
परिजनों ने नीजी चिकित्सालय का सहारा लिया -पत्रकार राहुल बैरागी ने मुख्ययमंत्री से कार्यवाही की मांग
ताल –शिवशक्ति शर्मा
ताल के शासकीय चिकित्सालय में व्यवस्थाऐं लम्बे समय से चरमराई हुई है। जिम्मेदारों के कानों पर जुं तक नहीं रेंगती – सर से पांव तक कम्बल ओढ़ कर घी पी रहे हें! जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।ताल के शासकीय चिकित्सालय में करीबन 3 से 4 डाक्टर होने के बावजुद भी समय पर ओ पी डी में कोई चिकित्सक या इमरजेंसी में डाक्टर उपलब्ध नहीं मिलते है, जबकि बीएमओ आलोट ने डाक्टरों की ड्युटी का रोस्टर सिस्टम लागु कर प्रातः आठ बजे से अलग अलग शिफ्ट मे चिकित्सकों की ड्युटी लगा रखी है।
ऐसा लगता है कि ताल के शासकीय चिकित्सालय का स्टाफ की नीचे से लेकर ऊपर तक मिलीभगत कर सेटिंग में है। इस कारण गरीब आदमी को उपचार के लिये भटकना पडुता है। ताल के एक किसान को उसके खेत मे बिजली के तार नीचे होने से करंट लग जाने से 21 मई को सरकारी हास्पिटल में उनके परिजन ले गये जिसमे प्रातः 9-30 बजे सरकारी हास्पिटल मे कोई भी मोजुद नहीं था जिस कारण नीजी चिकित्सालय में उपचार हेतु ले जाना पड़ा।
वाकिया इस प्रकार है –
नारायणदास पिता शंकरदास बैरागी निवासी -सिसोदिया पुरा वार्ड क्रमांक 09 ताल ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिता शंकरदास पिता बगदीराम दास बैरागी निवासी ताल के नाम से करवाखेडी मार्ग ताल पर कृषि खाता भुमि स्थित होकर राजस्व रेकार्ड ताल में दर्ज है जिस पर खेत के अंदर बड़ी विद्युत्त लाईन जा रही है परंतु विद्युत्त तार जमीन खेत पर लटक रहे है यह समस्या करीबन 8 वर्षों से हें ।जिसकी शिकायत हमने संबंधित लाईन मेन मजबुत सिंह को कई बार की व सी एम हेल्प लाईन 181 पर भी शिकायत की परंतु आज तक समस्या का कोई समाधान नही हुआ और उक्त लाईन मेन कभी डरा कर तो कभी समझा बुझाकर शिकायत हमसे जबरन वापस लिवा लेते हें।यह है कि आज दिनांक 9-00 बजे मुझे मेरे बड़े पापा राधेश्याम दास के पुत्र लक्ष्मण दास बैरागी ने मोबाईल पर सुचना की कि तेरे पिता जी शंकर दास बैरागी को उक्त तार से करंट लग गया है। खेत मे नीचे पड़े हुए है तत्काल जेसे भी हो खेत पर आजा तो में तत्त्काल मौके पर जाकर तत्त्काल उनको सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ताल पर अपने पिता जी को लेकर पहुंचा मेरे साथ में मेरा भाई महावीर दास भी था हम 9-30 बजे हास्पिटल पहुंच गया जिसमे तत्काल उपचार हेतु जब वहां देखा तो पुरा हॉस्पिटल ओपीडी खाली पड़ा था न तो कोई पर्ची वाला न ही डाक्टर साहब के कक्ष मे कोई डाक्टर था जिस पर मेने संबंधित चिकित्सकों को इस बात की सुचना उनके मोबाईल पर करना चाही परंतु किसी भी चिकित्सक ने काल अटेंड नही किया। फिर मेने उक्त बात नगर परिषद अध्यक्ष मुकेश परमार को कही कि मेरे पिता जी को करंट लग गया है और उनको लेकर हॉस्पिटल आया हुं कोई भी डाक्टर ड्युटी पर मौजुद नही है कृपा करके जल्द से जल्द चिकित्सक की व्यवस्था कर मेरे पिता जी का उपचार करावें ।परंतु जब काफी देर तक हॉस्पिटल मे कोई चिकित्सक नही आने से मेरे पिता जी का अभी प्राईवेट हॉस्पिटल मे उपचार करवा रहा हुं ।मेरे पिता जी की स्थिती गंभीर हे। सरकारी डाक्टरों की लापरवाही से मेरे पिता की जान पर बन आई है।उचित कार्यवाही की जावे।इस हेतु जिला कलेक्टर रतलाम को भी पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की है।
आपने बताया कि पूर्व मे दैनिक भास्कर ने भी प्रमुखता से सरकारी हास्पिटल की अव्यवस्थाओं की खबर प्रकाशित की थी परंतु ऐसा लगता है कि कोई इस और कार्यवाही करना ही नही चाहता है व आम जनता की जन समस्याओं ंसे इनको कोई सरोकार नही है। उल्टा यहां पर शिकायतकर्ताओं को दबाया जाकर शिकायते वापस लेने का जोर जबरन दबाव बनाया जाता है। क्या शासन प्रशासन संज्ञान लेकर उचित व्यवस्था कराएंगे या आमजन ऐसे ही अपनी जान पर खेलते रहेंगे?