राजयोग से आत्मा को सशक्त बनाया जा सकता है-लता दीदी

पिपलिया स्टेशन (निप्र)। भारत का प्राचीन राजयोग बहुत मशहूर है। जिसका वर्णन शास्त्रों में भी सुन सकते हैं। राज्योगेश्वर परमपिता परमात्मा स्वयं इसके प्रेरणा स्त्रोत है। यह बात शिव संगम भवन पिपलिया में योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए बीके लता दीदी ने कही।
उन्होंने कहा राजयोग द्वारा आत्मा को सशक्त बनाया जा सकता है। जिससे आत्मा का अपने स्वयं के ऊपर अर्थात मन बुद्धि संस्कार पर कंट्रोल किया जा सकता है। जिससे हमारे मन में सकारात्मक चिंतन करने की कला विकसित की जा सकती है। इसका प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है और अनेक गंभीर या साधारण बीमारियों को रोका जा सकता है। उन्होंने आगे कहा राजयोग में आत्मा का कनेक्शन परमात्मा से जोड़ना होता है। परमात्मा सात गुणों का सागर है और हमारे शरीर में भी सात अंग है। परमात्मा से सुख, शांति, आनंद, प्रेम, पवित्रता, ज्ञान, शक्ति आदि लेकर अपने शरीर को निरोगी बना सकते हैं। मन स्वस्थ होगा तो तन भी स्वस्थ रहेगा। इस अवसर पर लता दीदी ने भाई बहनों को राजयोग का अभ्यास कराया।
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