कौशल शिक्षामंदसौरमध्यप्रदेश

अखिल विश्व गायत्री परिवार मंदसौर द्वारा कन्या कौशल प्रशिक्षण आयोजित किया

4 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में10 से अधिक गाँवो की बालिकाओं ने लिया भाग
मंदसौर । अखिल विश्व गायत्री परिवार शाखा मंदसौर द्वारा 29 मई से 1 जून तक भारतीय संस्कृति के आधार पर देश की बच्चियों को विशेष प्रशिक्षण कन्या कौशल प्रशिक्षण जावरा के बाद मंदसौर में 29 मई से आयोजित किया गया।
इसमें 10 से अधिक गांव क्षेत्र की बच्चियों को योग प्रशिक्षण, यज्ञ प्रशिक्षण के साथ ही अपने आप को किस प्रकार से समाज में बुराइयों से लड़ने के लिए आत्मनिर्भर बनाने के साथ सोशल ज्ञान का भी प्रशिक्षण कन्या कौशल प्रशिक्षण में दिया गया। इस प्रशिक्षण में भारत विकास परिषद ने अपना पूरा-पूरा सहयोग प्रदान किया गया। गायत्री परिवार के संस्थापक वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के संकल्प को 21वीं सदी की नारी शक्ति का संकल्प साक्षात पूरा होता नजर आ रहा है।
1 जून को इस समापन शिविर में विशेष रूप से आमंत्रित एफसीआई के डायरेक्टर मदनलाल राठौड़, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवाभावी कार्यकर्ता रविंद्र पांडे, भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष घनश्याम पोरवाल, जिला अध्यक्ष अजय शर्मा, राधा देवी मरचा चैरिटेबल ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य एडवोकेट बार उपाध्यक्ष देवेंद्र मरच्या, श्रीजी नर्सिंग कॉलेज के डायरेक्टर दीपक सैनी के साथ बड़ी संख्या गणमान्य नागरिक ने इस समापन के कार्यक्रम में भागीदारी करी।
 कार्यक्रम में विशेष रूप से उद्बोधन में मदन लाल राठौड़ ने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार गांव गांव के अंदर बच्चियों को  कन्या कौशल शिविर आयोजित कर रहे हैं उससे आने वाले समय में समाज की कुरीतियों को खत्म करने में बच्चियों आगे आएंगे। दहेज प्रथा, नशा मुक्ति व रचनात्मक कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगी।जिसका असर दिखने लगा है । बच्चों ने जिस प्रकार से अपने अनुभव यहां आकर सुनाएं हैं यही सही अर्थों में धर्म की स्थापना है ।
रविंद्र पांडे द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि बहुत तेजी से परिवर्तन का समय चल रहा है इस परिवर्तन के समय में सभी भाइयों को भागीदारी करते हुए अब आलसी में समय नहीं गंवाना है। अपना समय और धन राष्ट्र के लिए समर्पित करने का समय आ चुका है इतिहास के पन्नों में यह समय बड़ा महत्वपूर्ण कहलाएगा इसके लिए गायत्री परिवार के विचार मिल के पत्थर साबित होंगे ।
देवेंद्र मरचा एडवोकेट ने कहा मेरी माताजी की स्मृति में मैं जहां भी बच्चों के सेवा कार्य में इस ट्रस्ट से सहयोग रहेगा मैं उसको अवश्य पूरा करूंगा।
 भारत विकास परिषद के घनश्याम पोरवाल द्वारा कहा कि हमारे भारत विकास परिषद सेवा समर्पण के साथ ही नए परिवर्तन पर पूरा कार्य कर रहा है और गायत्री परिवार के साथ मिलकर हम कन्या कौशल के इस कार्यक्रम में आगे भी जो सहयोग लगेगा उसको प्रदान करेंगे हमें खुशी है कि गायत्री परिवार इस प्रकार के कार्यों में हमको जोड़कर कार्य करता है इस कार्य के लिए सबका सहयोग अति आवश्यक है।
 श्रीजी नर्सिंग कॉलेज के डायरेक्टर दीपक सैनी ने कहा कि मुझे समापन पर आकर ऐसा लगा कि कुछ और ज्यादा करना था। बच्चों के आंखों से विदाई के समय जो आंसू निकले उस समय पूरा वातावरण खुशी के साथ गम में डूब गया ।भारत की इन बच्चियों के चार दिन के शिविर में जो अनुभव सुनाए हैं वह अतुलनीय है । आपने कहा कि जब हम आए थे पहले दिन हमें ऐसा लगा कि हम कहां आ गए लेकिन आज हम जब विदा हो रहे हैं तो जीवन में यह पल ऐसा लग रहा है कि दोबारा नहीं आएगा।
 गायत्री परिवार के इस कन्या कौशल कार्यक्रम में बच्चों ने कहा कि आदरणीय पवन भैया व निशा बहन द्वारा जो सेवा की गई है उसे हम भूल नहीं पाएंगे । बच्चों को विशेष सर्टिफिकेट के साथ भारत विकास परिषद व राधा देवी मरच्या चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा उपहार दिए गए ।
कार्यक्रम में बच्चियों ने शपथ ली की हम जो भी हमें सिखाया है इसको हम गांव में पहुंच कर प्रतिदिन अपने जीवन में स्थान देंगे ।प्रार्थना आराधना अध्ययन यज्ञ योग प्रशिक्षण कुरीतियों उन्मूलन के कार्य और आगे बढ़ाएंगे। मंदसौर शाखा के ट्रस्टी नरेश त्रिवेदी द्वारा कहा गया कि हमारे द्वारा कन्या कौशल के कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किए जाते हैं इन आयोजनों का मकसद मुख्य रूप से बच्चियों को अपने जीवन में अपना मुख्य उद्देश्य केवल परिवार के साथ न होकर राष्ट्र के साथ क्या करना है यही प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है ।
कार्यक्रम में गौ सेवक कमलेश दुबे, दिलीप माहेश्वरी, परसराम शर्मा, शांति पाटीदार, चंद्रकला सेठिया, रेखा सिंह ने  सहयोग प्रदान किया गया ।
कार्यक्रम का संचालन सत्येंद्र सिंह सोम द्वारा किया गया। आने वाले वर्ष में 500 बच्चों का शिविर अखिल विश्व गायत्री परिवार आयोजित करेगा ।इस लक्ष्य को अभिषेक पूरा करने का संकल्प लिया गया। यह जानकारी गायत्री परिवार के ट्रस्टी दिलीप माहेश्वरी ने दी।

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