मंदसौर जिलासीतामऊ

जीवन जीते हैं तो ऐसा जीएं जैसे आज आखरी है- कृष्णा दीदी

हम सबको अच्छे जीवन जीने के लिए एक अच्छा एक्टर पात्र बनकर रहना है- प्रिती दीदी 

मम्मा की 59 वीं पुण्यतिथि पर उपस्थित बहिनों भाईयों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया 

सीतामऊ । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सीतामऊ में मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती मम्मा की 59 वीं पुण्यतिथि अध्यात्म दर्शन एवं चिंतन दिवस के रूप में छत्तीसगढ़ से आई ब्रह्माकुमारी प्रीती दीदी ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी प्रीती दीदी एवं भाई बहिनों कि उपस्थिति में मनाई गई।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ से आई ब्रह्मा कुमारी प्रीती दीदी ने अपने आध्यात्मिक उद्बोधन में कहा कि हम सबको अच्छे जीवन जीने के लिए एक अच्छा एक्टर पात्र बनकर रहना है। शिव बाबा कहते हैं कि वह भी एक एक्टर पात्र हैं जो समय-समय पर अपना फर्ज विभिन्न रूपों में निभाते हैं ऐसे ही हमें विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग भावों के रूप में पात्र बनकर कार्य करना है। हम सब जगह सबके लिए अच्छा बनाना है तो अच्छा एक्टर बनकर दिखाना पड़ेगा। ऐसे ही अच्छे एक्टर के भाव लेकर हमारे बीच में जगदंबा सरस्वती राधे मम्मा आई थी उन्होंने अपने समर्पण के भाव द्वारा अच्छी एक्टिंग कर सभी के दिलों मे देवी स्वरूप में बस गई हैं।

ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी शिव बाबा के यज्ञ में ऐसी आठ बहिनें थी और 400 भाई बहिन थें उनमें मातेश्वरी जगदंबा मम्मा को प्रथम मुख्य प्रशासिका बनाया।

कृष्णा दीदी ने आगे कहा कि मम्मा मे ऐसा क्या था जो देवी मम्मा बन गई। मम्मा मे ऐसा गुण था और उनमें ज्ञान का भंडार था। जो भी बोलते वो अमृत मय था। मम्मा कहती हैं कि जीवन जीते हैं तो ऐसा जीएं जैसे आज आखरी है। कृष्णा दीदी ने जगदंबा के समर्पण भाव को लेकर कहा कि एक बार जब मेहमान आए तो बहिनों ने उनसे कहा उनके नास्ता के लिए व्यवस्था करना है और मेहमान जा रहे हैं तों मम्मा ने कहा कि उनको नास्ता करवाना है वो भी हलवा बना कर बहिनो ने कहा वो तो जा रहें बाबा का आदेश हुआ मम्मा ने हलवा को भोग मना करने के बाद भी बना दिया। मेहमान निकल गये। मम्मा ने कहा कि स्टेशन पर कौन देने जाएगा मेहमान जाने के बाद भी एक भाई ने हां कि और साईकिल से चलकर देने स्टैंड पर गया तब तक बस चल पड़ी बस का पिछा कर भाई बहिन मेहमान को नास्ता दिया। दोनों ने शिव बाबा का धन्यवाद दिया। कृष्णा दीदी ने कहा कि मम्मा जगदंबा भाव और समर्पण कि साक्षत देवी थी एक दिन बिना सामान के बाबा को खीर का भोग लगाने कि सोचा तो शिव बाबा ने सब व्यवस्था कर दी। ऐसे ही मम्मा के भाव समर्पण थे जो शिव बाबा पूर्ण कर देते थे।

कृष्णा दीदी ने जगदंबा सरस्वती मम्मा को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित वचन में कहा कि एक बार मम्मा का स्वास्थ्य खराब हुआ उनको हॉस्पिटल ले गए। जहां पर डाक्टर ने उपचार कर भाई जी से कहा कि इनकी जीवन समय चार माह का है घर ले जाओ और सेवा करो। भाईजी बहुत घबराए और उन्होंने ने आश्रम पर आकर बाबा से बात बताई तो बाबा ने कहा कि यह बात मातेश्वरी को बताने कि कहा भाईजी विचलित हुए उन्होंने हिम्मत कर मम्मा को उनके 4 माह के जीवन कि डॉक्टर द्वारा बताई बात कही तो मम्मा ने कहा कि मुझे माउंट आबू ले चलो वहां मेरा जीवन पूरा होगा। कृष्णा दीदी ने कहा कि आध्यात्मिक एवं ज्ञान के भंडार कि देवी 24 जून 1965 को आज के दिन मम्मा ने अपना भौतिक शरीर त्याग कर संपूर्णता को प्राप्त किया।

इस अवसर पर प्रिती दीदी ( छत्तीसगढ़) कृष्णा दीदी प्रिती दीदी गौरव जैन लक्ष्मीनारायण मांदलिया मोडी़राम भोई रामेश्वर पाटीदार खेड़ा हरिनारायण जी सोनी दीपक पाटीदार तथा लदुना कैलाशपुर, दलावदा, खेड़ा भाई बहिनों ने मातेश्वरी जगदंबा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

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