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वात्सल्यधाम में वृद्धजन दिवस पर वृद्धजनों का किया सम्मान

परिवारों को अपने वृद्धजन को वृद्धाश्रम नहीं भेजकर उनके अनुभव से जीवन संवारना चाहिए – नम्रता चावला

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नगर पालिका उपाध्यक्ष नम्रता प्रितेश चावला ने कहा कि वृद्धाश्रम हमारे समाज की व्यवस्था नहीं है, यह पाश्चात्य संस्कृति की देन है। हमारे लिए बुजुर्ग भगवान के समान पूज्य है। परिवारों को अपने वृद्धजन को वृद्धाश्रम नहीं भेजकर उनके अनुभव से जीवन संवारना चाहिए। आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति को संवारना है तो परम पूज्य वरिष्ठजनों का सम्मान करना होगा।
ज्ञानचंद्र खिमेसरा ने कहा कि प्रितेश चावला व भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य काफी सराहनीह कार्य कर रहे है। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी लगातार सेवा के कार्यो में अग्रणी रहता है।
वरिष्ठ पत्रकार विक्रम विद्यार्थी ने कहा कि वरिष्ठजन समाज का आईना होते है। उनके अनुभव से ही हमारा जीवन को संवारता है। हमें हमारे बुर्जुगों का सम्मान करना चाहिए।
गोपाल पटवा ने कहा कि वरिष्ठजनों की सेवा बहुत बड़ी सेवा है यह कल्पना से बाहर है। और यह मौका प्रितेश चावला को मिला है मैं उनकों बहुत शुभकामना देता हॅू।
हंसराज कबाड़ी ने कहा कि भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जिस प्रकार से सेवा भाव का कार्य कर रही है वह काफी सराहनीय है। उन्है वरिष्ठजनों की सेवा करने के लिए ईश्वर ने चुना है। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमेन प्रितेश चावला ने कहा कि वात्यल्य धाम नही हमारा एक परिवार है। सभी हमारे लिए पूज्य है। उन्होने कहा कि हमें वृद्धजनों व माता पिता का सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर नगर के वरिष्ठजन गोपाल पटवा, ज्ञानचंद्र खिमेसरा, विक्रम विद्याथ्ीर्, हंसराज कबाड़ी, केएल मेहरा, शंकर लाल जी व्यास, महेन्द्र जैन, शिवप्रकाष जोशी सहित अन्य वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर वात्सल्यधाम के वरिष्ठ नागरिकों द्वारा यहां के सेवा कार्यो की सराहना की और कहा कि हम सभी परिवार की तरह रहते है। कार्यक्रम का संचालन राजेश नामदेव ने किया और आभार रेडक्रॉस चेयरमेन प्रितेश चावला ने माना। इस अवसर पर भारतीय रेडक्रास सोसायटी जिला शाखा मंदसौर की प्रबंध समिति के सदस्य संजय पोरवाल वाईस चेयरमेन, राजेन्द्र अग्रवाल (प्रदेश प्रतिनिधि), डॉ. कमलेश कुमावत, राजेश नामदेव, हेमन्त शर्मा, चन्द्रशेखर निगम, डॉ. आशीष खिमेसरा, पुष्पेन्द्र भावसार, कुलदीप सिंह सिसौदिया उपस्थित थे।