आसामहैलाकांडी

मातृ दिवस पर तिवारी ने किया विश्व के सभी माताओं को नमन बोले निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा होती है मां

 

रविवार १२ मई २०२४ को सामाजिक कार्यकर्ता तथा चलो कुछ न्यारा करते है फाउंडेशन के शिक्षा विभाग के निर्देशक श्री प्रीतेश तिवारी ने विश्व के सभी माताओं को नमन किया और , मातृ दिवस पर उन्हें प्रणाम करते हुए कहा की हमने स्वर्ग तो कभी नही देखा लेकिन धरती पर स्वर्ग का स्वरूप होती है मां।

उनका कहना है कि जिसके गोद में सर रखने के बाद हम दुनिया की सारी परेशानियां , दुख दर्द तकलीफ भूल जाते है भला उससे बढ़ के और कह हमे चैन मिल सकता है।

लोग कहते है की मरने के बाद स्वर्ग में जाना है, पर हम जीते जी अगर मां का सम्मान और आदर न कर सके तो भला स्वर्ग का क्या महत्व है हमारे बीच।

स्वर्ग की कल्पना ही की जा सकती है लेकिन मां के चरणों में अगर सर रख दो तो यह धरती ही स्वर्ग बन जाती है।

वो औरत जिसने हमे ९ महीने अपने दर्द, पीड़ा तकलीफ सह के हमे जन्म दिया, और फिर हम पाल पोस के बड़ा किया इन दिनों मां ने हर वो मुमकिन कोशिश की जिससे उनके बच्चे को कोई तकलीफ न हो ना ही मन पसंद का खा पाई, ना रात को चैन से सो पाई हर पल बस उसका लल्ला उसका बाबू ठीक है या नही उसे भूख लगी गई या नही, वो क्यू रो रहा है उसे क्या हुआ है यह सोचने में मां ने अपना आधा जीवन बिता दिया, धीरे धीरे हम बड़े हुए , चलना सीखा बोलना सीखा मां ने हमे अक्षरों का ज्ञान दिया , हमारी हर परमाइश पूरी की खुद भूखी रह कर अपने बच्चो को खिलाया, खुद के शौख छोड़ अपने बच्चो के शौख पूरी करते गई मां।

उन्होंने कहा की निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा होती है मां।

जिसके पास मां नही होती उनसे जाकर पूछो क्या दर्द होता है, जीवन में सबकुछ होता है लेकिन मां के बिना वो जीवन ही व्यर्थ होता है।

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