आध्यात्मनीमचमध्यप्रदेश

भगवान के भजन करने मात्र से उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं –विनोद भैया राठौर

ब्रज नंदिनी महिला मंडल द्वारा आयोजित कथा में उमड़े श्रद्धालु,कथा का लिया श्रवण लाभ
–नानी बाई का मायरा कथा में मधुर भजनों पर झूम उठी महिलाएं,झांकी रहीं आकर्षण का केंद्र
नीमच । भगवान के भजन करने मात्र से मनुष्य के जीवन में सुख,शांति व समृद्धि के साथ–साथ उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को भगवान की भक्ति और उनका स्मरण करना सदैव याद रहना चाहिए। भगवान ने अगर हमें मानव के रूप में इस धरती पर भेजा हैं,तो हमे हमेशा ठाकुर जी और अपने माता–पिता की सेवा करनी चाहिए। हर व्यक्ति को धर्म के मार्ग पर चल कर दिन दुखियों की सेवा करने का प्रयास करना चाहिए। नरसिंह जी का जन्म जूनागढ़ गुजरात में हुआ था,नरसिंह जी ने ठाकुर जी की सच्ची भक्ति करी थी। तो उन्हें ठाकुर जी ने साक्षात दर्शन भी दिए थे,भगवान हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलने वाले और सच्ची सेवा करने वाले व्यक्ति के कष्ट में साथ देने जरूर आते हैं। उक्त बाद प्रसिद्ध कथा वाचक विनोद भैया राठौर शहर के महाराणा बंगला,कोर्ट के पीछे ब्रज नंदिनी महिला मंडल के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा के प्रथम दिवस बुधवार को व्यास पीठ से  नरसिंह जी के जन्म का वृतांत का वर्णन करते हुए कथा को अपने मुखारविंद से प्रवाहित करते हुए कह रहें थे। ब्रज नंदिनी महिला मंडल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा का शंखनाद बैंड–बाजे व ढ़ोल–ढमाके के साथ निकली ठाकुर जी की शोभायात्रा व कलश यात्रा के साथ हुआ। कथा आरंभ होने के पूर्व कथा पांडाल में ठाकुर जी का आलौकिक दरबार सजाया गया,वही भगवान भोलेनाथ जी की भी आकर्षक झांकी सजाई गई थी। जिसके पश्चात व्यास पीठ से कथा वाचक विनोद भैया राठौर ने हनुमान चालीसा,गणपति पूजन के साथ सभी देवी–देवताओं को कथा पांडाल में आमंत्रित कर कथा प्रारंभ की। कथा रात्रि 07बजे से प्रारंभ होकर 10 बजे तक प्रारंभ हुई। कथा के वृतांत के दौरान मधुर भजनों की प्रस्तुति भी दी जा रहीं थी,जिस पर ब्रज नंदिनी महिला मंडल की सदस्या तथा महाराणा बंगला व नपा कॉलोनी की महिलाए नृत्य करते हुए ठाकुर जी के दरबार में अपनी हाजरी लगा रहीं थी। कथा के प्रथम दिवस ही महिला मंडल व आस–पास के क्षेत्रों के बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने जुट कर कथा का श्रवण लाभ लिया, कथा के विश्राम पर भगवान ठाकुर जी की महाआरती कर भक्तों को प्रसादी का वितरण भी किया गया।

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