समाचार मध्यप्रदेश नीमच 29 मई 2024

विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
नीमच 28 मई 2024,बालिकाओं की यौवन अवस्था में बालिका की उम्र 11-12 वर्ष की आयु में
शारीरिक बदलाव आते है। जिसमें माहवारी का आना एक प्रमुख लक्षण है। माहवारी आने पर
बालिकाओं को घबराना नहीं चाहिए। बालिकाओं को माहवारी के समय अपनी माता, बडी बहन,
आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता से माहवारी के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी
प्राप्त करनी चाहिए तथा बालिका के अभिभावकों, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता को
लालिमा दिवस पर या गृह भेंट के समय किशोरियों को माहवारी के संबंध में जागरूक किया
जाना अत्यंत आवश्यक है। यह बात श्री संदीप दिखित, जिला समन्वयक ‘’ममता’’ व्दारा
ग्राम धामनिया नीमच में विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम
में उपस्थित बालिकाओं को सम्बोधित करते हुए कही।
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर ग्राम की किशोरी बालिकाओं को माहवारी
के समय बालिकाओं को आने वाली समस्याओ का समाधान सुश्री एकता प्रेमी पर्यवेक्षक ने
किया। इस अवसर पर बालिकाओं व्दारा माहवारी स्वच्छता पर मनमोहक रांगोली का चित्रण
भी किया गया।
माहवारी स्वच्छता कार्यक्रम में ग्राम की किशोरी बालिकाएं, शौर्यदल की सदस्य एवं बडी
संख्या में महिलाये उपस्थित थी। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती सिम्पल रावत एवं
तारा ने विशेष सहयोग दिया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री ताराचंद्र मेहरा के मार्गदर्शन में जिले
की समस्त आंगनवाडी केंद्रों पर विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया।
जिसमें माहवारी स्वच्छताको लेकर समाज में फैले अंधविश्वास एवं रूढियों में सकारात्मक
परिवर्तन की दृष्टि से उदिता एवं बेटी बचाओं, बेटी पढाओं कार्यक्रम के अंतर्गत ‘’पीरियड फ्रेंडली
वर्ल्ड’’ की थीम पर 28 मई 2024 को माहवारी स्वच्छता पर गतिविधियों का आयोजन किया
गया।
=================
मतगणना की व्यवस्थाओं का समुचित प्रबंधन कर लें-मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी- श्री राजन
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने वीसी से मतगणना की तैयारियों की समीक्षा की
नीमच 28 मई 2024, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने मंगलवार 28 मई को लोकसभा निर्वाचन-2024 की मतगणना की तैयारियों के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की। बैठक मेंमुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचनअधिकारी, 29 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों से मतगणना तैयारियों के सम्बंध में विस्तारसे चर्चा कर निर्देश दिए।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने कहा, कि मतगणना से जुड़ी सभी तैयारियां व जरूरीव्यवस्थाओं का समुचित प्रबंधन कर लें। मतगणना स्थल की सुरक्षा, मतगणना परिसर में प्रवेश, गर्मी कोदेखते हुए एम्बुलेंस, दवाईयां, फायर ब्रिगेड, मतगणना सूचनाओं का चक्रवार आदान-प्रदान, स्ट्रांग रूम सेमतगणना केन्द्र तक ईवीएम को लाने, ले-जाने, पोस्टल बैलेट की गणना आदि सभी व्यवस्थाएँ अपनीनिगरानी में कराएं। सभी मतगणना कर्मियों एवं माइक्रो ऑब्जर्वर्स को अच्छी तरह से प्रशिक्षण दें, ताकि मतोंकी गणना में त्रुटि की कोई गुंजाईश न रहे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने प्रदेश के सभी जिलों में 4 जून को होने वाली मतगणना कोलेकर की जा रही तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की। इस मौके पर एनआईसी कक्ष नीमच में कलेक्टर श्रीदिनेश जैन, जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद, एडीएम श्रीमती लक्ष्मी गामड एवं उप जिला निर्वाचनअधिकारी श्री संजीव साहू भी उपस्थित थे।
प्रवेश पत्र धारी को ही मिलेगी अनुमति:- मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने कहा कि मतगणना केन्द्र मेंप्रवेश की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। मतगणना केन्द्र में केवल प्रवेश हेतु प्राधिकार पत्रधारीअधिकारियों, कर्मचारियों, मतगणना एजेंट, पत्रकारों व सुरक्षा कर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी।मतगणना केन्द्र परिसर के बाहर भीड़ के प्रबंधन के लिये भी आवश्यक व्यवस्थाएँ करें।
पर्याप्त मात्रा में लगायें सीसीटीवी कैमरे:- परिसर के बाहर व अंदर पर्याप्त मात्रा में सीसीटीवी कैमरे लगायेजाएं और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाए। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने कहा कि सभीरिटर्निंग अधिकारी मतगणना के संबंध में सभी नियमों व दिशा-निर्देशों का अच्छी तरह से अध्ययन कर लेंऔर तदनुसार बिना किसी बाधा के मतगणना सम्पन्न कराएं।श्री राजन ने शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिये मध्यप्रदेश के सभी 29 लोकसभा संसदीय क्षेत्रोंके रिटर्निंग अधिकारियों, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा पुलिस अधिकारियों की सराहना करतेहुए कहा कि यह एक बड़ा टीम वर्क था, जो बिना किसी बाधा के बखूबी पूरा किया गया।
-00-
5 जून पर्यावरण दिवस से जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए अभियान चलाया जाएगा-श्री जैन
नदी, कुएं, तालाब,बावड़िया आदि की सफाई के लिए जनभागीदारी से गतिविधियां आयोजित की जाए-कलेक्टर
जिला अधिकारियों को बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
नीमच 28 मई 2024, जिले में 5 जून पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी पर्व तक जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए संपूर्ण प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा। अभियान की अवधि में जिले में जल केस्रोतों, जैसे नदी, कुएं, तालाब,बावड़ियों आदि को स्वच्छ रखने और आवश्यकता होने पर उनके गहरीकरणके लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी। यह कार्य जनसहभागिता से होगा। इससे जल स्रोतों के प्रतिसामाजिक चेतना जागृत करने और जनसामान्य का जल स्रोतों से जीवंत संबंध विकसित करने में मददमिलेगी। गंगा दशमी पर्व माँ गंगा का अवतरण दिवस है और माँ गंगा से ही भारतीय संस्कृति विश्व मेंजानी जाती है। शहरी औऱ ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान का नेतृत्व जनप्रतिनिधि करेंगे।
जल ही जीवन है केवल स्लोगन नहीं, हम जलस्रोतों से ही जीवन पाते हैं:- कलेक्टर श्री जैन ने सभी सामाजिक, शासकीय, अशासकीय संस्थाओं, जनअभियान परिषद से जुड़े संगठनों से अभियान में शामिलहोने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जनसहभगिता से जल संरचनाओं का चयन किया जाए और जलस्रोतों के संरक्षण के लिए सघन जनजागृति के कार्यक्रम चलाये जाएं। इससे भविष्य के लिए जल संरक्षणके संबंध में कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी। पेयजल की आपूर्ति में नदियां, बावड़ियां, कुएँ व तालाबमहत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जल ही जीवन है केवल स्लोगन नहीं है, यह जल स्रोतों की हमारे जीवन मेंभूमिका से स्पष्ट होता है। हमारी यह पीढ़ी इन जल संरचनाओं की महत्ता से परिचित हो, हमारा संबंधजल संरचनाओं से अधिक प्रगाढ़ हो, यही इस अभियान का उद्देश्य है।
जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा:- कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि अभियान के दौराननदियों और तालाबों से गाद या खाद के रूप में निकलने वाली मिट्टी, किसानों को खेतों में उपयोग केलिए उपलब्ध कराई जाएगी। जल संरचनाओं पर किये गये अतिक्रमणों को हटाया जाएगा। अभियान केसंबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं, कि प्रारंभिक रूप से यह अभियान 5 से 15 जून तकचलाया जाएगा। इसके बाद अभियान की अवधि बढ़ाई जा सकती है।
अभियान के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय विकास एवं आवास होंगे नोडल विभागनमामि गंगे परियोजना के नाम से आरंभ हो रहे जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के विशेषअभियान के लिए ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय क्षेत्र में नगरीय विकास एवंआवास, नोडल विभाग होंगे। जल संरचनाओं के चयन और उन्नयन कार्य में जीआईएस तकनीक काउपयोग किया जाएगा। इन स्थलों की मोबाइल एप के माध्यम से जियो -टैगिंग की जाएगी। सामाजिकसंस्थाओं के माध्यम से जल संरचनाओं के आसपास स्वच्छता बनाए रखने, जल संरचनाओं के किनारों परअतिक्रमण रोकने के लिए फेंसिंग के रूप में वृक्षारोपण करने जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित कियाजाएगा और जल संरचनाओं के किनारों पर बफर जोन तैयार कर उन्हें हरित क्षेत्र या पार्क के रूप मेंविकसित किया जाएगा। जल संरचनाओं में मिलने वाले गंदे पानी के नाले-नालियों को स्वच्छ भारतमिशन के अंतर्गत डायवर्जन उपरांत शोधित कर जल संरचनाओं में छोड़ा जाएगा।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए चलेगा जागरूकता अभियान:– कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि राज्य शासन द्वारा अमृत 2.0 योजना के तहत जल संरचनाओं के उन्नयन का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता सेकराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत नदी, झील, तालाब, कुओं, बावड़ी आदि के पुनर्जीवीकरण/संरक्षण वसंरचनाओं के उन्नयन का कार्य स्थानीय सामाजिक, प्रशासकीय संस्थाओं के साथ मिलकर जनभागीदारीसे कराए जाएंगे। प्रयास होगा कि जल संरचनाओं का उपयोग जल प्रदाय अथवा पर्यटन, भू-जल संरक्षण,मत्स्य पालन अथवा सिंघाड़े के उत्पादन के लिए भी किया जा सके। रिहायशी इलाकों में बंद पड़े रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की साफ-सफाई कर उनके पुन: उपयोग के लिए जागरूकता अभियान भी चलायाजाएगा। निकायों को नाले-नालियों की साफ-सफाई, वाटर ड्रेनिंग मैनेजमेंट, घाट निर्माण, वृक्षारोपण जैसीगतिविधियों के संबंध में भी विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।कलेक्टर श्री जैन ने जिला अधिकारियों को बैठक में उक्त अभियान की कार्य योजना बनाकरउसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश सभी जनपद सीईओ और सीएमओ को दिए है। बैठक मेंजिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद, एडीएम श्रीमती लक्ष्मी गामड, सभी एसडीएम, जनपद सीईओ,सीएमओ और जिला अधिकारी उपस्थित थे।
-00-
वर्षाकाल में सम्भावित बाढ़, अतिवृष्टी से बचाव के पुख्ता इंतजाम करें- श्री जैन
बाढ़ राहत संबंधी बैठक में कलेक्टर ने दिए निर्देश
नीमच 28 मई 2024,वर्षाकाल में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से उत्पन्न समस्याओं से निपटने और जन सुरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों के संबंध में कलेक्टर श्री दिनेश जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठकआयोजित की गई।बैठक में अतिवर्षा एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारी के संबंध में शासन से प्राप्तनिर्देशों पर बिंदुवार विचारविमर्श कर, बाढ़ प्रभावित होने वाले ग्रामों ओर वहां की जाने व्यवस्थाओं कीतैयारियो विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में एस.पी.श्री अंकित जायसवाल, जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसादव एडीएम श्रीमती लक्षमी गामड, डिप्टी कलेक्टर श्री चंद्रसिह धार्वे, व सभी एसडीएम, सभी नगरीय निकायोंके सीएमओ एवं जिला अधिकारी उपस्थित थे।
पुल,रपटों की स्थिति एवं मरम्मतः-बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले की पुरानी क्षतिग्रस्त पुलियाओंको चिन्हित कर, क्षतिग्रस्त पुलिया रेलिंग की मरम्मत कराये। ऐसे पुल पुलिया जो बाढ़ एवं अतिवृष्टि में डूबजाते हैं, उन पर निगाह रखी जावे। सभी पुलो एवं रपटों पर रेलिंग पिलर आदि ठीक हालत में लगे हो, जहांआवश्यक हो मरम्मत भी कराये।
जलमग्न सड़कों पर से वाहन चालक अपनी जोखिम वाहन ले जाने का प्रयास करते हैं। पुलों पर बाढ़का पानी बढ़ने पर यातायात को नियंत्रित एवं चिन्हित कर चेतावनी बोर्ड लगाया जाए तथा पुल, पुलिया परबाढ़ राहत के अन्तर्गत क्रय किये गये बैरिकेट्स लगाए। अतिवृष्टि होने से पुल पुलिया के ऊपर पानी बहने कीस्थिति होने पर लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी व होमगार्ड की ड्यूटी लगाएं। पुल पुलिया पर चिन्हित खतरेवाली स्थिति में कोई वाहन पार न हो। उल्लघंन करने पर दोषी वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे।मार्ग में यदि कोई वाहन क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसे निकालने हेतु जहां तक संभव हो क्रेन की तत्कालव्यवस्था की जाए।
बाढ़ प्रभावित गांवों में पेयजल व्यवस्थाः-कलेक्टर ने निर्देश दिए कि गांधी सागर बांध एवं अन्य संभावित डूबप्रभावित गांवों में बंद पड़े हैंडपंपों का निरीक्षण कर एक सप्ताह में अनिवार्य रुप से चालू कराये, और जिन क्षेत्रोंमें पेयजल स्त्रोत बाढ़ के पानी से गिर जाएं। ऐसे क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वैकल्पिक स्त्रोंतों कोचिन्हांकित कर लिया जावे। बाढ़ एवं वर्षा का पानी भर जाने से प्रभावित होने से बीमारियों का प्रकोप होने कीसंभावना रहती है। ऐसे क्षेत्रों के कुओं आदि में ब्लीचिंग पाउडर क्लोरीन डलवाने की व्यवस्था की जावे। संपर्कविहीन ग्रामों की पंचायतों में आवश्यक, पर्याप्त खाद्य सामग्री प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जानासुनिश्चित करें। वर्षाकाल में स्वच्छ पेयजल उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए।मोटरबोट एवं नावों की व्यवस्थाः-कलेक्टर ने निर्देश दिए, कि जल संसाधन विभाग व मत्स्य पालन विभाग केपास उपलब्ध मोटरबोट का परीक्षण कर चालू स्थिति में रखा जावे। आवश्यकता होने पर मत्स्य महासंघरामपुरा के मोटरबोट एवं नावों को उपयोग में लिया जावे। बाढ़ नियंत्रण हेतु उपलब्ध शासकीय अर्द्धशासकीयएवं निजी स्त्रोंतों से उपलब्ध होने वाली समस्त बाढ़ बचाव सामग्री की सूची तैयार की जावें, किसके आधिपत्यमें हैं उनसे संपर्क हेतु नाम पता दूरभाष क्रमांक आदि की जानकारी भी तैयार की जाए।
बचाव सामग्री की व्यवस्थाः-बैठक में निर्देश दिए गए, कि बाढ़ से बचाव एवं राहत सामग्री तथालालटेन, खाली ड्रम, रस्सियां, बांस, बल्ली, टांर्च, ट्यूब, केरोसीन एवं अन्य राहत सामग्री की अग्रिमव्यवस्था प्रत्येक नियंत्रण कक्ष पर की जावे। सभी अनुविभागीय अधिकारी इसकी समीक्षा करपता लगाएं, कि उपलब्ध सामग्री पर्याप्त है या नहीं आवश्यकता होने पर सामग्री की मांग कीजावे ।
पहुंच विहीन ग्रामों में खाद्य सामग्री आदि की व्यवस्था:-वर्षाकाल में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से जिलेके ऐसे ग्राम जिनका वर्षाकाल में मुख्यालय के पहुंच मार्ग से सड़क संपर्क टूट जाता है, उन्हेंचिन्हित कर, ऐसे गांवों में आवश्यक खाद्य सामग्री, मिट्टी का तेल, दवाइयां आदि की पर्याप्तव्यवस्था अविलंब वर्षा प्रारंभ होने से पूर्व की जा रहे माह जून एवं जुलाई का कोटा अग्रिम देनेकी व्यवस्था की जाए।
वर्षाकाल में संक्रामक रोगों से बचाव एवं रोकथामः-वर्षा से संक्रामक बीमारियां जैसे, हैजा,आंखोंकी बीमारी आदि अन्य बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जावें। प्राथमिक स्वास्थ्यकेंद्र सिविल डिस्पेंसरी आयुर्वेदिक औषधि पर हेजे के टीके एवं अन्य संभावित संक्रामक बीमारियोंसे सुरक्षा के लिए आवश्यक जीवन रक्षक औषधियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाएं। सभीगांव में डिपो, होल्डर एवं जन स्वास्थ्य रक्षक आदि को भी आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयांउपलब्ध कराये।
पशुओं की बीमारियों से बचावः-बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामों में पशुओं की बीमारी से रोकथाम केलिए सभी पशु चिकित्सकों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की डोज व अन्य आवश्यक दवाइयांपर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। पशुओं का टीकाकरण प्रारंभ किया जाए। बाढ प्रभावितक्षैत्रों में प्रशिक्षण शिविर लगाये तथा आवश्यक होने पर उप संचालक पशु चिकित्सा, एसडीएम केसहयोग से आवश्यक कार्रवाई करें।
शहरों मे नालियों की सफाईः-बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए, कि बाढ़ की स्थिति में शहरोंअथवा आबादी से लगे नदी नाले, घरों की सफाई वर्षा पूर्व 15 जून 2024 तक करवाई जाये। यहसुनिश्चित कर लिया जाए, कि नालियों के चोक होने से आवासीय बस्ती में बाढ़ का पानी घुसनेकी संभावना नहीं है। ऐसी बस्तियां जो नदी नालों के किनारे तथा निचले क्षेत्रों में अनाधिकृतरूप से बस्ती है, वहां जल स्तर बढ़ने पर बाढ़ आने की संभावना ना रहे, ऐसी बस्तियों कोआवश्यकता होने पर अन्यत्र वैकल्पिक स्थान पर बसाने संबंधी स्थान को चिन्हित करने संबंधीकार्यवाही पूर्व से की जाना सुनिश्चित करें।
बांधों व जलाशयों की मरम्मतः- कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में स्थित सभी पुराने बांधोंतालाबों की पालों का निरीक्षण कर, आवश्यकतानुसार मरम्मत तत्काल करें। नव निर्मितबांध,तालाब पर भी निगरानी रखी जावे।
नियंत्रण कक्षः-बैठक में जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापना का निर्णय लिया गया। नीमच जिलेका नियंत्रण कक्ष पुलिस कंट्रोल रूम फोन नंबर 228000 व 100 रहेगा। तहसील नीमच का नियंत्रण कक्षतहसील कार्यालय पर होगा। जिसका दूरभाष नम्बर 227316 रहेगा। नियंत्रण कक्ष कार्यालयीन समय मेंकार्यशील रहेगा एवं बाढ़ एवं तथा अतिवृष्टि की स्थिति अनुसार नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे क्रियाशीलरहेगा। प्रभारी अधिकारी बाढ़ संबंधित जानकारी से पूर्ण रहेंगे।
बाढ़ की स्थिति में प्राप्त सूचना तत्काल कलेक्टर पुलिस अधीक्षक अपर कलेक्टरअनुविभागीय अधिकारी तथा भू-अभिलेख अधीक्षक नीमच को देंगे। मनासा एवं जावद उपखंड एवंतहसील स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष 15 जून 2024 से क्रियाशील रहेगें।
जिले में सूचना प्रसारणः-बाढ़ एवं अतिवृष्टि की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष द्वारा संबंधित क्षेत्र के पुलिस स्टेशन एवं राजस्व अधिकारियों को सूचना दी जावेगी एवं जनसंपर्क अधिकारी केमाध्यम से स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित भी कराई जावेगी ।वर्षा की जानकारीः-जिले में सभी पुलिस स्टेशनों पर वायरलेस सुविधा उपलब्ध है, सभी वायरलेससेट निरंतर चालू रहे, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित कियागया, कि वर्षा बाढ़ संबंधी जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल कलेक्टर कार्यालय व कंट्रोल रुम परसूचना दें।
सभी तहसीलदार तहसील में स्थापित वर्षा मापक केंद्र पर प्रतिदिन की वर्षा का मापप्रातः 8 बजे पर करवाकर, भू-अभिलेख शाखा कलेक्टर कार्यालय नीमच को भेजने की व्यवस्थासुनिश्चित करें, ताकि प्रातः10.00 बजे तक आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन व अन्य कार्यलयों कोजिले की वर्षा की जानकारी भेजी जा सके। बिलंब से वर्षा जानकारी भेजने की स्थिति मेंतहसीलदार व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी रहेंगे।तहसीलदार मनासा, जावद एवं नीमच अपने-अपनेक्षेत्र के अंतर्गत जिन नदी नालों में बाढ़ उफान पर आ जाते हैं, उन क्षेत्रों में पूर्वानुमान से राहतकार्यों में जुट जाएगी। सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारीगण अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वकपालन करेगें।