मोबाइल की तलाश में जंगलों की खाक छान रही SIT, सीधी दुष्कर्म मामले में बढ़ सकती है पीड़िताओं की संख्या
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सीधी। सात लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपित बृजेश प्रजापति से 16 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। इन फोनों में लगे सिम कार्ड और उनकी काल हिस्ट्री से पुलिस मामले की खुर्दबीनी में जुटी हुई है। पुलिस को संदेह है कि कुछ और भी ऐसे मोबाइल और सिम कार्ड हो सकते हैं, जिनका आरोपित ने उपयोग किया हो, इसलिए पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है। सीधी के इस दुष्कर्म मामले की जांच एसआइटी 14 से 15 घंटों से लगातार कर रही है। वो न केवल मोबाइल और सिम कार्ड की तलाश कर रही है, बल्कि वो काल हिस्ट्री के आधार पर और भी ऐसी युवतियों और महिलाओं तक पहुंचने का प्रयास कर रही है, जिनके साथ आरोपित बृजेश प्रजापति ने दुष्कर्म किया हो।
ट्रैस करने में जुटी पुलिस
पुलिस की एसआइटी इस बात का भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपित, लड़कियों को लेकर जंगल के किन रास्तों से होकर आना जाना करता थ और इस दौरान किन लोगों से मिलता-जुलता था। आरोपित के मोबाइल किस-किस टावर लोकेशन पर रहा, वह किस-किस से बात करता था- पुलिस सभी का पता लगाकर उनसे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
खंगाल रहे बृजेश का इतिहास-भूगोल
रात में लड़कियों को छोड़ने के बाद आरोपित कहां-कहां ठहरता था, इसका भी पता लगाया जा रहा है। आरोपित की दिनचर्या की पुरानी हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है। घटनास्थल मड़वास के कछरिया टोला के करीब चार किलोमीटर के दायरे में फैले जंगल में एसआइटी के जवान पैदल घूमकर मोबाइल और सिम ढूंढ रहे हैं। एसआइटी को उम्मीद है कि पीड़ितों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ सकती है।
खुद करता था छीने गए मोबाइलों का उपयोग
आरोपित के पास से अब तक बरामद 16 मोबाइलों में से चार उसके खुद के हैं, जबकि चार उन युवतियों के हैं, जिनके साथ आरोपित ने दुष्कर्म किया और जो सामने आ चुकी हैं। एसआइटी को संदेह है कि शेष मोबाइल भी इसी तरह से हासिल किए गए हो सकते हैं।
लड़कियों के वाट्सएप पर मंगाता था कागजात
बताया जा रहा है कि आरोपित लड़कियों से लूटे गए मोबाइल से सिम निकालकर उन्हीं लड़कियों का व्हाट्सएप उपयोग करने लगता था। लड़कियों के नंबर पर वह केवल कालेज के कागजात मंगाता था। जांच टीम को यह भी पता चला है कि आरोपित, लड़कियों को अपने जाल में फंसाने के लिए हर बार नंबर बदलता रहता था, ताकि वह पकड़ में नहीं आ सके। इतना ही नहीं बात करने के बाद मोबाइल से सिम निकालकर कर तोड़ देता था या फिर फेंक देता था, ताकि उस नंबर का लोकेशन ना मिले।