आलेख/ विचारमंदसौरमध्यप्रदेश
पेड़ों को विकास के नाम पर काटकर भविष्य के विनाश की पटकथा लिखी जा रही
सभी पौधारोपण करने व उसके लालन-पालन का संकल्प लें
डॉ. रविन्द्र पाण्डेय
मन्दसौर
वृक्षों को लगाना उनका पालन पोषण करना और उनका धार्मिक अनुष्ठान से पूजन करना यह सनातन संस्कृति का अंग है । वर्तमान समय में जिस तरह से बहुत ही तेज गर्मी पड़ रही है, टेंपरेचर हाई है उसके पीछे कारण है वृक्षों की अंधाधुंध कटाई करना, वनों को बड़े पेमाने पर नष्ट करना और शहरीकरण का बढ़ावा देना है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से वर्षद दर वर्ष गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है। आने वाले समय में विकट परिस्थितियों से बचाव के लिये हमें बड़े पैमाने पर पौधारोपण करना चाहिए। हमारे आसपास घरों के आगे रोड के दोनों और जहां भी खाली स्थान दिखे वहां पेड़ लगाना चाहिए जिससे हमारा वातावरण शुद्ध और पवित्र बना रहेगा।
आमजनों से उक्त आव्हान करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र पाण्डेय ने कहा कि हिंदू धर्म में तो कई पेड़-पौधों को पूजनीय माना गया है । अपनी सनातन मान्यता है कि तुलसी, बरगद, पीपल और केला जैसे कई पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए पेड़-पौधे लगाना बेहद शुभ होता है। वृक्ष धरा के भूषण है, करते दूर प्रदूषण है। उसके बाद भी लोग वृक्षों का बेरहमी से कत्ल कर रहे हैं। हमें इतना तो संकल्प लेना ही चाहिए कि हम हरा वृक्ष नहीं काटेंगे और हर वर्ष एक पौधा लगाकर उसकी देखरेख करेंगे।
श्री पाण्डेय ने कहा कि अगर वृक्ष नहीं रहेंगे, तो बारिश भी नहीं होगी। भूगर्भीय जल भी खत्म हो जाएगा। इसलिए सभी संकल्प ले कि वह स्वयं पौधा लगाकर लोगों को भी ऐसा करने की प्रेरित करेंगे। बरसात का मौसम आने वाला है इसलिए हम सबको देश के प्रत्येक नागरिक को संकल्प लेकर पौधारोपण करना, उसका लालन पालन करना और उसको बड़ा करना होगा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि कई बार पेड़ों को विकास के नाम पर काटकर भविष्य के विनाश की पटकथा लिखी जा रही है। प्रशासन को भी चाहिये कि सड़क निर्माण या अन्य किसी वजह से पेड़ काटने से पहले दूसरे पेड़ लगवाने की कोशिश करनी चाहिए थी। वृक्ष लगाएं, जीवन बचाएं, वृक्ष हमारी धरोहर है, वृक्षों के बिना हमारा जीवन संभव नहीं।
आमजनों से उक्त आव्हान करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र पाण्डेय ने कहा कि हिंदू धर्म में तो कई पेड़-पौधों को पूजनीय माना गया है । अपनी सनातन मान्यता है कि तुलसी, बरगद, पीपल और केला जैसे कई पेड़-पौधों में देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए पेड़-पौधे लगाना बेहद शुभ होता है। वृक्ष धरा के भूषण है, करते दूर प्रदूषण है। उसके बाद भी लोग वृक्षों का बेरहमी से कत्ल कर रहे हैं। हमें इतना तो संकल्प लेना ही चाहिए कि हम हरा वृक्ष नहीं काटेंगे और हर वर्ष एक पौधा लगाकर उसकी देखरेख करेंगे।
श्री पाण्डेय ने कहा कि अगर वृक्ष नहीं रहेंगे, तो बारिश भी नहीं होगी। भूगर्भीय जल भी खत्म हो जाएगा। इसलिए सभी संकल्प ले कि वह स्वयं पौधा लगाकर लोगों को भी ऐसा करने की प्रेरित करेंगे। बरसात का मौसम आने वाला है इसलिए हम सबको देश के प्रत्येक नागरिक को संकल्प लेकर पौधारोपण करना, उसका लालन पालन करना और उसको बड़ा करना होगा।
श्री पाण्डेय ने कहा कि कई बार पेड़ों को विकास के नाम पर काटकर भविष्य के विनाश की पटकथा लिखी जा रही है। प्रशासन को भी चाहिये कि सड़क निर्माण या अन्य किसी वजह से पेड़ काटने से पहले दूसरे पेड़ लगवाने की कोशिश करनी चाहिए थी। वृक्ष लगाएं, जीवन बचाएं, वृक्ष हमारी धरोहर है, वृक्षों के बिना हमारा जीवन संभव नहीं।