहसुन को छोड़ दें. मसालेदार भोजन, दाल और अनाज का सेवन भी नहीं करना चाहिए.
नशा: शराब और तंबाकू का सेवन पूरी तरह से वर्जित है.
प्रसंस्कृत भोजन: पैकेट वाले और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए.
ब्रह्मचर्य: उपवास के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें.
मन की पवित्रता: मन, वचन और कर्म से पवित्र रहना चाहिए और किसी को ठेस पहुंचाने वाले वचन नहीं बोलने चाहिए.
शारीरिक स्वच्छता: स्वच्छता और सात्विकता बनाए रखना जरूरी है.
नकारात्मकता से बचें: क्रोध, लोभ और अन्य नकारात्मक विचारों से दूर रहें.
उपवास का पालन: उपवास को बीच में नहीं तोड़ना चाहिए. यदि आप व्रत का पारण करते हैं तो नौ कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा देनी चाहिए।
भक्त उपवास, प्रार्थना और विभिन्न अनुष्ठानों के माध्यम से देवी की शक्ति, बुद्धि और समृद्धि के लिए आराधना करते हैं।
देवी के नौ रूप: नवरात्रि के प्रत्येक दिन देवी के एक विशेष अवतार की पूजा की जाती है, जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा आदि. विजयदशमी: दसवें दिन विजयादशमी के रूप में अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है, जिसमें देवी की मूर्ति विसर्जित की जाती है।