करोड़ों की सिंचाई परियोजना में लापरवाही ,ट्रैक्टर की हकाई में ही बाहर आ गए सिंचाई के पाईप
सिंचाई योजना के ठेकेदार शासन के पैसे का दुरुपयोग कर रहे- सरपंच लाला गुर्जर
गांधी सागर का पानी हर खेत तक पहुंचाने के लिए 2374 करोड़ मंजूर हुए थे,2024 में पूरा होना है कार्य
किसान बोले जेसीबी वालों को पाईप गहराई में डालने की बोला तो बोले यह लाइन ऊपर ही डलती हैं
कुचड़ौद। मध्य प्रदेश शासन के वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने किसानों के खेतों में गांधी सागर बांध से हर खेत में पानी पहुंचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई परियोजना मंजूर की। इसके लिए करोड़ों रुपए मंजूर किए थे। जानकारी अनुसार योजना में 2374 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे। वही योजना 2024 में पूरी होना है। इसी योजना अंतर्गत खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन डाली जा रही।
पर इसमें ठेकेदार की लापरवाही सामने आ रही। ठेकेदार द्वारा पाइपलाइन 4 फीट गहराई में डालने की जगह कहीं-कहीं एक से डेढ़ फीट अंदर ही डाली जा रही। और कहीं-कहीं तो मात्र 6 इंच गहराई में पाइप लाइन डाली। जो किसानों के खेतों की ट्रैक्टर से हकाई करने के दौरान कल्टीवेटर से ही बाहर आ गई। झावल के खेतों में पाइपलाइन डालने के दौरान किसानों ने जेसीबी चालक से सिंचाई के पाइप को गहराई में डालने की बोला। तो किसानों से ठेकेदार के कर्मचारी बोले सिंचाई के लिए पाइप ऊपर ही डालना पड़ता है।
इधर झावल के सरपंच ने शासन द्वारा सिंचाई के लिए जारी किए गए रुपयो के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। ऐसी ही लापरवाही ईशाकपूर में भी सामने आई।
ग्राम झावल के किसान भेरुलाल दवे, गोपाल राठोर, बाबुलाल राठोर, श्याम लाल साहू, अहमद मंसुरी, आशिश ब्राह्मण एवं अशरफ मंसूरी ने बताया गाँव से कुचड़ौद कांकड़ तरफ हमारे खेतों में सिंचाई के लिए पाइपलाइन डाली। पर वह गहराई में नहीं डाली। मेंन लाइन जो 140 एम एम की है। वह भी डेढ़ से 2 फीट की गहराई में ही डाली। वहीं 110 एम एम की लाइन तो मात्र 6 इंच से 1 फीट ही डाली। जो ट्रैक्टर से हकाई के दौरान कल्टीवेटर से ही बाहर आ गई। और फूट गई। हमने सिंचाई के लिए पाइपलाइन डाल रहे थे, इस दौरान जेसीबी चालक के सामने विरोध प्रकट भी किया। कहा; पाइपलाइन गहराई में डालो। तो जेसीबी चालक एवं अन्य कर्मचारी बोले सिंचाई के लिए पाइप को ऊपर डालना पड़ता है।
अशरफ मंसूरी ट्रैक्टर ड्राइवर ने बताया में खेत मैं हकाई के लिए ट्रैक्टर ले गया। तो कल्टीवेटर से ही सिंचाई के पाइप बाहर आ गए। मैंने इस कारण खेत की गहरी जुताई नहीं की। अगर पलाऊ से खेत की जुताई करते तो पूरी पाइप लाइन बाहर आ जाती। हमारे खेतों में करीब 1000 फीट की लंबाई की पाईप लाइन 6 इंच से 1 फीट की गहराई में ही डाल रखी।
इस तरह ठेकेदार की लापरवाही रही और शासन प्रशासन में ध्यान नहीं दिया तो गांधी सागर बांध का पानी हमारे खेतों तक कैसे पहुंचेगा। यही समस्या ईशाकपूर में भी सामने आई।
ईशाकपूर के किसान धर्मेंद्र मालवीय, नेन सिंह गुर्जर, विनोद भावसार ने बताया हमारे यहां भी खेतों में पानी पहुंचाने के लिए डाली गई पाइपलाइन, कहीं-कहीं तो मात्र 1 फीट की गहराई में ही डाल रखी। डेढ़ या दो फिट से गहरी नहीं है।
मामले में ग्राम पंचायत झावल के सरपंच लाला गुर्जर ने बताया सिंचाई परियोजना के ठेकेदार शासन के पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने किसानों के खेतों में गांधी सागर बांध का पानी पहुंचे और सिंचाई हो इसके लिए करोड़ों रुपए मंजुर किये थे। पर ठेकेदार लापरवाही पूर्वक 6 इंच से एक फिट की गहराई में ही पाइपलाइन डाल रहे। इस तरह सिंचाई परियोजना फेल होती दिख रही। किसानों ने विरोध भी किया पर किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है। शासन प्रशासन को लापरवाह ठेकेदार पर कार्रवाई करनी चाहिए। जहां-जहां 4 फीट से कम गहराई में पाइप लाइन डाली। उसे सही करना चाहिए।
सिंचाई परियोजना एसडीओ जीएस पाटीदार ने कहा कि जहां पर भी इस प्रकार की समस्या आ रही है उसे हम सही करवा रहे हैं इसे भी दिखाकर सुधार करवाएंगे डेढ़ मीटर की गहराई में पाइप लाइन डाली जानी चाहिए।