मंदसौरमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 24 फरवरी 2025 सोमवार

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भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में शिव-सत्य की कला अभिव्यक्तियों का होगा आयोजन

मंदसौर 23 फरवरी 25/ महाशिवरात्रि के पर्व के अवसर पर भगवान पशुपतिनाथ मंदिर आराधना हॉल में शाम 6:30 बजे होंगे जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में शिव-सत्य की कला अभिव्यक्तियाँ, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के रसास्वादन का आयोजन होगा।

सागर के कलाकार जुगलकिशोर नामदेव एवं साथी द्वारा लोकगायन की प्रस्तुति दी जाएगी। इंदौर के कलाकार कविता तिवारी एवं साथी द्वारा महादेव केन्द्रित नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। नर्मदा पुरम के कलाकार दामिनी पठारिया एवं साथी द्वारा भक्ति गायन किया जाएगा। उक्त आयोजन- मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन, मंदसौर द्वारा आयोजित किया जा रहा है। पशुपतिनाथ मंदिर में आयोजित एक दिवसीय शिव-सत्य की कला अभिव्यक्तियों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के रसास्वादन के लिए आप सादर आमंत्रित हैं।

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जिला पंचायत साधारण सभा की बैठक 27 फरवरी को होगी

मंदसौर 23 फरवरी 25/ सीईओ जिला पंचायत श्री अनुकूल जैन द्वारा बताया गया कि जिला पंचायत साधारण सभा की बैठक जिला पंचायत अध्‍यक्ष श्रीमती दुर्गा डॉ. विजय पाटीदार की अध्यक्षता मे आयोजित होगी । बैठक 27 फरवरी 2025 को जिला पंचायत सभाकक्ष में दोपहर 1:00 बजे होगी ।

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प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण का सर्वे, पात्र परिवार 31 मार्च तक जुड़वा सकते हैं नाम

आवास प्लस 2.0 ऐप से होगा सर्वे, हितग्राही स्वयं भी कर सकते हैं आवेदन

मंदसौर 23 फरवरी 25/ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के द्वितीय चरण के लिए सर्वे प्रारंभ हो गया है। इसमें पात्र परिवारों के नाम 31 मार्च तक स्थाई प्रतीक्षा सूची में जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। योजना अंतर्गत केन्द्रीय मंत्री-मण्डल ने योजना को आगामी पांच वर्ष के लिये वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक की मंजूरी दी है। इस संबंध ने ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने आवास प्‍लस की सूची को अद्यतन करने के लिए आवास प्‍लस सर्वे 2024 प्रारंभ किया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का सर्वे जिले में ग्राम पंचायत में नियुक्‍त किये गये सर्वेयर सचिव/रोजगार सहायक द्वारा किया जायेगा। सर्वे कार्य आवास प्‍लस एप-2024 से किया जाएगा। इसमें हितग्राही स्वयं के मोबाईल से भी आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए मोबाइल एप्लीकेशन आवास प्लस 2.0 ग्रामीण विकास मंत्रालय एन.आई.सी द्वारा निर्मित किया गया है। इस ऐप की लिंक आवास सॉफ्ट पोर्टल

(https://pmayg.nic.in/infoapp.html) पर भी उपलब्‍ध है। सर्वे के लिए समस्‍त जिले/जनपद एवं ग्राम पंचायत स्‍तर के अधिकारियों एवं नामांकित सर्वेयर को प्रशिक्षण गया है। सर्वे 31 मार्च 2025 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) प्रारंभ की गई। जिसके अंतर्गत सभी पात्र बेघर परिवारों और कच्‍चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को बुनियादी सुविधा युक्त पक्का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

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समर्थन मूल्य पर गेहू उपार्जन हेतु कृषक पंजीयन 31 मार्च 2025 तक करें

मंदसौर 23 फरवरी 25/ जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा बताया गया कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहू उपार्जन हेतु कृषक पंजीयन 20 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक करा सकते है। जिले में रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहू उपार्जन हेतु जिले में 77 पात्र संस्थाओं को पंजीयन केन्द्रो निर्धारण किया गया है। रबी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूं का समर्थन मूल्य रूपये 2425/- निर्धारित किया गया है।कृषको से अनुरोध है कि समय-सीमा में अपने नजदीकी पंजीयन केन्द्र पर जाकर निःशुल्क पंजीयन फार्म प्राप्त कर अपना पंजीयन करावे। कृषको की सुविधा हेतु अधिकृत एमपी ऑनलाईन, कांमन सर्विस सेंटर पर सशुल्क तथा अपने मोबाईल पर किसान एप पर भी अपना पंजीयन करा सकते है। किसान पंजीयन के लिए कृषक पंजीयन केन्द्र पर भूमि संबंधी दस्तावेज़ एवं किसान के आधार कार्ड, बैकपासबुक एवं फोटो पहचान हेतु आवश्यक दस्तावेज लाना अनिवार्य होगा। रबी विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर गेहू उपार्जन हेतु किसान अपना पंजीयन शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा में करवायें।

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नई एमएसएमई नीति से प्रदेश के औद्योगीकरण की राह हुई आसान

मंदसौर 23 फरवरी 25 /मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के समग्र विकास के लिये निरंतर नई सोच के साथ परिश्रम कर रहे हैं। उनका प्रदेश के प्रति प्रेम और समर्पण आज मध्यप्रदेश के विकास की नई गाथा लिखने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2025’ के क्रियान्वयन को मंजूरी दी। इससे प्रदेश में आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को नई गति मिलेगी।

मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2025 में निवेश पर 40% तक की सहायता, नए उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमी इकाई को 48% की सहायता और पिछड़े विकासखण्डों में 1.3 गुना सहायता का प्रावधान किया गया है। निर्यात को प्रोत्साहित किया जायेगा। निर्यातक इकाई को निवेश पर 52% तक की सहायता, निर्यात हेतु माल ढुलाई पर अधिकतम 2 करोड़ रुपए की सहायता के साथ निर्यात के लिये प्रमाण पत्र पर 50 लाख रुपए की सहायता दी जायेगी। मध्यम इकाई को 100 से अधिक रोजगार देने पर डेढ़ गुना अनुदान दिया जाएगा। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रति कर्मचारी 5000 रुपए प्रति माह 5 वर्ष तक मदद की जाएगी। इसके साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु 13000 रुपए की सहायता का भी नीति में प्रावधान किया गया है।

एमएसएमई नीति में सेवा क्षेत्र में पहली बार सहायता देने के प्रबंध किये गये हैं। इसमें लॉजिस्टिक, रिसाइक्लिंग, मोटर यान स्क्रेपिंग के साथ आर एंड डी शामिल है। मेडिकल डिवाइस और फुटवियर के लिए पहली बार विशेष पैकेज भी दिया गया है। नीति में नवीन क्षेत्र को सहायता देने का भी प्रावधान किया गया है। इसमें एमएसएमई एक्सचेंज, लीन इंजीनियरिंग, टेस्टिंग लैब, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हेतु सहायता भी मिलेगी।

मध्यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि एवं भवन आवंटन तथा प्रबंधन नियमों में सशोधन भी किये जा रहे हैं। संशोधन अनुसार विकसित किए जाने वाले औद्योगिक भू-खंडों का आबंटन “पहले आओ-पहले पाओ” के स्थान पर ई-बिडिंग अब फ्लैटेड इंडस्ट्रियल एरिया और कॉम्पलेक्स का निर्माण और आबंटन का नवीन प्रावधान किया गया है। इन संसाधनों के बाद भूमि का आबंटन सरल, पारदर्शी एवं ऑनलाइन तरीके से त्वरित गति से हो सकेगा। इस नीति के तहत निवेशकों को व्यापक सहायता प्रदान करने, रोजगार के अवसर बढ़ाने और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इससे प्रदेश में छोटे और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के विस्तार को नई ऊर्जा मिलेगी।

उद्योगों को 40% तक की सहायता, पिछड़े इलाकों को विशेष लाभ

नई नीति में राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों को निवेश पर 40% तक की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित इकाइयों को 48% तक की सब्सिडी दी जाएगी। औद्योगिक रूप से पिछड़े विकासखंडों में उद्योग लगाने पर यह सहायता 1.3 गुना अधिक होगी, जिससे इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

निर्यातकों को मिलेगा प्रोत्साहन

प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई नीति में निर्यातक इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है। इसमें निवेश पर 52% तक की वित्तीय सहायता, निर्यात के लिए माल ढुलाई पर अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी और निर्यात संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर 50 लाख रुपए तक की सहायता शामिल है।

रोजगार सृजन और कौशल विकास पर जोर

प्रदेश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को 100 से अधिक लोगों को रोजगार देने पर डेढ़ गुना अधिक अनुदान दिया जाएगा। नई नीति में प्रति कर्मचारी 5 हजार रुपए प्रति माह की वित्तीय सहायता 5 वर्षों तक दी जाएगी। साथ ही औद्योगिक प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रति कर्मचारी 13 हजार रुपए तक का प्रशिक्षण अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।

नई नीति से प्रदेश में निवेश और औद्योगीकरण को मिलेगी गति

नई एमएसएमई नीति लागू होने से मध्यप्रदेश में छोटे और मध्यम उद्योगों को नए अवसर मिलेंगे। इससे प्रदेश में औद्योगीकरण को गति मिलेगी। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दी गई वित्तीय सहायता और प्रोत्साहनों से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने में मध्यप्रदेश की नई नीति महत्वपूर्ण साबित होगी।

मध्यप्रदेश गढ़ रहा है औद्योगिक विकास के नए प्रतिमान

मंदसौर 23 फरवरी 25/मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश निवेश और औद्योगिक विस्तार के नए आयाम स्थापित कर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के माध्यम से राज्य अपनी औद्योगिक क्षमताओं, निवेश अनुकूल नीतियों और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप विकसित बुनियादी ढांचे को प्रस्तुत कर रहा है। आईटी एवं प्रौद्योगिकी, पर्यटन, खनन, ऊर्जा, खाद्य प्र-संस्करण, फार्मा, कपड़ा, लॉजिस्टिक्स, कौशल विकास, ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस और पेट्रो केमिकल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मध्यप्रदेश ने खुद को निवेशकों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया है।

आईटी एवं प्रौद्योगिकी: डिजिटल युग की नई पहचान

मध्यप्रदेश तेजी से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर बढ़ रहा है। 15 से अधिक आईटी पार्क और 50 से अधिक प्रमुख आईटी कंपनियों की उपस्थिति इसे टेक्नोलॉजी का उभरता हब बना रही है। इंदौर, भोपाल और जबलपुर में आईटी स्टार्ट-अप्स और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे डिजिटल इंडिया मिशन को नया विस्तार मिल रहा है।

पर्यटन: प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों का केंद्र

प्रदेश में 3 यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स, 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 11 स्थल यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल हैं। महाकाल लोक जैसी परियोजनाएँ धार्मिक पर्यटन को नए स्तर पर पहुँचा रही हैं। टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट, वल्चर स्टेट और चीता स्टेट के रूप में प्रदेश की विशेष पहचान पर्यटन को वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयाँ दे रही है।

खनन: खनिज संपदा से औद्योगिक समृद्धि

देश के 90% हीरा भंडार, तांबा, मैंगनीज, ग्रेफाइट और रॉक फॉस्फेट के विशाल भंडार के साथ मध्यप्रदेश खनन क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। 700 से अधिक प्रमुख खनन परियोजनाएँ और 6 हजार से अधिक लघु खनिज खदानें प्रदेश की औद्योगिक प्रगति को गति प्रदान कर रही हैं।

ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा: हरित भविष्य की ओर

रीवा मेगा सोलर प्लांट, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और नीमच पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाएँ प्रदेश को ग्रीन एनर्जी हब बना रही हैं। सरकार की नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में 53 हजार से अधिक मेगावॉट की क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है।

खाद्य प्र-संस्करण और बागवानी: एग्रो-इंडस्ट्री का नया केंद्र

मध्यप्रदेश ऑर्गेनिक कृषि में देश का अग्रणी राज्य है। 11.24 लाख हेक्टेयर में जैविक खेती और 30 हजार से अधिक किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। डेयरी, अनाज प्र-संस्करण, फल-सब्जी और मसाला उद्योग में नई संभावनाएँ निर्मित हो रही हैं।

फार्मा, मेडिटेक और मेडिकल डिवाइसेज: हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग हब

फार्मा सेक्टर में 13 हजार 158 करोड़ रूपये के निर्यात के साथ प्रदेश हेल्थ केयर मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क और फार्मा हब के रूप में प्रदेश, निवेशकों के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री का उभरता केंद्र

मध्यप्रदेश, जैविक कपास उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क, टेक्सटाइल ओडी-ओपी और वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट जैसी योजनाएँ प्रदेश को वस्त्र निर्माण का प्रमुख केन्द्र बना रही हैं। बुटिक प्रिंट जैसे पारंपरिक शिल्प को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग: भारत का अप-कमिंग लॉजिस्टिक्स हब

प्रदेश की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति इसे लॉजिस्टिक्स के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क से तेज और कुशल आपूर्ति श्रृंखला की सुविधा मिल रही है। नए एक्सप्रेस-वे और औद्योगिक कॉरिडोर लॉजिस्टिक्स सेक्टर को और मजबूती प्रदान कर रहे हैं।

कौशल विकास: उद्योगों के अनुरूप मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में अग्रसर

मध्यप्रदेश स्किल डेवलपमेंट में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। ग्लोबल स्किल पार्क, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और निजी क्षेत्र के सहयोग से रोजगारपरक प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में 1500 से अधिक कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं।

ऑटोमोबाइल और घटक सहायक उद्योग: भारत का नेक्स्ट ऑटो हब

पीथमपुर ऑटो क्लस्टर, एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड टेस्टिंग ट्रैक, 200 से अधिक ऑटो पार्ट्स निर्माता और 30 से अधिक ओरिजनल इक्युपमेंट्स मैन्यूफैक्चरर्स (ओईएम) के साथ प्रदेश ऑटोमोबाइल उद्योग में तेजी से विस्तार कर रहा है। ईवी मैन्युफैक्चरिंग और हरित गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीतियाँ लागू की जा रही हैं।

एयरोस्पेस और रक्षा: भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का उभरता केंद्र

प्रदेश में रक्षा उत्पादन और एयरोस्पेस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए विशेष क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। डीआईसी इंदौर, एमआरओ हब और एयरोस्पेस पार्क के माध्यम से प्रदेश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को गति दे रहा है।

पेट्रो केमिकल: ऊर्जा और उद्योग के नए अवसर

विन्ध्य बेसिन में ओएनजीसी द्वारा गैस उत्पादन से प्रदेश भारत के 9वें उत्पादक बेसिन के रूप में उभरेगा। बीना में 49 हजार करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हो रहा डाउनस्ट्रीम पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स इस क्षेत्र में निवेश के नए द्वार खोल रहा है।

जीआईएस-2025 में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश निवेशकों को एक स्थिर, औद्योगिक रूप से समृद्ध और संभावनाओं से भरा भविष्य प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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मध्यप्रदेश बन रहा है सीएम डॉ. यादव के नेतृत्व में ग्लोबल स्टार्ट-अप हब

मंदसौर 23 फरवरी 25/प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि स्टार्ट-अप को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दें, जिससे भारत के युवा नौकरी करने वाले से ज्यादा नौकरी देने वाले बनें। आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने में इस विजन को मध्यप्रदेश में मूर्तरूप देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार आगे बढ़कर कार्य कर रही है। हाल ही में मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति को मंजूरी इसी का परिणाम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि नई स्टार्ट-अप नीति बन जाने से जीआईएस-2025 प्रदेश को ग्लोबल स्टार्ट-अप हब के रूप में स्थापित करने का बड़ा अवसर साबित होगी। युवा उद्यमियों को ग्लोबल मंच मिलेगा और लाखों रोजगार सृजित होंगे।

नई नीति से स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम बनेगा मजबूत

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि गतिशील स्टार्ट-अप ईको सिस्टम राज्य की आर्थिक प्रगति और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में अहम भूमिका निभाएगा। प्रदेश की नई स्टार्ट-अप नीति से स्टार्ट-अप्स उद्यमियों के समक्ष आने वाली संभावित चुनौतियों का समाधान होगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में स्टार्ट-अप्स की संख्या को दोगुना करना है। वर्तमान में सक्रिय स्टार्ट-अप्स की संख्या 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे 1.10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

प्रारंभिक सहायता के लिए 100 करोड़ रुपए का सीड कैपिटल

स्टार्ट-अप्स के युवा उद्यमियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रारंभिक पूंजी की व्यवस्था करना होती है। राज्य सरकार युवाओं की इस बाधा को दूर करने के लिए 100 करोड़ रुपए का सीड कैपिटल फंड स्थापित कर रही है। यह कोष उभरते स्टार्ट-अप्स को उनके शुरुआती चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इससे वे अपने स्टार्ट-अप का विस्तार कर सकेंगे साथ ही विस्तार की चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।

मेगा इनक्यूबेशन सेंटर और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

नई नीति में राज्य में मेगा इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इनसे स्टार्ट-अप्स को आवश्यक संसाधन, मार्गदर्शन और ग्लोबल बाजार तक पहुंचने में सहायता प्रदान करेंगे। नई नीति में बौद्धिक संपदा सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। इसके लिये घरेलू पेटेंट के लिए 5 लाख रुपये और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 20 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इससे स्टार्ट-अप्स को नवाचार करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने में मदद मिलेगी।

एंटरप्रेन्योर-इन-रेजिडेंस ईआईआर प्रोग्राम और कौशल विकास सहायता

राज्य में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एंटरप्रेन्योर-इन-रेजिडेंस ईआईआर प्रोग्राम लागू किया जा रहा है। इसमें चुने गए स्टार्ट-अप्स को कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए 10 हजार रुपए प्रति माह (अधिकतम एक वर्ष के लिए) तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही प्रत्येक नए कर्मचारी पर 13 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। इसे स्टार्ट-अप्स मानव संसाधनों के प्रशिक्षण और विकास में निवेश कर सकेंगे।

किराये पर सब्सिडी और महिला उद्यमिता को बढ़ावा

स्टार्ट-अप्स के परिचालन खर्चों को कम करने के लिए नीति के तहत किराया सहायता योजना लागू की गई है। स्टार्ट-अप्स को 50 प्रतिशत तक किराया भत्ता (अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति माह) प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही महिला उद्यमियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। नई नीति के अनुसार, राज्य में 47% महिला-नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी।

रणनीतिक क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स को प्राथमिकता

नीति में कृषि, फूड प्रोसेसिंग, डीप टेक, बॉयोटेक और नवीनतम तकनीकों के क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। इससे राज्य में विविध और सशक्त स्टार्ट-अप ईको सिस्टम विकसित होगा, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायता मिलेगी।

स्टार्ट-अप एडवाइजरी काउंसिल और ऑन लाइन पोर्टल

नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने और क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग के लिए “स्टार्ट-अप एडवाइजरी काउंसिल” का गठन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसके साथ ही स्टार्ट-अप्स के लिए एक समर्पित ऑन लाइन पोर्टल और हेल्प लाइन भी बनाई गई है। इससे उन्हें वित्तीय सहायता, सरकारी योजनाओं और अन्य संसाधनों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 ,निवेश और विकास की नई दिशा ,प्रदेश में वैश्विक निवेशकों का हो रहा है महाकुम्भ

प्रधानमंत्री श्री मोदी 24 फरवरी को करेंगे जीआईएस-2025 का शुभारंभ गृह मंत्री श्री शाह 25 फरवरी को होंगे समापन समारोह में  ,60 से अधिक देशों के राजनयिक और प्रतिनिधि होंगे शामिल,

20 से ज्यादा भारतीय यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप्स के संस्थापक करेंगे जीआईएस में भागीदारी

मंदसौर 23 फरवरी 25/भोपाल में 24-25 फरवरी 2025 को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 से मध्यप्रदेश , औद्योगिक विकास की नई संभावनाओं को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। इस समिट का उद्देश्य निवेशकों को प्रदेश की औद्योगिक क्षमताओं से अवगत कराते हुए, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश को एक फेवरेट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है।

समिट का शुभारंभ 24 फरवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में करेंगे। शुभारंभ कार्यक्रम सुबह 10:00 बजे से 11:15 बजे तक चलेगा। भोपाल जीआईएस का समापन समारोह 25 फरवरी को गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में शाम 4:30 से 6:00 बजे तक आयोजित होगा।

समिट में भागीदारी

इस समिट में देश-विदेश के उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियां और नीति-निर्माता शामिल होंगे। कुल 31 हजार 659 से अधिक प्रतिभागियों ने विभिन्न श्रेणियों में पंजीकरण कराया है। इसमें उद्योग जगत के लगभग 3 हजार 903 विशेष आमंत्रित एवं डेलीगेट्स 8046 रहेंगे। इसमें 300 से अधिक गेस्ट ऑफ ऑनर, 133 अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिभागी 3398 स्टार्ट-अप्स के प्रतिनिधि, 562 एनआरआई एवं मध्यप्रदेश प्रवासी, विभिन्न उद्योग संघों के 249 प्रतिनिधि और विभिन्न सत्रों एवं विभागीय समिट्स में 10491 प्रतिभागी शामिल होंगे।

प्रमुख उद्योगपतियों की उपस्थिति

समिट में भारत की अग्रणी कंपनियों के 300 से अधिक अध्यक्ष, एमडी और सीईओ उपस्थित रहेंगे। इनमें श्री गौतम अडानी (अध्यक्ष, अडानी समूह), श्री कुमार मंगलम बिरला (अध्यक्ष, आदित्य बिड़ला समूह), श्री संजीव पुरी (सीएमडी, आईटीसी लिमिटेड), श्री नादिर गोदरेज (सीएमडी, गोदरेज इंडस्ट्रीज श्री अश्विनी अरोडा (एमडी) दावत फूडस श्री रघुपति सिंघानिया, सीएमडी जेके टायर श्री बालकृष्ण गोयनका अध्यक्ष, वेल्सपेन वर्ल्ड, श्री सुनील बजाज कार्यकारी अध्यक्ष श्री आदित्य बिडला, श्री सतीश पई एमडी हिंलातकों इंडस्ट्री, श्री एम के अग्रवाल, एमडी ग्रासिम इंडस्ट्री श्री कैलाश झावर, एमडी अल्ट्राटेक सीमेंट, श्री बाबा एन कल्याणी, सीएमडी भारत फोर्स लिमिटेड, श्री चंद्रजीत बनर्जी, डीजीसीआईआई, श्री कार्तिक भारत राम, संयुक्त एमडीएसआरएफ लिमिटेड, श्री आंद्रे एक होल्ट एमडी हेटिच इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, श्री राघवपत सिंघानिया, एमडी जेके सीमेंट, श्री विनोद अग्रवाल, एमडी एवं सीईओ वी कमार्शियल व्हीकल्स, श्री पुनीत डालमिया सीईओ डालमिया सीमेंट, श्री सुधीर मेहता, सीएमडी पिनेकल इंडस्ट्रीज श्री कुमार वेंकर सुब्रमण्यम, एमडी प्रॉक्टर एंड गैंबल, श्री अभय फिरोडिया, अध्यक्ष फोर्स मोटर्स, श्रीमती सुचिता ओसवाल जैन, उपाध्यक्ष वर्धमान, श्री हिरोशी योशिजाने, एमडी ब्रिजस्टोन इंडिया, श्री रवि झुनझुनवाला, सीएमडी एचईजी श्री रंजिदर गुप्ता ट्राइडेंट ग्रुप, श्री राहुल संघवी, निर्देशक संघवी फूड्स, श्री वीर एस अडवणी, सीएमडी ब्लू स्टार, श्री पार्थ प्रतिम सेन गुप्ता, एमडी एवं सीईओ बंधन बैंक एवं श्री इंगो सोलर, सीईओ टीडब्लूई ओबीटी शामिल है।

प्रमुख सत्र और सम्मेलन

समिट के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 7 विभागीय सम्मेलन और 10 विशिष्ट सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रमुख सत्रों में फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस, परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स, कपड़ा उद्योग, खाद्य प्र-संस्करण, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा, पर्यटन, खनन, एमएसएमई, शहरी विकास और प्रवासी मध्यप्रदेश शामिल हैं। इन सत्रों में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर री आंगस्ते टानो कूआमे, बार्कलेज के ग्लोबल हेड श्री आनंद चित्रे, आईटीईएएस सिंगापुर को सीओओ श्री लिम बून तियोंग, हीरा नंदानी डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी, सिस्को इंडिया की सुश्री डेजी चित्तिला पिल्लई, डीएलएफ ग्रुप के अध्यक्ष श्री राजीव सिंह, बिल एंड मेलिंडा गेस्ट फाउंडेशन श्री रोशो राज श्रेष्ठ जैसे प्रमुख वक्ता अपने विचार व्यक्त करेंगे। इसके अतिरिक्त, समिट में 5 अन्तर्राष्ट्रीय सत्र भी होंगे जिनमें ग्लोबल साउथ कंट्रीज का सम्मेलन, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन सत्र तथा प्रमुख भागीदार देशों के विशेष सत्र शामिल हैं।

तीन प्रमुख औद्योगिक प्रदर्शनियां

समिट में तीन विशेष औद्योगिक प्रदर्शनियां भी आयोजित की जा रही हैं:

1. ऑटो शो: मध्यप्रदेश की ऑटोमोटिव क्षमताओं और भविष्य की गतिशीलता समाधान का प्रदर्शन।

2. कपड़ा और फैशन एक्सपो: पारंपरिक और आधुनिक वस्त्र निर्माण में राज्य की विशेषज्ञता का प्रदर्शन।

3. एक जिला-एक उत्पाद ग्राम : प्रदेश के विभिन्न जिलों की विशिष्ट शिल्पकला और सांस्कृतिक विरासत की झलक।

राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय भागीदारी

भोपाल जीआईएस में 60 से अधिक देशों के राजनयिक प्रतिनिधि, उच्चायुक्त, काउंसल जनरल और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इसमें प्रमुख भागीदार देशों में जापान, जर्मनी, इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर शामिल हैं। जीआईएस में मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेटीना, पेरू, अंगोल, बुर्किनाफांसो, मोरक्को, मोल्दोवा, नेपाल और जिम्बाम्बे के राजदूत, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, फिजी, जमैका, लेसोथो, रवांडा, सेशेक्स और युगांडा के उच्चायुक्त, यूके, कनाडा, नीदरलैंड, पौलैंड ताइवान, दक्षिण अफ्रिका, कोरूटारिका, पनामा, मैक्सिको, टोगो, स्लोवेनिया के वरिष्ठ राजनयिक बुलगारिया, जिबूती, अल्बानिया, तुबालु हैती, म्यांमार, पलाऊ पौलेंड, दक्षिण कोरिया, रोमानिया और उज्बेकिस्तान के ओनोरेरी कौंसल शामिल है।

इसके अतिरिक्त विश्व बैंक, डब्ल्यूएआईपीए , जेट्रो, टीएआईटीएआरए , इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स, भारत आयरलैंड परिषद सिंगापुर इंडिया चैंबर आफ कॉमर्स, कोरिया इंडिया चैंबर ऑफ कामर्स, इंडो पोलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संगठन भी शामिल होंगे।

सीआईआई की राष्ट्रीय समिति की बैठक

जीआईएस से एक दिन पूर्व 23 फरवरी को सीआईआई की राष्ट्रीय समिति की बैठक आयोजित होगी, जिसमें भारत के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने और निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस आयोजन से प्रदेश में नई परियोजनाओं को प्रोत्साहन मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और मध्यप्रदेश वैश्विक निवेश के केंद्र के रूप में अपनी मजबूत पहचान स्थापित करेगा।

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