समाचार मध्यप्रदेश नीमच 12 जुन 2024 बुधवार

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प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 3 हजार 600 करोड से अधिक के काम हो रहे है
प्रदेश के सभी जिलों का आगामी पांच साल के विकास का रोडमेप बनाए-डॉ.यादव
मुख्यमंत्री ने की जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति की समीक्षा
नीमच 11 जून 2024, प्रदेश के सभी जिले अपने-अपने जिले और विधानसभा क्षेत्रों का आगामी
पांच सालों में विकास का रोडमेप बनाएं। जिले और प्रदेश को आगे बढाने एवं विकास के लिए
प्राप्त सुझावों को भी रोडमेप में शामिल करें। जनसहभागिता से प्रदेश को विकास की राह पर
और आगे बढाने का प्रयास करें। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मंगलवार को
निवास स्थित समत्व भवन में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में चल रहे जल गंगा
संवर्धन अभियान के तहत सभी जिलों में जल संरक्षण एवं जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के कार्यो
की समीक्षा करते हुए कही। इस मौके पर मंत्री श्री कैलाश विजय वर्गीय एवं मुख्य सचिव एवं
अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौजूद थे।
इस वीसी में बताया गया कि प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 3672 करोड के
काम हो रहे है। यह अभियान गंगा दशहरा तक चलेगा। इसके माध्यम से जल संरचनाएं पुराने
कुएं, बावडी, तालाब, नदी, पोखर, आदि सभी जल संरचना को पुर्नजीवित करने का काम किया जा
रहा है। वीडीयों कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिलों
में अब तक हुए कार्यो और भविष्य में प्रस्तावित कार्यो की जानकारी भी ली।
नीमच के एनआईसी कक्ष में इस वीसी में विधायक जावद श्री ओमप्रकाश सखलेचा, नीमच
विधायक श्री दिलीप सिह परिहार, मनासा विधायक श्री अनिरूद्ध मारू, कलेक्टर श्री दिनेश जैन,
एसपी श्री अंकित जायसवाल, जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद, एवं डीएफओ श्री एस.के.अटोदे
भी मौजूद थे।
विधायक श्री सखलेचा व श्री मारू ने वन राजस्व, सीमा विवादों के निराकरण का सुझाव दिया:-
इसी वीडियों कांफ्रेंसिंग में विधायक जावद श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने वन राजस्व सीमा भूमि
विवाद के प्रकरणों के निराकरण का सुझाव देते हुए कहा, कि नीमच जिले में लगभग पांच हजार
प्रकरण वन राजस्व सीमा विवाद के है। उन्होने इन प्रकरणों के निराकरण के लिए जिले में
पृथक से सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, (डिप्टी कलेक्टर) की पदस्थापना करने का सुझाव
भी दिया।
विधायक श्री अनिरूद्ध मारू ने भी वन, राजस्व सीमा विवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि
एक बार संयुक्त निरीक्षण कर राजस्व वन भूमि विवाद का स्थाई हल हो जाना चाहिए और जो
सीमा निर्धारित हो, उसी पर ही वन व राजस्व विभाग कायम रहे। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित हो,
जिससे कि किसानों को कोई असुविधा ना हो। विधायक जावद व मनासा के सुझाव पर मुख्य
सचिव म.प्र.ने ए.सी.एस.डॉ.राजेश राजोरा को वन राजस्व सीमा विवाद के प्रकरणों का समुचित
समाधान करवाने के लिए कहा है।
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नपा का कागजों तक सीमित अभियान
सैकड़ो लोगों की प्यास बुझाने वाले कुएं को दरकार है पुनर्जवन की
नीमच। अधिकतर देखने में आया है कि नगरपालिका कोई भी अभियान चलाती है वो जमीनी धरातल पर मूर्त रूप ले ना ले पर कागजों में वह जरूर मूर्त रूप ले लेता नजर आता है। कागजी कार्यवाही करने में माहिर हो चुके नगरपालिका नीमच के जिम्मेदारों को आमजन के हित की परवाह नहीं हैवे सिर्फ मुंह दिखाई जैसी रस्म निभाने तक सीमित नजर आ रहे है। ऐसे ही हालात वर्तमान में जलस्त्रोतो के पुनर्जवन हेतु चलाये जा रहे अभियान में नजर आ रहे है।
बीते दिनो नगर पालिका नीमच की नपाध्यक्ष की अगुवाई में 5 जून से 16 जून तक नदी, तालाबों, कुआंे, बावड़ियो सहित अन्य जल स्त्रोंतो के सरंक्षण एवं पुर्नजीवन हेतु संचालित विशेष अभियान के तहत शुरूआत होने की जानकारी समाचार पत्रों से पता चली। जागरूक रहवासियों ने बताया कि अभियान प्रारंभ हुए आज 8 दिन हो चुके है लेकिन आज भी धरातल पर युद्धस्तर पर जलस्त्रोंतो का पुनर्जवन अभियान चलते हुए देखने में नहीं आया है।
बात करे वार्ड नं. 08 की तो वहां के रहवासियों ने बताया कि गैस गोदाम गणपति नगर गणेश गार्डन क्षेत्र में एक सार्वजनिक कुंआ है, जिसका पानी मीठा होकर क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य के लिये जीवनदायिनी कुआं है। वर्तमान में पड़ रही भीषण गर्म में वह कुआं सुख चुका है। कुएं को गहरीकरण एवं साफ सफाई की दरकार है। साफ सफाई के अभाव में कुएं का पानी पीने लायक नहीं रहता है। वर्तमान में कुंआ सुख चुका है नीचे तले में एक फिट के लगभग पानी व कीचड़ युक्त मलबा नजर आ रहा है। कुएं में मछलियां व कछुआ भी जिनकी सुरक्षा भी की जाना है। वर्तमान में चल रहे अभियान के तहत 16 जून तक या उसके पूर्व कुएं की सफाई हो जाएगी और कुएं का जीर्णाेद्धार हो जाएगा तो कुएं का पानी आसपास क्षेत्र के सैकड़ो रहवासियों की प्यास बुझायेगा। वहीं नगरपालिका भी चाहे तो इस कुएं के जल का उपयोग अन्य क्षेत्रों के लिये कर सकती है।
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नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत संगोष्ठी का हुआ आयोजन

मनासा। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के नेतृत्व में आधारशीला स्कूल, भाटखेड़ी नाका मनासा में छात्राओं और स्कूल स्टाफ के साथ जल संरक्षण को लेकर संगोष्ठी आयोजित की गई ।
संगोष्ठी में मार्गदर्शन परामर्शदाता राम धनगर द्वारा दिया गया तथा सभी छात्राओं को जल संरक्षण, जल स्त्रोतों, पौधारोपण को लेकर जागरूक किया गया। साथ सभी छात्राओं को पौधा लगाने का संकल्प भी दिलाया।
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जिले में सार्वजनिक जल स्त्रोतों से अतिक्रमण हटवाये –श्री जैन
कलेक्टर ने की जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति की समीक्षा
नीमच 11 जून 2024, जिले के सभी नगरीय निकाय, स्थानीय निकाय पंचायतें एवं राजस्व अधिकारी
सार्वजनिक जल स्त्रोंतों, तालाबों, कुओं, बावडियों, नदी, नालों से अवैध अतिक्रमण को चिन्हित कर
हटवाए। जल गंगा संर्वधन अभियान के तहत जल स्त्रोतों की साफ-सफाई, गहरीकरण के कार्य प्राथमिकता
से करवाएं और इन कार्यो में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता भी प्राप्त करें। यह निर्देश
कलेक्टर श्री दिनेश जैन ने मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति
की समीक्षा करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को दिए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद, एडीएम श्रीमती लक्ष्मी गामड, सभी एसडीएम, जनपद
सीईओ एवं जिला अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत कुओं, बावडियों व नालों
की साफ-सफाई का कार्य निरंतर होना चाहिए। प्रत्येक ग्राम पंचायतों में तालाबों व अन्य जल संरचनाओं
से मिट्टी निकालने का कार्य करवाया जावे। हर ग्राम पंचायत में अंकुर उपवन के तहत 200 पौधे रौपे
जाएंगे। कलेक्टर ने जल गंगा संवर्धन अभियान से संबंधित दीवार लेखन का कार्य करवाने के निर्देश सभी
जनपद सीईओं और सीएमओ को दिए।
जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद ने जल गंगा संवर्धन अभियान की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की
व अब तक की प्रगति से अवगत कराया।
बैठक में कलेक्टर श्री जैन व्दारा 18 से 20 जून तक जिले में आयोजित होने वाले स्कूल चले हम
अभियान के तहत प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की तैयारियों की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होने 21 जून को
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम की तैयारियों की भी जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को
आवश्यक निर्देश दिए।
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जिले में 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट पर प्रतिबंध रहेगा
कलेक्टर ने जारी की अधिसूचना
नीमच 11 जून 2024. म.प्र.राज्य में नदीय मत्स्याउद्योग नियम 1972 की धारा (3)(2) के तहत 16 जून से
15 अगस्त तक की अवधि को बंद ऋतु (मत्स्य प्रजनन काल) घोषित किया गया है। इस अवधि में जिले में
मत्स्याखेट, मत्स्य विक्रय, मत्स्य विनिमय एवं मत्स्य परिवहन करना निषेध है। कलेक्टर श्री दिनेश जैन व्दारा
जारी आदेशानुसार मध्यप्रदेश शासन मछली पालन विभाग के निर्देशानुसार छोटे तालाब अन्य स्त्रोत जिनका कोई
संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हे निर्दिष्ट जल की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लाया गया है को छोडकर समस्त
नदियों व जलाशयों में बंद ऋतु में मत्स्याखेट पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है।
उपरोक्त नियमों के उल्लंघन पर म.प्र. मत्स्य क्षेत्र संशोधन अधिनियम 1981 की धारा 5 के तहत
उल्लंघनकर्ता को एक वर्ष तक का कारावास या 5000/- रूपये अक्षरी पांच हजार रु. तक का जुर्माना या दोनों से
दण्डित किये जाने का प्रावधान है।
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बच्चों को कुपोषण एनीमिया और बीमारियों से बचाव का प्रबंधन करने की दिशा में कार्य करें- डॉ.संगीता भारती
दस्तक है आपके द्वार, स्वस्थ शिशु है उपहार
नीमच 11 जून 2024, 0 से 5 वर्ष आयु के बच्चों का सर्वेक्षण कर उन्हें कुपोषण एनीमिया, दस्त
रोग, निमोनिया जन्मजात विकृतियों और अन्य जानलेवा बीमारियों से बचाने की दिशा में
स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सी एच ओ कार्य करें । यह बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
डॉ.संगीता भारती ने 24 जून से 27 अगस्त तक आयोजित होने वाले दस्तक अभियान के
उन्मुखीकरण प्रशिक्षण के दौरान कहीं। सीएमएचओ ने मैदानी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया,
कि दस्तक अभियान के दौरान आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम का संयुक्त दल बनाया
जाए और कार्यों की मॉनिटरिंग सीएचओ द्वारा की जाए। कार्यशाला के दौरान जिला टीकाकरण
अधिकारी डॉ.बी.एल.सिसोदिया ने कहा, कि शिशु जन्म के तुरंत बाद स्तनपान, 6 महीने तक
केवल स्तनपान, 6 महीने बाद पूरक पोषण आहार दिए जाने संबंधी व्यवहारों को अपनाने से
शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।
उज्जैन संभाग के न्यूट्रीशनल इंटरनेशनल के संभागीय समन्वयक श्री आशीष पुरोहित एवं
एविडेंस एक्शन के कपिल यति ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को बच्चों में होने वाला गंभीर कुपोषण
पहचानने की पद्धतियां सिखाई , उन्होंने कहा कि विटामिन ए एक अत्यंत सूक्ष्म पोषक तत्व है
इसकी कुल 9 खुराक बच्चों के 9 माह से 5 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक दी जाए। विटामिन ए के
माध्यम से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास, आंखों की ज्योति में लाभ, पोषण
स्थितियों में सुधार जैसे कई लाभ होते हैं। दस्तक अभियान की कार्यशाला के दौरान जिला
कार्यक्रम प्रबंधक ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को परामर्श संबंधी कौशल की पद्धतियों के बारे में
उन्मुखीकरण किया।
उल्लैखनीय है, कि दस्तक अभियान के दौरान शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए
कार्यकर्ताओं का दल घर-घर, जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य एवं परामर्श सेवाएं प्रदान
करेंगे। विगत दिवस जावद एवं मनासा के कार्यकर्ता का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में शिशु
रोग विशेषज डॉ.योगेंद्र धाकड़,पोषक प्रशिक्षक, आरबीएस के चिकित्सक और डीसीएम ने भी
प्रशिक्षण दिया।
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